काम को टालने की आदत दिमाक को नुकसानदायक है कैसे बचे
23 May 2017
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Aalsipan dur karne ke upay in hindi - काल करे सो आज करे'...यह कहावत तो सभी ने सुनी होगी, अपनों से छोटों को भी अक्सर हम यह सीख देते हैं, और बचपन से ख़ुद भी यह सुनते आते हैं लेकिन क्या ख़ुद इसे अपनाते हंै....
1# अवधि ख़त्म होने का इंतजार हम अक्सर ऐसी ज़िम्मेदारी से भागते हैं जिसमें हमें कार्य को नियत समय पर करना पड़ता है। जिस काम में हमे अपनी सहूलियत दिखती है उसे पहले करने में लग जाते हंै, भले ही उस काम की उस वक़्त कोई ख़ास आवश्यकता न हो।
how to remove work laziness and be active
मनुष्य का स्वभाव ही ऐसा होता है कि जब तक समयावधि ख़त्म होने के नज़दीक नहीं पहुंच जाते, तब तक कार्य को गंभीरता से नहीं लेते। हमें लगता है कि हम दिए गए कार्य को सबसे बेहतर करेंगे। लेकिन होता इसका विपरीत है। बचे हुए समय में हड़बड़ाहट में काम करने से काम का आनंद भी ख़त्म हो जाता है।
2# सपने देखने में समय न करें बर्बाद काम की ज़िम्मेदारी मिलते ही हम उसे कैसे करेंगे, कब करेंगे यह सोचने में ज़्यादा वक़्त बर्बाद करते हैं। काम को करने में जितना समय लगता है, उससे ज़्यादा समय हम उसे किस तरह से और कब करना है, यह सोचने में बर्बाद कर देते हैं। जिस कारण समय बर्बाद करने के साथ-साथ उस काम को भी नहीं कर पाते जिसे स्वप्न देखने के वक़्त करना था। काम तो करने से होगा, सपने देखने से नहीं। बेहतर होगा कि जब भी काम की ज़िम्मेदारी मिले तो जल्द से जल्द उसकी रूपरेखा तैयार कर शुरुआत कर देनी चाहिए। सपने देखने से परिणाम भी काल्पनिक ही िमलेंगे, लेकिन समय पर कार्य करने से परिणाम भी समय पर और सुखद मिलते हैं।
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3# परिस्थितियों का करें सामना समय पर काम को पूरा न करके उससे बचना परिस्थिति से भागना होता है। कॉलेज में अक्सर असाइनमेंट मिलने पर हम या तो समय पर जमा नहीं करते या जिस दिन जमा करना होता है उस दिन कॉलेज नहीं जाते। ऐसा करने से देरी से काम पूरा करना हमारी आदत में शुमार हो जाता हंै। यही आदतें हम अपनी नौकरीपेशा ज़िंदगी में भी अपनाते हैं। इस तरह का रवैया हमारी छवि को हमेशा के लिए ख़राब कर देता है। इस रवैये के कारण हमारे सहयोगी या हमारे दोस्त हमें किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी देने से पहले सोचते हंै।आगे जरूर पढ़े -5 तरह की होती हैं लड़कियां ऐसे मानेंगी आपकी हर बात
4# हर काम का समय तय करें... इम्तिहान आने वाले हैं या प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं, तो नोट्स या टारगेट को हिस्सों में बांट लें। जैसे किताब के चार भाग कर लें, पहले भाग को पढ़ने के लिए एक निश्चित समय तय करें। अगले भाग के लिए भी उतना ही समय दें। इससे आपको एक साथ पढ़ने में होने वाली घबराहट से तो निजात मिलेगी ही, साथ ही कहां से पढ़ना शुरू किया जाए यह सोचने में लगने वाला वक़्त भी बर्बाद नहीं होगा। किसी भी काम की शुरूआत करने से पहले उस काम की सूची बना लें। इससे समझने में आसानी होगी और किस काम को कब और किस समय में पूरा करना है, यह भी सही-सही जान पाएंगे।
कुछ बातो का हमेशा ख्याल रखें जैसे -
हर कार्य का समय निर्धारित करें :- जो भी समय निर्धारित करो उसी समय पर वो कार्य करने की कोशिस करो। अगर आप कुछ दिन ऐसा करोगे तो आप उसे करने के हैबुच्वल हो जाओगे और फिर आप छोड़ना भी चाहोंगे तो भी नही छोड़ पाओगे । उस समय फिर आपको ये लगेगा की आपको ये कार्य कर लेना चाहिए ।
जरूरी व अनजरूरी कार्यो में फर्क करें :- ऐसा करने से आप जरूरी कार्य को पहले करेंगे । और अनजरूरी कार्यो को बाद के लिए छोड़ दोगे । नही तो हम कई बार अंससरी कार्यो में समय बर्बाद कर देते हैं ।
गापीस करने की आदत को बदलें :- कई बार हम आपसी बातो में लग कर कार्य नही कर पाते। इसलिए काम करते वक्त गापीस में ना लगें । अक्सर ये होता है की आपस में बात करने बैठ गए तो फिर वो कार्य टल ही जाता है ।
हार्डवर्किंग कार्यो को पहले करें :- हम छोटे छोटे कार्यो में फंस कर बड़े कर्यो को कल पर छोड़ देते हैं । और फिर उनमे पूरा समय ना दे पाने की वजह से उस काम की क्वालटी डाउन हो जाती है । और आप ये अच्छी तरह से जानते हो कि एक समय कार्य देर से हो तो चल सकता है लेकिन क्वालटी से समझौता नही हो सकता ।
समय व्यर्थ ना गवाएं :- लेडीज में ये आदत अक्सर होती है की वो अपने कार्यो को अहमियत नही देती । और उन्हें कल पर टालती रहती हैं । जिससे वे उस कार्य में एक्सपर्ट होते हुए भी काम को सही समय और सही क्वालटी से नही कर पाती ।
उबाऊ कार्यो में हाथ ना डालें :- ज्यादातर काम कल पर टालने का रीजन ही ये होता है कि जो कार्य हमे पसंद नही होते उन्ही कार्यो को हम कल पर टालते हैं । इसलिए जो काम आप नही कर सकते उस कार्य को आप किसी और से करवाएं
1# अवधि ख़त्म होने का इंतजार हम अक्सर ऐसी ज़िम्मेदारी से भागते हैं जिसमें हमें कार्य को नियत समय पर करना पड़ता है। जिस काम में हमे अपनी सहूलियत दिखती है उसे पहले करने में लग जाते हंै, भले ही उस काम की उस वक़्त कोई ख़ास आवश्यकता न हो।
how to remove work laziness and be active
मनुष्य का स्वभाव ही ऐसा होता है कि जब तक समयावधि ख़त्म होने के नज़दीक नहीं पहुंच जाते, तब तक कार्य को गंभीरता से नहीं लेते। हमें लगता है कि हम दिए गए कार्य को सबसे बेहतर करेंगे। लेकिन होता इसका विपरीत है। बचे हुए समय में हड़बड़ाहट में काम करने से काम का आनंद भी ख़त्म हो जाता है।
2# सपने देखने में समय न करें बर्बाद काम की ज़िम्मेदारी मिलते ही हम उसे कैसे करेंगे, कब करेंगे यह सोचने में ज़्यादा वक़्त बर्बाद करते हैं। काम को करने में जितना समय लगता है, उससे ज़्यादा समय हम उसे किस तरह से और कब करना है, यह सोचने में बर्बाद कर देते हैं। जिस कारण समय बर्बाद करने के साथ-साथ उस काम को भी नहीं कर पाते जिसे स्वप्न देखने के वक़्त करना था। काम तो करने से होगा, सपने देखने से नहीं। बेहतर होगा कि जब भी काम की ज़िम्मेदारी मिले तो जल्द से जल्द उसकी रूपरेखा तैयार कर शुरुआत कर देनी चाहिए। सपने देखने से परिणाम भी काल्पनिक ही िमलेंगे, लेकिन समय पर कार्य करने से परिणाम भी समय पर और सुखद मिलते हैं।
आगे जरूर पढ़े - फोजियों के बाल क्यों छोटे किये जाते हे..Hair Cut For A Aarmy Men
3# परिस्थितियों का करें सामना समय पर काम को पूरा न करके उससे बचना परिस्थिति से भागना होता है। कॉलेज में अक्सर असाइनमेंट मिलने पर हम या तो समय पर जमा नहीं करते या जिस दिन जमा करना होता है उस दिन कॉलेज नहीं जाते। ऐसा करने से देरी से काम पूरा करना हमारी आदत में शुमार हो जाता हंै। यही आदतें हम अपनी नौकरीपेशा ज़िंदगी में भी अपनाते हैं। इस तरह का रवैया हमारी छवि को हमेशा के लिए ख़राब कर देता है। इस रवैये के कारण हमारे सहयोगी या हमारे दोस्त हमें किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी देने से पहले सोचते हंै।आगे जरूर पढ़े -5 तरह की होती हैं लड़कियां ऐसे मानेंगी आपकी हर बात
4# हर काम का समय तय करें... इम्तिहान आने वाले हैं या प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं, तो नोट्स या टारगेट को हिस्सों में बांट लें। जैसे किताब के चार भाग कर लें, पहले भाग को पढ़ने के लिए एक निश्चित समय तय करें। अगले भाग के लिए भी उतना ही समय दें। इससे आपको एक साथ पढ़ने में होने वाली घबराहट से तो निजात मिलेगी ही, साथ ही कहां से पढ़ना शुरू किया जाए यह सोचने में लगने वाला वक़्त भी बर्बाद नहीं होगा। किसी भी काम की शुरूआत करने से पहले उस काम की सूची बना लें। इससे समझने में आसानी होगी और किस काम को कब और किस समय में पूरा करना है, यह भी सही-सही जान पाएंगे।
कुछ बातो का हमेशा ख्याल रखें जैसे -
हर कार्य का समय निर्धारित करें :- जो भी समय निर्धारित करो उसी समय पर वो कार्य करने की कोशिस करो। अगर आप कुछ दिन ऐसा करोगे तो आप उसे करने के हैबुच्वल हो जाओगे और फिर आप छोड़ना भी चाहोंगे तो भी नही छोड़ पाओगे । उस समय फिर आपको ये लगेगा की आपको ये कार्य कर लेना चाहिए ।
जरूरी व अनजरूरी कार्यो में फर्क करें :- ऐसा करने से आप जरूरी कार्य को पहले करेंगे । और अनजरूरी कार्यो को बाद के लिए छोड़ दोगे । नही तो हम कई बार अंससरी कार्यो में समय बर्बाद कर देते हैं ।
गापीस करने की आदत को बदलें :- कई बार हम आपसी बातो में लग कर कार्य नही कर पाते। इसलिए काम करते वक्त गापीस में ना लगें । अक्सर ये होता है की आपस में बात करने बैठ गए तो फिर वो कार्य टल ही जाता है ।
हार्डवर्किंग कार्यो को पहले करें :- हम छोटे छोटे कार्यो में फंस कर बड़े कर्यो को कल पर छोड़ देते हैं । और फिर उनमे पूरा समय ना दे पाने की वजह से उस काम की क्वालटी डाउन हो जाती है । और आप ये अच्छी तरह से जानते हो कि एक समय कार्य देर से हो तो चल सकता है लेकिन क्वालटी से समझौता नही हो सकता ।
समय व्यर्थ ना गवाएं :- लेडीज में ये आदत अक्सर होती है की वो अपने कार्यो को अहमियत नही देती । और उन्हें कल पर टालती रहती हैं । जिससे वे उस कार्य में एक्सपर्ट होते हुए भी काम को सही समय और सही क्वालटी से नही कर पाती ।
उबाऊ कार्यो में हाथ ना डालें :- ज्यादातर काम कल पर टालने का रीजन ही ये होता है कि जो कार्य हमे पसंद नही होते उन्ही कार्यो को हम कल पर टालते हैं । इसलिए जो काम आप नही कर सकते उस कार्य को आप किसी और से करवाएं
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