जीवन के 9 अमूल्य सूत्र..Useful Tips For Life
13 January 2017
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जीवन को जीने की कला आणि चाहिए, इसे जीना इतना मुश्किल भी नहीं हे. आईये जानते हे जीवन से जुड़े 9 सूत्र जो किसी की भी जिंदगी बदलने के लिए काफी हे.
Useful Tips For Life
1. जहां शब्द धुंधले पड़ जाए, वहा चीजे जीवंत हो उठती हैं.
2. मैं मरुस्थल का आशिक हु. रेत के टीले पर बैठकर आदमी कुछ नही देखता, कुछ नही सुनता. बस, ख़ामोशी में कुछ धड़कता है, कुछ चमकता हैं.
3. जिंदगी ने सिखाया है कि प्यार एक-दूसरे को निहारते रहना नही अपितु संग-संग एक ही दिशा में देखता है.
4. जिंदगी में जो अनिवार्य है, आँखे उसे देख नही पाती उसे सिर्फ दिल से ही देखा जा सकता हैं.
5. एक कलाकार अपनी कला की संपूर्णता उस समय हासिल नही करता, जब उसके पास जोड़ने के लिए कुछ न बचा हो, बल्कि उस समय हासिल करता है, जब उसके पास ख़ारिज करने के लिए कुछ न हो.
6. मनुष्य होने का अर्थ है- जिम्मेदार होना, यह महसूस करना की यदि हर आदमी अपने हिस्से की एक ईंट रखता है, तो व विश्व-निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान करता है.
Useful Tips For Life
1. जहां शब्द धुंधले पड़ जाए, वहा चीजे जीवंत हो उठती हैं.
2. मैं मरुस्थल का आशिक हु. रेत के टीले पर बैठकर आदमी कुछ नही देखता, कुछ नही सुनता. बस, ख़ामोशी में कुछ धड़कता है, कुछ चमकता हैं.
3. जिंदगी ने सिखाया है कि प्यार एक-दूसरे को निहारते रहना नही अपितु संग-संग एक ही दिशा में देखता है.
4. जिंदगी में जो अनिवार्य है, आँखे उसे देख नही पाती उसे सिर्फ दिल से ही देखा जा सकता हैं.
5. एक कलाकार अपनी कला की संपूर्णता उस समय हासिल नही करता, जब उसके पास जोड़ने के लिए कुछ न बचा हो, बल्कि उस समय हासिल करता है, जब उसके पास ख़ारिज करने के लिए कुछ न हो.
6. मनुष्य होने का अर्थ है- जिम्मेदार होना, यह महसूस करना की यदि हर आदमी अपने हिस्से की एक ईंट रखता है, तो व विश्व-निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान करता है.
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7. घमंडी केवल अपनी तारीफ ही सुन सकता हैं.
8. दोस्त को भूल जाना बहुत दुखदायी होता है. हर आदमी इतना भाग्यशाली नही होता की उसका कोई दोस्त हो. प्रौढ़ अवस्था के लोगो को दोस्ती से अधिक बैंक बैलेंस प्रिय लगने लगते हैं.
7. घमंडी केवल अपनी तारीफ ही सुन सकता हैं.
8. दोस्त को भूल जाना बहुत दुखदायी होता है. हर आदमी इतना भाग्यशाली नही होता की उसका कोई दोस्त हो. प्रौढ़ अवस्था के लोगो को दोस्ती से अधिक बैंक बैलेंस प्रिय लगने लगते हैं.
9. आस्थाओं, विस्वासों और रीती-रिवाजो की सदियों पुरानी विरासत का नाम संस्कृति है. किसी देश की सभ्यता एवं संस्कृति के मूल तत्वों को तर्क की कसौटी पर आंका नही जा सकता. वे तो अपने आप में ही स्वयं सिद्ध मार्ग हैं, जिन पर कभी हमारे पूर्वज चले थे और हमारी आने वाली पीढ़िया चलेगी.
बहुत ही अच्छा आर्टिकल है। Very nice .... Thanks for this!! :) :)
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