बैंक में कर रहे 10 तरीके का लेनदेन तो साबधान ये खबर जरूर देख ले
12 August 2018
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Income tax ki jankari ब्लैकमनी पर मोदी सरकार लगातार कई बड़े फैसले ले रही है। इसी के तहत सरकार लगातार लोगों से इनकम टैक्स डिक्लेयर करने और टैक्स देने की अपील की है। इसके लिए सरकार ने नए नियम भी बनाए हैं
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नए नियमों के तहत इनकम टैक्स विभाग आपके तमाम ट्रांजैक्शन पर नजर रख रहा है। ऐसे में आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अलर्ट रहना होगा। हम आपको बता रहे हैं ऐसे 10 ट्रांजैक्शन के बारे में जिसकी जानकारी सरकार को अपने आप हो जाती है।
10 लाख रुपए कैश डिपॉजिट की जानकारी
नियमों के तहत अगर आप बैंक में एक फाइनेंशियल ईयर में एक या कई अकाउंट में कुल 10 लाख रुपए या इससे अधिक कैश जमा कराते हैं तो इस बात की जानकारी बैंक इनकम टैक्स विभाग को देगा। इसके आधार पर इनकम टैक्स विभाग आपसे इस पैसे का सोर्स पूछ सकता है।
आगे की स्लाइड में जानें 10 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट पर क्या होगा
10 लाख रुपए फिक्स डिपॉजिट
अगर कोई व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपए या इससे अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट कराता है तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को देनी होगी। ऐसे में किसी के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी इनकम को कम दिखाना महंगा पड़ सकता है।
1 लाख रुपए क्रेडिट कार्ड बिल का कैश पेमेंट
बैंक को 1 लाख रुपए इससे अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की जानकारी भी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी। इसके अलावा एक फाइनेंशियनल ईयर में 10 लाख रुपए या इससे अधिक का क्रेडिट कार्ड ड्यू सेटल करने के लिए किसी भी मोड चेक, ऑनलाइन या कैश से किए गए पेमेंट की जानकारी बैंक को इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी।
2.5 लाख रुपए कैश डिपॉजिट
इनकम टैक्स विभाग ने बैंकों को निर्देश दिया है कि 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच अगर कोई व्यक्ति 1 या अधिक अकाउंट 2.5 लाख रुपए या इससे अधिक जमा कराता है तो बैंकों को इसकी जानकारी देनी होगी।
करंट अकाउंट में 12.5 लाख रुपए कैश डिपॉजिट
नोट बंदी के बाद करंट अकाउंट में अगर किसी व्यक्ति ने 12.5 लाख रुपए या इससे अधिक कैश जमा कराया है तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी
1 अप्रैल 2016 से 9 नवंबर 2016 के बीच जमा कराई गई रकम
इनकम टैक्स विभाग की ओर से जारी किए नोटिफिकेशन के अनुसार अगर किसी ने 1 अप्रैल 2016 और 9 नवंबर 2016 के बीच कैश जमा कराया है ओर यह रकम इस इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट की जाने वाली रकम के दायरे में आती है तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को 31 जनवरी 2017 तक देनी थी। नए नियमों के तहत इनकम टैक्स विभाग आपके तमाम ट्रांजैक्शन पर नजर रख रहा है। ऐसे में आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अलर्ट रहना होगा। हम आपको बता रहे हैं ऐसे 10 ट्रांजैक्शन के बारे में जिसकी जानकारी सरकार को अपने आप हो जाती है।
10 लाख रुपए कैश डिपॉजिट की जानकारी
नियमों के तहत अगर आप बैंक में एक फाइनेंशियल ईयर में एक या कई अकाउंट में कुल 10 लाख रुपए या इससे अधिक कैश जमा कराते हैं तो इस बात की जानकारी बैंक इनकम टैक्स विभाग को देगा। इसके आधार पर इनकम टैक्स विभाग आपसे इस पैसे का सोर्स पूछ सकता है।
आगे की स्लाइड में जानें 10 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट पर क्या होगा
10 लाख रुपए फिक्स डिपॉजिट
अगर कोई व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपए या इससे अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट कराता है तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को देनी होगी। ऐसे में किसी के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी इनकम को कम दिखाना महंगा पड़ सकता है।
1 लाख रुपए क्रेडिट कार्ड बिल का कैश पेमेंट
बैंक को 1 लाख रुपए इससे अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की जानकारी भी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी। इसके अलावा एक फाइनेंशियनल ईयर में 10 लाख रुपए या इससे अधिक का क्रेडिट कार्ड ड्यू सेटल करने के लिए किसी भी मोड चेक, ऑनलाइन या कैश से किए गए पेमेंट की जानकारी बैंक को इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी।
2.5 लाख रुपए कैश डिपॉजिट
इनकम टैक्स विभाग ने बैंकों को निर्देश दिया है कि 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच अगर कोई व्यक्ति 1 या अधिक अकाउंट 2.5 लाख रुपए या इससे अधिक जमा कराता है तो बैंकों को इसकी जानकारी देनी होगी।
करंट अकाउंट में 12.5 लाख रुपए कैश डिपॉजिट
नोट बंदी के बाद करंट अकाउंट में अगर किसी व्यक्ति ने 12.5 लाख रुपए या इससे अधिक कैश जमा कराया है तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी
10 लाख का बांड या डिबेंचर खरीदने पर अगर कोई व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में कुल 10 लाख रुपए या इससे अधिक का बांड या डिबेंचर खरीदता है तो कंपनी या संस्थान को इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को देनी होगी।
10 लाख का म्यूचुअल फंड खरीदने पर इसी तरह से अगर कोई व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में कुल 10 लाख रुपए या इससे अधिक का म्यूचुअल फंड खरीदता है तो फंड हाउस को इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी।
30 लाख रुपए का घर या जमीन खरीदने पर अगर कोई व्यक्ति 30 लाख रुपए या इससे अधिक का घर जमीन की खरीदारी करती है तो रजिस्ट्रॉर को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी।
10 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा खरीदने पर अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपए या इससे अधिक की विदेशी मुद्रा खरीदता है तो विदेश मुद्रा बेचने वाले को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी।
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