कहानी एक कर्मचारी के खुबसूरत सोच की जिसका कायल उसका मालिक भी हो गया
22 August 2016
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एक व्यक्ति एक दिन बिना बताए काम पर नहीं गया. मालिक ने सोचा इस कि salary बढ़ा दी जाये तो यह और दिल्चसपी से काम करेगा. और उसकी salary बढ़ा दी. अगली बार जब उसको salary से ज़्यादा पैसे दिये तो वह कुछ नही बोला चुपचाप पैसे रख लिये. कुछ महीनों बाद वह फिर ग़ैर हाज़िर हो गया. मालिक को बहुत ग़ुस्सा आया. सोचा इसकी salary बढ़ाने का क्या फायदा हुआ. यह नहीं सुधरेगा और उस ने बढ़ी हुई salry कम कर दी और इस बार उसको पहले वाली ही salary दी. वह इस बार भी चुपचाप ही रहा और ज़बान से कुछ ना बोला. तब मालिक को बड़ा ताज्जुब हुआ. उसने उससे पूछा कि जब मैने तुम्हारे ग़ैरहाज़िर होने के बाद तुम्हारी salary बढा कर दी तुम कुछ नही बोले और आज तुम्हारी ग़ैर हाज़री पर salary कम कर के दी फिर भी खामोश ही रहे. इस की क्या वजह है??
उसने जवाब दिया “जब मै पहले ग़ैर हाज़िर हुआ था तो मेरे घर एक बच्चा पैदा हुआ था. आपने मेरी salary बढ़ा कर दी तो मै समझ गया, परमात्मा ने उस बच्चे के पोषण का हिस्सा भेज दिया है और जब दोबारा मै ग़ैर हाजिर हुआ तो मेरी माता जी का निधन हो गया था. जब आप ने मेरी salary कम दी तो मैने यह मान लिया की मेरी माँ अपने हिस्से का अपने साथ ले गयीं. फिर मै इस salary की ख़ातिर क्यों परेशान होऊँ. जिस का ज़िम्मा ख़ुद परमात्मा ने ले रखा है, उसके बारे में हम भला क्यों सोचे.
इस कहानी में एक खूबसूरत सोच हे:
अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया, तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभू की मेहेरबानी थी. खुबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं.
अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया, तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभू की मेहेरबानी थी. खुबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं.
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