दो भाइयों के बीच पत्थर और रेत की कहानी
19 August 2016
Add Comment
दो भाई समुद्र के किनारे टहल रहे थे. दोनों में किसी बात को लेकर बहस हो रही थी. अचानक बड़े भाई ने छोटे भाई को थप्पड़ मार दिया. छोटे भाई ने कुछ नहीं कहा और सिर्फ रेत पे लिखा की “मेरे बड़े भाई ने आज मुझे मारा”. अगले दिन दोनों फिर समुद्र के किनारे घुमने निकले. छोटा भाई समुद्र में नहाने लगा. अचानक से वो डूबने लग गया. बड़े भाई ने उसे बचाया. तब छोटे भाई ने पत्थर पर लिखा की “आज मेरे बड़े भाई ने मुझे बचाया.
तब बड़े भाई ने पूछा की जब मेने तुम्हे थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पे लिखा और जब मेने तुम्हे बचाया तो पत्थर पर लिखा ऐसा क्यों?? तब छोटे भाई ने कहा “जब हमें कोई दुःख दे तो रेत पे लिखना चाहिए ताकि वो जल्दी मिट जाए, लेकिन जो हमारे लिए अच्छा करता हे तो हमें पत्थर पर लिखना चाहिए, जो मिट ना पाए और हमेशा के लिए यादगार बन जाए.
लेकिन आजकल तो उल्टा ही चल रहा हे अगर हमें कोई हाथ भी लगा दे या कुछ भी सुना दे, चाहे वो हमारा कोई अपना ही क्यों ना हो तब भी हम भड़क जाते हे और उसे हमेशा अपने दिमाग में रखते हे और जब कोई अच्छा करता हे हमारे लिए तो हम उसे जल्दी भूल जाते हे. गजब की हे यह दुनिया भी. इसलिए चाणक्य ने सही ही कहा हे की हर चीज के पीछे एक स्वार्थ छिपा रहता हे.
0 Response to "दो भाइयों के बीच पत्थर और रेत की कहानी "
Post a Comment
Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅