जात विहिन समाज निर्माण Guest post article by Nirmal Kumar Sinha
3 December 2016
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देता है की बहुत से सवर्ण कहे जाने वाले उच्च वर्ग के नवजवान आजकल सफाईवाला के पद पर कार्य कर रहे हैं, और ब्यूटिपार्लर, ड्राई क्लीनर तथा सैलुन चला रहे हैं । साथ ही आज इन्टर कास्ट मैरेज पहले की तुलना में ज्यादा हो रहे हैं । अर्थात हम जात विहिन समाज बनने की प्रक्रिया में हैं किन्तु गति बहुत स्लो है । यह किसी के करने से भी नहीं हो रहा है ।
यह जीवन जीने के क्रम मे अपने आप हो रहा है । लेकिन राजनीतिक पावर रखने वाले नमी लोग इस प्रक्रिया को बाधित करना चाहते हैं क्योंकि यह उनके हित में नहीं है. गांव में अभी भी दलित लड़की यदि सवर्ण लड़का से प्रेम कर विवाह कर ले तो हंगामा हो जाता है. इसके विपरित यदि लड़की सवर्ण हो और लड़का दलित तो युद्ध कि हालत हो जाती है. सरकार के स्तर से ऐसे जोड़ों को संरक्षण तो दिया जाता है किन्तु वह पर्याप्त नहीं है. हम सभी को मिलजुल कर जात विहिन समाज निर्माण को सहयोग करना चाहिए.आगे पड़े भूतों की सच्ची कहानियाँ
यह लेख हमें मेल पर प्राप्त हुआ लेख लिखा है -
Nirmal Kumar Sinha
Mobile- 9794935297
Present work-Retired.
Address- 7/13, Bahar, Sahara State,Gorakhpur (U.P.)
यह जीवन जीने के क्रम मे अपने आप हो रहा है । लेकिन राजनीतिक पावर रखने वाले नमी लोग इस प्रक्रिया को बाधित करना चाहते हैं क्योंकि यह उनके हित में नहीं है. गांव में अभी भी दलित लड़की यदि सवर्ण लड़का से प्रेम कर विवाह कर ले तो हंगामा हो जाता है. इसके विपरित यदि लड़की सवर्ण हो और लड़का दलित तो युद्ध कि हालत हो जाती है. सरकार के स्तर से ऐसे जोड़ों को संरक्षण तो दिया जाता है किन्तु वह पर्याप्त नहीं है. हम सभी को मिलजुल कर जात विहिन समाज निर्माण को सहयोग करना चाहिए.आगे पड़े भूतों की सच्ची कहानियाँ
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Apo ko yaa ki shiko bhi le na hai purne jamane coine ..one quarter anna India 1912..shika chahye call you.7366944670
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