जानिये महिलाओं के अधिकार और कानून Women Rights in Hindi
24 August 2016
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हमारे कानून और संविधान में महिलाओं को बहुत से अधिकार दिए हुए हे. जिनके बारे में बहुत सारी महिलाएं नहीं जानती और इन अधिकारों से अनजान रहने के कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ती हे. आज की इस पोस्ट में, में आपको महिलाओं के अधिकार और कानून के बारे में बताऊंगा, जिनका जानना बहुत ही ज्यादा जरुरी हे.
Women Rights
1. हादसे की FIR किसी भी थाने में दर्ज़ करवाई जा सकती हे.
2. अगर कोई अधिकारी उसके थाना क्षेत्र का मामला नहीं हे कहकर मामला दर्ज़ करने से मुकरता हे, तो जिले के पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत करें.
3. FIR दर्ज़ करवाने के बाद उसकी छायाप्रति लेना ना भूलें. फोन पर भी इसे दर्ज़ करवा सकते हे.
4. महिला अपने साथ हुयी घटना और दुर्व्यवहार की शिकायत कभी भी दर्ज़ करा सकती हे.
5. पुलिस अधिकारी घटना के बाद शिकायत में हुयी देरी का हवाला देकर शिकायत दर्ज़ करने से इंकार नहीं कर सकता.
6. विशिष्ट परिस्थितयों में महिला ईमेल या लिखित रूप से भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को शिकायत कर सकती हे. पीड़ित के अलावा कोई अन्य भी उनके स्थान पर शिकायत दर्ज़ करा सकता हे.
7. कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान की गयी हे.
8. दुर्व्यवहार या शोषण की तीन महीने के भीतर लिखित में शिकायत दर्ज़ कराना जरुरी हे.
9. कार्यक्षेत्र में हुयी प्रताड़ना की शिकार महिला तीन महीने का अवकाश ले सकती हे. यह अवकाश जांच के दोरान लिया जा सकता हे.
10. हिन्दू उतराधिकार कानून के मुताबिक 20 दिसम्बर 2014 के बाद बंटवारे की सम्पति पर बेटियों का बराबर हक़ होगा.
11. जिन हिन्दू परिवारों में सम्पति का बंटवारा नहीं हुआ हे, वंहा घर की सबसे बड़ी सन्तान अगर बेटी हे तो वह कर्ता होगी. सम्पति को बेचने, खरीदने और बंटवारे के सारे फैसले उसकी अगुवाई में होंगे.
1. हादसे की FIR किसी भी थाने में दर्ज़ करवाई जा सकती हे.
2. अगर कोई अधिकारी उसके थाना क्षेत्र का मामला नहीं हे कहकर मामला दर्ज़ करने से मुकरता हे, तो जिले के पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत करें.
3. FIR दर्ज़ करवाने के बाद उसकी छायाप्रति लेना ना भूलें. फोन पर भी इसे दर्ज़ करवा सकते हे.
4. महिला अपने साथ हुयी घटना और दुर्व्यवहार की शिकायत कभी भी दर्ज़ करा सकती हे.
5. पुलिस अधिकारी घटना के बाद शिकायत में हुयी देरी का हवाला देकर शिकायत दर्ज़ करने से इंकार नहीं कर सकता.
6. विशिष्ट परिस्थितयों में महिला ईमेल या लिखित रूप से भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को शिकायत कर सकती हे. पीड़ित के अलावा कोई अन्य भी उनके स्थान पर शिकायत दर्ज़ करा सकता हे.
7. कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान की गयी हे.
8. दुर्व्यवहार या शोषण की तीन महीने के भीतर लिखित में शिकायत दर्ज़ कराना जरुरी हे.
9. कार्यक्षेत्र में हुयी प्रताड़ना की शिकार महिला तीन महीने का अवकाश ले सकती हे. यह अवकाश जांच के दोरान लिया जा सकता हे.
10. हिन्दू उतराधिकार कानून के मुताबिक 20 दिसम्बर 2014 के बाद बंटवारे की सम्पति पर बेटियों का बराबर हक़ होगा.
11. जिन हिन्दू परिवारों में सम्पति का बंटवारा नहीं हुआ हे, वंहा घर की सबसे बड़ी सन्तान अगर बेटी हे तो वह कर्ता होगी. सम्पति को बेचने, खरीदने और बंटवारे के सारे फैसले उसकी अगुवाई में होंगे.
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