जगह जंहा ओरतें जूतों से पानी पीने को मजबूर हे
22 August 2016
Add Comment
राजस्थान के भीलवाड़ा में आज भी जोरदार अंधविश्वास फैला हुआ हे. हम यंहा महिलाओं की सशक्तिकरण की बाते करते हे लेकिन वंहा तो महिलाओं की हालत और भी ज्यादा खराब हे. कैसे विकास होगा उस जगह जंहा के लोगों में अंधविश्वास भर-भर के फैला हुआ हे.
वंहा एक ऐसा मंदिर हे जंहा ओरतों के भुत उतारे जाते हे और भुत उतारने के लिए लोग अमानवीयता की सारी हदें पार कर जाते हे. एक महिला जो पुरे परिवार की रक्षक होती हे, समाज को एक नई दिशा देती हे कैसे उसपे भुत का साया हो सकता हे.
ओरतों के सिर पर जूतें रखकर कई किलोमीटर चलाया जाता हे. वो गंदे जूतें जो हम अपने पैरों में पहनते हे. कीचड से सने हुए मैले जूतें उन्हें अपने मुहं में रखने पड़ रहे हे और इन्ही जूतों में भरकर वो पानी पीती हे. इन्हें 200 सीड़ियों पर घसीटा जाता हे. कई सारी ऐसी यातनाएं दी जाती हे जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते.
यह ओरतें सब सहती जाती हे, क्योकि बोलने की हिम्मत नहीं हो पाती और अगर हिम्मत करते हे तो मारी जाती हे. इससे महिलाओं के दिमाग पर भी गहरा असर पड़ता हे और वे शारीरिक रूप से बीमार होने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बीमार हो जाती हे.
पता नहीं कैसे होगा हमारे देश का विकास, जंहा महिलायें इस हालत में हे. आये दिन महिला सशक्तिकरण की बातें होती हे, महिलाओं के लिए यह किया जाए, वो किया जाएँ बस सिर्फ बातें होती हे इन पर अमल नहीं होता. अब तो हमारा देश तब ही सोने की चिड़ियाँ बन पायेगा जब महिलाओं को ऐसी हालत से छुटकारा मिल पायेगा और वह समाज में खुलेआम अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी पायेगी.
वंहा एक ऐसा मंदिर हे जंहा ओरतों के भुत उतारे जाते हे और भुत उतारने के लिए लोग अमानवीयता की सारी हदें पार कर जाते हे. एक महिला जो पुरे परिवार की रक्षक होती हे, समाज को एक नई दिशा देती हे कैसे उसपे भुत का साया हो सकता हे.
ओरतों के सिर पर जूतें रखकर कई किलोमीटर चलाया जाता हे. वो गंदे जूतें जो हम अपने पैरों में पहनते हे. कीचड से सने हुए मैले जूतें उन्हें अपने मुहं में रखने पड़ रहे हे और इन्ही जूतों में भरकर वो पानी पीती हे. इन्हें 200 सीड़ियों पर घसीटा जाता हे. कई सारी ऐसी यातनाएं दी जाती हे जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते.
यह ओरतें सब सहती जाती हे, क्योकि बोलने की हिम्मत नहीं हो पाती और अगर हिम्मत करते हे तो मारी जाती हे. इससे महिलाओं के दिमाग पर भी गहरा असर पड़ता हे और वे शारीरिक रूप से बीमार होने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बीमार हो जाती हे.
पता नहीं कैसे होगा हमारे देश का विकास, जंहा महिलायें इस हालत में हे. आये दिन महिला सशक्तिकरण की बातें होती हे, महिलाओं के लिए यह किया जाए, वो किया जाएँ बस सिर्फ बातें होती हे इन पर अमल नहीं होता. अब तो हमारा देश तब ही सोने की चिड़ियाँ बन पायेगा जब महिलाओं को ऐसी हालत से छुटकारा मिल पायेगा और वह समाज में खुलेआम अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी पायेगी.
0 Response to "जगह जंहा ओरतें जूतों से पानी पीने को मजबूर हे"
Post a Comment
Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅