हाथ की अँगुलियों की मुद्राओं के योग और उनके फायदे Anguliyo Ki Mudraye
31 August 2016
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आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे हाथ की अँगुलियों की मुद्राओं के बारे में. वेसे हमारे शरीर में कई एक्यूप्रेशर पॉइंट हे जिसे सही से दबाने से कई सारे रोग समाप्त हो जाते हे. ऐसे ही आज में आपको हाथ की अँगुलियों की मुद्राओं के कुछ योग बताऊंगा और इसके फायदे भी और इसे कैसे करें.
1. ज्ञान मुद्रा
कैसे करें :- अंगूठे को तर्जनी यानि अंगूठे के पास वाली पहली अंगुली के सिरे पर लगा दें. बाकी उंगलियाँ सीधी रखें.
फायदे :- इससे स्मरण शक्ति का विकास होता हे, एकाग्रता बढती हे और दिमाग के स्नायु तन्त्र मजबूत होते हे. इसे 40-45 मिनट करें. READ NEXT ->> स्त्री हो या पुरुष होठ देखिये और जानिये कई रहस्य
2. सूर्य मुद्रा
कैसे करें :- तीसरी अंगुली (अनामिका) को अंगूठे के मूल पर लगाकर अंगूठे से दबाएं.
फायदे :- वजन और तनाव में कमी, रक्त में हानिकारक कोलेस्ट्रोल कम होना और शुगर और दिल की बिमारियों पर भी नियन्त्रण होता हे. इसे 5-10 मिनट करें.
3. शून्य मुद्रा
कैसे करें :- मध्यमा को मोड़कर अंगूठे के मूल में लगाएं और हल्का दबाएं.
फायदे :- कान के रोगों को दूर करती हे. गले के रोग और थायराइड से जुड़े रोगों में भी लाभदायक हे. इसे 30 मिनट करें.
4. पृथ्वी मुद्रा
कैसे करें :- अनामिका को अंगूठे से लगाकर रखें.
फायदे :- इससे शांत दिमाग, शरीर में स्फूर्ति और विटामिन को अवशोषित करने की क्षमता बढती हे. इसे 5-7 मिनट करें.
5. वायु मुद्रा
कैसे करें :- पहली ऊँगली (तर्जनी) को मोड़कर अंगूठे के मूल में लगाकर हल्का सा दबाएँ.
फायदे :- इससे गैस की समस्या नहीं होती. लकवा, साइटिका, गठिया, गर्दन, रीढ़ की हड्डी और घुटने के दर्द में फायदेमंद हे. इसे 5-7 मिनट करें.
1. ज्ञान मुद्रा
कैसे करें :- अंगूठे को तर्जनी यानि अंगूठे के पास वाली पहली अंगुली के सिरे पर लगा दें. बाकी उंगलियाँ सीधी रखें.
फायदे :- इससे स्मरण शक्ति का विकास होता हे, एकाग्रता बढती हे और दिमाग के स्नायु तन्त्र मजबूत होते हे. इसे 40-45 मिनट करें. READ NEXT ->> स्त्री हो या पुरुष होठ देखिये और जानिये कई रहस्य
2. सूर्य मुद्रा
कैसे करें :- तीसरी अंगुली (अनामिका) को अंगूठे के मूल पर लगाकर अंगूठे से दबाएं.
फायदे :- वजन और तनाव में कमी, रक्त में हानिकारक कोलेस्ट्रोल कम होना और शुगर और दिल की बिमारियों पर भी नियन्त्रण होता हे. इसे 5-10 मिनट करें.
3. शून्य मुद्रा
कैसे करें :- मध्यमा को मोड़कर अंगूठे के मूल में लगाएं और हल्का दबाएं.
फायदे :- कान के रोगों को दूर करती हे. गले के रोग और थायराइड से जुड़े रोगों में भी लाभदायक हे. इसे 30 मिनट करें.
4. पृथ्वी मुद्रा
कैसे करें :- अनामिका को अंगूठे से लगाकर रखें.
फायदे :- इससे शांत दिमाग, शरीर में स्फूर्ति और विटामिन को अवशोषित करने की क्षमता बढती हे. इसे 5-7 मिनट करें.
5. वायु मुद्रा
कैसे करें :- पहली ऊँगली (तर्जनी) को मोड़कर अंगूठे के मूल में लगाकर हल्का सा दबाएँ.
फायदे :- इससे गैस की समस्या नहीं होती. लकवा, साइटिका, गठिया, गर्दन, रीढ़ की हड्डी और घुटने के दर्द में फायदेमंद हे. इसे 5-7 मिनट करें.
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