कहानी खुद को इतना काबिल बनाए कि दूसरे आपके आटोग्राफ लेने के लिए लाइन में लगे
25 October 2016
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अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक जार्ज बर्नार्ड शॉ का आरंभिक जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था. लेकिन तमाम विपरीत परिस्थतियो में भी उन्होंने हार नही मानी, और धीरे-धीरे सफलता की बुलंदिया छूते गए. एक दिन उन्हें एक कॉलेज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. बर्नार्ड शॉ ने सहजता से आमंत्रण स्वीकार कर लिया और कार्यक्रम के दिन कॉलेज के विधार्थियो के उत्साह का कोई ठिकाना नही था. सभी उनकी एक झलक पाने को लालायित हो उठे.
कार्यक्रम समाप्त हुआ तो उनके ऑटोग्राफ लेने वालों की एक अच्छी-खासी भीड़ वहा जमा थी. एक नोजवान ने अपनी ऑटोग्राफ बुक उन्हें देते हुए कहा, ‘सर, मुझे साहित्य से बहुत लगाव है और मैने आपकी कई पुस्तकें पढ़ी हैं. में अब तक अपनी कोई पहचान नही बना पाया हूं, लेकिन बनाना अवश्य चाहता हु. इसके लिए आप कोई संदेश देकर अपने हस्ताक्षर कर दे तो बहुत मेहरबानी होगी.' बर्नार्ड शॉ नोजवान की इस बात पर धीमे में मुस्कराए फिर उसके हाथ से ऑटोग्राफ बुक लेकर एक संदेश लिखा और अपने हस्ताक्षर भी कर दिए.
कार्यक्रम समाप्त हुआ तो उनके ऑटोग्राफ लेने वालों की एक अच्छी-खासी भीड़ वहा जमा थी. एक नोजवान ने अपनी ऑटोग्राफ बुक उन्हें देते हुए कहा, ‘सर, मुझे साहित्य से बहुत लगाव है और मैने आपकी कई पुस्तकें पढ़ी हैं. में अब तक अपनी कोई पहचान नही बना पाया हूं, लेकिन बनाना अवश्य चाहता हु. इसके लिए आप कोई संदेश देकर अपने हस्ताक्षर कर दे तो बहुत मेहरबानी होगी.' बर्नार्ड शॉ नोजवान की इस बात पर धीमे में मुस्कराए फिर उसके हाथ से ऑटोग्राफ बुक लेकर एक संदेश लिखा और अपने हस्ताक्षर भी कर दिए.
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नोजवान ने ऑटोग्राफ बुक खोलकर देखा तो उस पर लिखा था की अपना समय ऑटोग्राम इकठ्ठा करने में नष्ट न करे, बल्कि खुद को इस योग्य बनाए की दूसरे लोग आपके ऑटोग्राफ प्राप्त करने के लिए लालायित रहे.' यह संदेश पढ़कर नोजवान ने उनका अभिवादन किया और बोला, 'सर, मैं आपके इस संदेश को जीवन भर याद रखूंगा और अपनी एक अलग पहचान बनाकर दिखाऊंगा.' बर्नार्ड शॉ ने नवयुवक की पीठ थपथपाई और आगे चल पड़े.
सीख
अपने जीवन का हर क्षण खुद को बेहतर बनाने में लगाना चाहिए. ताकि आपको दूसरों के ऑटोग्राफ लेने की आवश्यकता न हो बल्कि लोग आपके ऑटोग्राफ लेले के लिए लाइन में लगे रहे.
नोजवान ने ऑटोग्राफ बुक खोलकर देखा तो उस पर लिखा था की अपना समय ऑटोग्राम इकठ्ठा करने में नष्ट न करे, बल्कि खुद को इस योग्य बनाए की दूसरे लोग आपके ऑटोग्राफ प्राप्त करने के लिए लालायित रहे.' यह संदेश पढ़कर नोजवान ने उनका अभिवादन किया और बोला, 'सर, मैं आपके इस संदेश को जीवन भर याद रखूंगा और अपनी एक अलग पहचान बनाकर दिखाऊंगा.' बर्नार्ड शॉ ने नवयुवक की पीठ थपथपाई और आगे चल पड़े.
सीख
अपने जीवन का हर क्षण खुद को बेहतर बनाने में लगाना चाहिए. ताकि आपको दूसरों के ऑटोग्राफ लेने की आवश्यकता न हो बल्कि लोग आपके ऑटोग्राफ लेले के लिए लाइन में लगे रहे.
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