दुनिया में नामुमकीन कुछ भी नहीं पढ़े Real HeroS की कहानी
25 October 2016
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“वे लोग कुछ अलग ही मिटटी के बने होते है, तभी उनकी शोहरत आसमा को छूती है”. वो लोग अलग मिटटी के नही होते, बल्कि जब कुछ ठान लेते है तो आत्मविश्वास को अपना हथियार बना लेते है, आत्मविश्वास को अपनी आदत और लक्षय को वैसे ही देखते हैं जैसे अर्जुन देखता है, सिर्फ मछली की आँख को.आइए कुछ ऐसे हो नायकों की कहानी जिन्होंने सफलता की बुलंदियों को छुआ. safalta ki kahani
मोहम्मद अली
मोहम्मद अली गरीब पेंटर के बेटे थे. बचपन से ही उन्होंने बॉक्सर बनने का सपना पाला. कठोर परिश्रम के बाद उन्होंने रोम ओलिम्पिक में गोल्ड मैडल जीता. वियतनाम युद्ध के समय अली ने युद्ध में जाने से इंकार कर दिया, तो उन्हें बॉक्सिंग से बहिष्कृत कर दिया गया. तीन साल बाद वे लौटे और उनके खाते में तीन बार विश्व हेवीवेट का ख़िताब आया. ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ, क्योकि वे गरीबी से नही डरे. आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े. उनका लक्ष्य पक्का था और उन्होंने बहिष्कृत को खुद पर कभी भी हावी नही होने दिया. मोहम्मद अली का फेमस कथन है, “जो मुझे आगे बढ़ाता है वो मेरे लक्ष्य हैं.” वो ये भी कहते थे की जिसके भीतर रिस्क लेने का साहस और आत्मविश्वास नही, वो जिंदगी में कुछ भी हासिल नही कर सकता
मोहम्मद अली गरीब पेंटर के बेटे थे. बचपन से ही उन्होंने बॉक्सर बनने का सपना पाला. कठोर परिश्रम के बाद उन्होंने रोम ओलिम्पिक में गोल्ड मैडल जीता. वियतनाम युद्ध के समय अली ने युद्ध में जाने से इंकार कर दिया, तो उन्हें बॉक्सिंग से बहिष्कृत कर दिया गया. तीन साल बाद वे लौटे और उनके खाते में तीन बार विश्व हेवीवेट का ख़िताब आया. ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ, क्योकि वे गरीबी से नही डरे. आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े. उनका लक्ष्य पक्का था और उन्होंने बहिष्कृत को खुद पर कभी भी हावी नही होने दिया. मोहम्मद अली का फेमस कथन है, “जो मुझे आगे बढ़ाता है वो मेरे लक्ष्य हैं.” वो ये भी कहते थे की जिसके भीतर रिस्क लेने का साहस और आत्मविश्वास नही, वो जिंदगी में कुछ भी हासिल नही कर सकता
यह भी पड़े अधिक पानी पीने के फायदे
ब्रूस ली brush lee story in hindi
दो कमरों के छोटे से फ्लेट में बचपन गुजारने वाले ब्रूस ली 10 साल तक सिर्फ गिनती ही सिख पाए थे. मात्र 115 डॉलर के साथ वे अमेरिका पहुचे. फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाए निभाई. एक दिन अचानक वेट लिफ्टिंग करते हुए उनकी कमर में गहरी चोट आई, डॉक्टरों ने कुंग फु से साफ इंकार कर दिया. ब्रूस ली दृढ़ संकल्प से दोबारा ठीक होकर लौटे. ब्रूस ली का कथन था, “कभी भी आसान जिंदगी के लिए प्रार्थना मत करो, प्रार्थना करो की मुश्किल से निकलने के लिए अपने भीतर स्ट्रेंथ पैदा कर सको.”brush lee story in hindi
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल
चर्चिल बचपन से हकलाते थे. बचपन में साथ पढ़ने वाले बच्चे उनकी इस हकलाहट पर चिढ़ाया करते थे. हकलाहट के बावजूद चर्चिल ने बचपन से ही तय किया कि वे एक अच्छे वक़्ता बनेंगे. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया तब ब्रिटेन को एक साहसी, अनुभवी और सैन्य पृष्ठभूमि वाले प्रधानमंत्री की जरूरत थी. विस्टन चर्चिल इस पर खरे उतरे थे. यह एक हकलाने वाले बच्चे का आत्मविश्वास ही तो था.
ब्रूस ली brush lee story in hindi
दो कमरों के छोटे से फ्लेट में बचपन गुजारने वाले ब्रूस ली 10 साल तक सिर्फ गिनती ही सिख पाए थे. मात्र 115 डॉलर के साथ वे अमेरिका पहुचे. फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाए निभाई. एक दिन अचानक वेट लिफ्टिंग करते हुए उनकी कमर में गहरी चोट आई, डॉक्टरों ने कुंग फु से साफ इंकार कर दिया. ब्रूस ली दृढ़ संकल्प से दोबारा ठीक होकर लौटे. ब्रूस ली का कथन था, “कभी भी आसान जिंदगी के लिए प्रार्थना मत करो, प्रार्थना करो की मुश्किल से निकलने के लिए अपने भीतर स्ट्रेंथ पैदा कर सको.”brush lee story in hindi
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल
चर्चिल बचपन से हकलाते थे. बचपन में साथ पढ़ने वाले बच्चे उनकी इस हकलाहट पर चिढ़ाया करते थे. हकलाहट के बावजूद चर्चिल ने बचपन से ही तय किया कि वे एक अच्छे वक़्ता बनेंगे. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया तब ब्रिटेन को एक साहसी, अनुभवी और सैन्य पृष्ठभूमि वाले प्रधानमंत्री की जरूरत थी. विस्टन चर्चिल इस पर खरे उतरे थे. यह एक हकलाने वाले बच्चे का आत्मविश्वास ही तो था.
We are urgently in need of kidney donors for the sum of $450,000 USD,
ReplyDeletefor more details:
Dr. Micheal Varghese
Email: drmichealvarghes @gmail.com
call number: +919500703584
WhatsApp: +919500703584