1 घर प्लाट से ज्यादा जप्ती होगी बेनामी प्रॉपर्टी नोट बंदी के बाद
18 November 2016
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Benami Properties govt planning take action -नई दिल्ली। ब्लैकमनी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगला निशाना बेनामी प्रॉपर्टी है। प्रधानमंत्री इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। सरकार इसकी तैयारी पहले से कर रही थी। इसलिए 1 नवंबर से नया बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट लागू किया गया है। हालांकि अभी इस एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू नहीं हुुई है, लेकिन जल्द ही कार्रवाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में आपका यह जानना जरूरी है कि नया बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट क्या है और एक्ट के मुताबिक बेनामी प्रॉपर्टी क्या है, इसमें सजा का क्या प्रावधान है।
रियल एस्टेट एक्सपर्ट रमेश मेनन कहते हैं कि 1000 और 500 के नोट बंद होने के बाद जो अपना काला धन बेनामी प्रॉपर्टी में लगा रहे हैं, उनके लिए यह बेनामी एक्ट नुकसानदायक हो सकता है
क्या है बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट बेनामी लेन-देन पर रोक लगाने के लिए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिशन) एक्ट – 1988 लागू था, जिसमें बेनामी लेनदेन करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना या दोनों का प्रावधान था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे नाकाफी मानते हुए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिशन) (अमेंडमेंड) एक्ट – 2016 लागू किया है। इस नए एक्ट में सजा को कठोर कर दिया गया हैै। अगली स्लाइड में पढ़ें –एक्ट के मुताबिक बेनामी प्रॉपर्टी किसे कहा जाता है
किसे कहते हैं बेनामी प्रॉपर्टी बेनामी यानी ऐसी प्रॉपर्टी, जिसे खरीदते वक्त लेन-देन उस व्यक्ति के नाम पर नहीं होता, जिसने इस प्रॉपर्टी की कीमत चुकाई है। मतलब प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन किसी और नाम पर होता है और पैसे का भुगतान कोई और करता है। ऐसी प्रॉपर्टी पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी जाती है। इतना ही नहीं, कई लोग अपने नौकरों, दोस्तों के नाम पर भी ऐसी प्रॉपर्टी खरीदते हैं। ऐसी प्रॉपर्टी जिस व्यक्ति के नाम खरीदी जाती है, उसे बेनामदार कहा जाता है।
क्या है बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट बेनामी लेन-देन पर रोक लगाने के लिए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिशन) एक्ट – 1988 लागू था, जिसमें बेनामी लेनदेन करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना या दोनों का प्रावधान था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे नाकाफी मानते हुए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिशन) (अमेंडमेंड) एक्ट – 2016 लागू किया है। इस नए एक्ट में सजा को कठोर कर दिया गया हैै। अगली स्लाइड में पढ़ें –एक्ट के मुताबिक बेनामी प्रॉपर्टी किसे कहा जाता है
किसे कहते हैं बेनामी प्रॉपर्टी बेनामी यानी ऐसी प्रॉपर्टी, जिसे खरीदते वक्त लेन-देन उस व्यक्ति के नाम पर नहीं होता, जिसने इस प्रॉपर्टी की कीमत चुकाई है। मतलब प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन किसी और नाम पर होता है और पैसे का भुगतान कोई और करता है। ऐसी प्रॉपर्टी पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी जाती है। इतना ही नहीं, कई लोग अपने नौकरों, दोस्तों के नाम पर भी ऐसी प्रॉपर्टी खरीदते हैं। ऐसी प्रॉपर्टी जिस व्यक्ति के नाम खरीदी जाती है, उसे बेनामदार कहा जाता है।
कैसे होती है पहचान - यदि आपने अपने बेटे या बेटी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदी है, लेकिन उसे आपने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में डिक्लेयर इनकम का हिस्सा नहीं दिखाया है तो उसे आपकी बेनामी प्रॉपर्टी माना जाएगा। - इतना ही नहीं, यदि आपके पास कोई ज्वाइंट प्रॉपर्टी है। मतलब, एक प्रॉपर्टी, जिसमें आपका नाम तो है, लेकिन आपने इस खर्च का जिक्र अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं किया है तो उसे भी बेनामी मान लिया जाएगा।
कैसे होगी कार्रवाई एक्ट में प्रावधान किया गया है कि सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी को लगता है कि आपके कब्जे की प्रॉपर्टी बेनामी है तो वह आपको नोटिस जारी कर आपसे प्रॉपर्टी के कागजात तलब कर सकता है। इस नोटिस के तहत आपको 90 दिन के भीतर अपनी प्रॉपर्टी के कागजात अधिकारी को दिखाने होंगे।
जानें क्या हो सकती है आपको सजा - नए कानून के तहत बेनामी प्रॉपर्टी पाए जाने पर सरकार उसे जब्त कर सकती है। - या बेनामी लेन-देन पाए जाने पर 3 से 7 साल की कठोर कैद की सजा और प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है। - ये दोनों सजा साथ-साथ दी जा सकती है। - जो लोग जानबूझकर गलत सूचना देते हैं उन पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तक जुर्माना और 6 माह से लेकर 5 साल तक का जुर्माने का प्रावधान है। जैसे कि ज्वाइंट प्रॉपर्टी में आपका नाम है और आप ने जानबूझ कर इसको डिक्लेयर नहीं किया तो यह अपराध इस श्रेणी में आ सकता है। ये दोनों सजा साथ-साथ दी जा सकती है। अगली स्लाइड में पढ़ें - बेनामी प्रॉपर्टी के तहत क्या नहीं आता ?
ये नहीं है बेनामी प्रॉपर्टी -अगर आपने पत्नी, बच्चों या माता-पिता के नाम प्रॉपर्टी खरीदी है और पेमेंट का भुगतान इनकम के डिक्लेयर सोर्स के जरिये किया है तो ऐसी प्रॉपर्टी बेनामी नहीं मानी जाती। -इसी तरह भाई, बहन, पत्नी, बच्चों के नाम खरीदी गई ज्वाइंट प्रॉपर्टी जो इनकम के डिक्लेयर सोर्स से खरीदी गई हो, बेनामी प्रॉपर्टी नहीं कहलाती है।
जानें क्या हो सकती है आपको सजा - नए कानून के तहत बेनामी प्रॉपर्टी पाए जाने पर सरकार उसे जब्त कर सकती है। - या बेनामी लेन-देन पाए जाने पर 3 से 7 साल की कठोर कैद की सजा और प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है। - ये दोनों सजा साथ-साथ दी जा सकती है। - जो लोग जानबूझकर गलत सूचना देते हैं उन पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तक जुर्माना और 6 माह से लेकर 5 साल तक का जुर्माने का प्रावधान है। जैसे कि ज्वाइंट प्रॉपर्टी में आपका नाम है और आप ने जानबूझ कर इसको डिक्लेयर नहीं किया तो यह अपराध इस श्रेणी में आ सकता है। ये दोनों सजा साथ-साथ दी जा सकती है। अगली स्लाइड में पढ़ें - बेनामी प्रॉपर्टी के तहत क्या नहीं आता ?
ये नहीं है बेनामी प्रॉपर्टी -अगर आपने पत्नी, बच्चों या माता-पिता के नाम प्रॉपर्टी खरीदी है और पेमेंट का भुगतान इनकम के डिक्लेयर सोर्स के जरिये किया है तो ऐसी प्रॉपर्टी बेनामी नहीं मानी जाती। -इसी तरह भाई, बहन, पत्नी, बच्चों के नाम खरीदी गई ज्वाइंट प्रॉपर्टी जो इनकम के डिक्लेयर सोर्स से खरीदी गई हो, बेनामी प्रॉपर्टी नहीं कहलाती है।
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