आजादी के बाद 5 राज्यों ने भारत में मिलने से कर दिया था इनकार


सभी जानते हे की 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी और हमारा देश आजाद हो गया था. जहाँ एक और आजादी का जश्न मनाया जा रहा था वहीं दूसरी और कुछ राज्य भारत में शामिल होने से इनकार कर रहे थे. ऐसे में उन्हें समझाना भी टेढ़ी खीर थी. आईये जानते हे की कौन-कौन से वे राज्य थे जो भारत में शामिल होने के लिए मना कर रहे थे.
5 Rajy JInhone India Me Shamil Hone Se Kiya Tha Inkaar

1. त्रावणकोर
आजादी के बाद त्रावणकोर पहला ऐसा राज्य था जिसे भारत में शामिल होने से इनकार कर दिया था. इसने देश में कांग्रेस के नेतृत्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया. यह राज्य समुद्री व्यापार से जुड़ा हुआ था और खनिज का धनी था.

2. जोधपुर
जोधपुर के शासक सबसे ताकतवर हिन्दू शासकों में से एक थे फिर भी उन्होंने भारत में शामिल होने से मना कर दिया था. असल में ऐसा था की पकिस्तान के बॉर्डर के पास होने के कारण पकिस्तान के PM ने उन्हें बहुत सारे ऑफर दिए थे जिसकी वजह से वे पकिस्तान में शामिल होने का मन बना चुके थे. लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल के समझाने के बाद वे भारत में शामिल होने के लिए राजी हो गए.

3. भोपाल
भोपाल भी खुद को स्वतंत्र राज्य बनाने की जिद पर अड़ा था. हिन्दू राज्य होने के बावजूद भी भोपाल पर मुश्लिम शासक शासन करता था. इसी वजह से उसने भी भारत में शामिल होने से मना कर दिया था.

4. हैदराबाद
हैदराबाद को भारत में शामिल करना सबके लिए जटिल चुनौती थी. लेकिन काफी समझाइश के बाद हैदराबाद को भी भारत में शामिल कर दिया गया.

5. जूनागढ़
हैदराबाद के सबसे ज्यादा विरोध गुजरात के जूनागढ़ ने किया था की उसे भी अलग राज्य का दर्जा चाहिए था.

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