रिकवरी, वसूली एजेंट परेशान करे तो जाने अधिकार
21 July 2016
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क्रेडिट कार्ड, होम लोन, कार लोन आदि के लिए कई लोग EMI भरते हे. कई बार EMI भरने में चुक जाते हे. ऐसे में बैंक वसूली एजेंट भेजती हे. कई बार वसूली एजेंटो की सख्ती के कारन कई लोगो ने आत्महत्या कर ली हे. लेकिन देनदार के भी कुछ अधिकार हे, जिससे वो वसूली करने वाले अर्थात रिकवरी एजेंट की सख्ती से बच सकते हे और जब आप अपने अधिकारों का यूज़ करेंगे तो कोई भी रिकवरी एजेंट आपको परेशान नहीं करेगा. आज की इस पोस्ट में, में आपको देनदारों के कुछ अधिकार बता रहा हु जो आपके लिए जानना बहुत ही जरुरी हे.
कब भेजे जाते हे वसूली एजेंट
जब बैंक या किसी अन्य संस्थान के लोन को 3 महीने तक ना चुकाया जाए तो यह बेड डेट (डूबत ऋण) कहलाता हे. आम तोर पर अगर ऋण का 1 महीने तक भुगतान नहीं होता हे तो उगाही करने वाली टीम पहले रिमाइंडर भेजती हे. कभी कभी भुगतान में देरी कर्जदार की और से लापरवाही भी हो सकती हे, लेकिन जब कर्ज़ 90 दिनों तक बकाया हो जाता हे तो बैंक या अन्य संस्थान वसूली एजेंट भेजना शुरू कर देते हे.
कैसे करती हे बैंक मदद
कभी कभी कोई ऐसी स्थिति आ जाती हे जिसके कारन हम टाइम पे EMI नहीं चूका पाते हे, तो ऐसी स्थिति में बैंक को सूचित करना चाहिए. और अगर आपका कारण वास्तविक हुआ तो बैंक समाधान की दिशा में कदम उठा सकती हे और आपकी मदद कर सकती हे. क्रेडिट कार्ड के ऋण को कुल ऋण बकाया की बजाय EMI में परिवर्तित कर सकती हे.
क्या हे देनदार के अधिकार
1. आप वसूली एजेंट से बैंक के अधिकार के तहत जारी पहचान कार्ड दिखाने को कह सकते हे. आपको गोपनीयता का अधिकार हे.
2. वसूली एजेंट किसी अन्य व्यक्ति से ऋण के बारे में चर्चा नहीं कर सकते. यदि वह आपके कर्ज़ के बारे में पड़ोसियों या सह कार्यकर्ता को बताने के लिए धमकता हे तो, आप घबराएँ नहीं. यदि वो ऐसा करता हे तो आप बैंक से उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हे.
3. वसूली एजेंट को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक ही सम्पर्क करना चाहिए. लेकिन अगर किसी स्थिति में आप कोई दूसरा टाइम देते हे तो वो उस टाइम में आपसे मिल सकता हे.
4. आप वसूली की कॉल प्राप्त करने के लिए समय और जगह का चुनाव कर सकते हे. आप उन्हें किसी विशेष समय या स्थान पर कॉल ना करने का अनुरोध भी कर सकते हे.
5. यदि आप वसूली एजेंट के खिलाफ शिकायत करते हे तो बैंक को इस मामले में जांच करवाने की जरूरत हे. यह वसूली एजेंट को उनके उगाही के कार्य के लिए जवाबदेह बनाता हे.
कब भेजे जाते हे वसूली एजेंट
जब बैंक या किसी अन्य संस्थान के लोन को 3 महीने तक ना चुकाया जाए तो यह बेड डेट (डूबत ऋण) कहलाता हे. आम तोर पर अगर ऋण का 1 महीने तक भुगतान नहीं होता हे तो उगाही करने वाली टीम पहले रिमाइंडर भेजती हे. कभी कभी भुगतान में देरी कर्जदार की और से लापरवाही भी हो सकती हे, लेकिन जब कर्ज़ 90 दिनों तक बकाया हो जाता हे तो बैंक या अन्य संस्थान वसूली एजेंट भेजना शुरू कर देते हे.
कैसे करती हे बैंक मदद
कभी कभी कोई ऐसी स्थिति आ जाती हे जिसके कारन हम टाइम पे EMI नहीं चूका पाते हे, तो ऐसी स्थिति में बैंक को सूचित करना चाहिए. और अगर आपका कारण वास्तविक हुआ तो बैंक समाधान की दिशा में कदम उठा सकती हे और आपकी मदद कर सकती हे. क्रेडिट कार्ड के ऋण को कुल ऋण बकाया की बजाय EMI में परिवर्तित कर सकती हे.
क्या हे देनदार के अधिकार
1. आप वसूली एजेंट से बैंक के अधिकार के तहत जारी पहचान कार्ड दिखाने को कह सकते हे. आपको गोपनीयता का अधिकार हे.
2. वसूली एजेंट किसी अन्य व्यक्ति से ऋण के बारे में चर्चा नहीं कर सकते. यदि वह आपके कर्ज़ के बारे में पड़ोसियों या सह कार्यकर्ता को बताने के लिए धमकता हे तो, आप घबराएँ नहीं. यदि वो ऐसा करता हे तो आप बैंक से उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हे.
3. वसूली एजेंट को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक ही सम्पर्क करना चाहिए. लेकिन अगर किसी स्थिति में आप कोई दूसरा टाइम देते हे तो वो उस टाइम में आपसे मिल सकता हे.
4. आप वसूली की कॉल प्राप्त करने के लिए समय और जगह का चुनाव कर सकते हे. आप उन्हें किसी विशेष समय या स्थान पर कॉल ना करने का अनुरोध भी कर सकते हे.
5. यदि आप वसूली एजेंट के खिलाफ शिकायत करते हे तो बैंक को इस मामले में जांच करवाने की जरूरत हे. यह वसूली एजेंट को उनके उगाही के कार्य के लिए जवाबदेह बनाता हे.
6 .अगर आपके घर में किसी की मृत्यु हो जाए तो, आप वसूली एजेंट को कुछ दिन के लिए कॉल ना करने और घर पे ना आने को कह सकते हे.
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