कहानी मजदूरी या मज़बूरी की Story For Majduri Or Majburi


अपने घर लकड़ी की अलमारी बनवाने के लिए मेने एक बढ़ई को बुलाया. बढ़ई के साथ उसका 13-14 साल का लड़का भी आया था. एक-दो दिन बाद मेने देखा की वो बढ़ई अपने पुत्र को पीट रहा था. मेने बीच में हस्तक्षेप किया और बढ़ई से पीटने का कारण पूछा. उसने कहा “बाबूजी मेरे बहुत समझाने पर भी यह बीड़ी नहीं पीता. उसका उत्तर सुनकर में दंग रह गया. मेने कहा “तुम कितने मुर्ख आदमी हो उसे बीड़ी पीने की गंदी आदत डाल रहे हो. 
जवाब में बढ़ई ने कहा “गुस्ताखी माफ़ हो, बाबूजी. पर आप नहीं समझेंगे, देखिये हम हे मजदुर आदमी, दिनभर मेहनत का काम करना पड़ता हे, जिस पर इस लड़के की आदत हे डटकर काम करता हे. यदि इसको बीड़ी पीने की आदत पड़ जाएगी, तो आदत के चलते यह बार-बार बीड़ी पीने उठेगा, इससे शरीर को कुछ आराम मिल जायेगा. नहीं तो जिस तरह से यह लगातार काम करता हे इससे तो सका शरीर जल्दी टूट जायेगा.

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में बढ़ई की बात सुनकर अवाक रह गया. यह लोग ना सिर्फ आराम करने बल्कि भूख दबाने के लिए भी नशा करते हे. में सोचने लगा की वाकई में यह मजदूरी हे या मज़बूरी.

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