जानिये लड़कियों की सुरक्षा के लिए बनाई गयी ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’ के बारे में
22 July 2016
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हालात कभी कभी इंसान को कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित करते हे. दिल्ली के रहने वाले मनु चोपड़ा जब 11th क्लास में थे तब उन्होंने छेड़छाड़ रोकने वाली डिवाइस को तैयार किया. मनु का कहना हे की वो पढ़ाई खत्म करने के बाद इस डिवाइस को बड़े पैमाने पर लोगो के इस्तेमाल के लायक बनाना चाहते हे. आईये जानते हे इस डिवाइस के बारे में.
क्यों जरूरत पड़ी ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’ की
जब मनु ने अपनी माँ से कहा की क्या माँ मेरी तरह मेरी बहन भी रात को घर से बाहर क्यों नहीं जा सकती?? तब उसकी माँ ने कहा की रात के वक्त गलियाँ लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं हे. तब मनु ने कहा की माँ तो क्या मेरी बहन मेरी तरह कभी रात को बाहर नहीं जा सकेगी. तब माँ मुस्कुरा के चली गयी. मनु भी जानते थे की इस सवाल का माँ के पास कोई जवाब नहीं हे.
कैसे बनाई ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’
इस घटना के बाद मनु अपने कमरे में गए और वंहा रखे एक सफ़ेद बोर्ड के आगे खड़े हो गए और उस पर बड़े अक्षरों में लिखा “एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस”. मनु का कहना हे की वो उन अनगिनत लड़कियों का भविष्य बदलना चाहते हे जो युवा थी और उन पर बंदिशे थी. इस तरह वो ना सिर्फ लड़कियों की सुरक्षा कर सकते थे बल्कि उन बदमाशों को जिंदगी भर का सबक भी सिखा सकते थे.
कैसे काम करती हे ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’
‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’ घड़ी के आकार की हे. जब भी किसी की नर्व स्पीड सामान्य से अधिक हो जाती हे तो यह डिवाइस 8 मिलीएम्पियर का करंट छोडती हे. इससे छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति थोड़े वक्त के लिए लकवाग्रस्त हो जाता हे. इसके साथ ही इसमें लगा कैमरा लगातार उसकी तस्वीरें खींचना स्टार्ट कर देता हे. मनु का कहना हे की यह डिवाइस बिना रुके 100 तस्वीरें खिंच सकती हे. इतना ही नहीं कैमरे से खिंची गयी तस्वीरें पुलिस स्टेशन भी पहुँच जाती हे. इसके अलावा यह डिवाइस खतरे के वक्त पहले से फीड चार फोन नंबर पर मदद के लिए संदेस भी भेजती हे. इसमें लगे GPS से भी पीड़ित की मदद की जा सकती हे.
जब मनु ने अपनी माँ से कहा की क्या माँ मेरी तरह मेरी बहन भी रात को घर से बाहर क्यों नहीं जा सकती?? तब उसकी माँ ने कहा की रात के वक्त गलियाँ लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं हे. तब मनु ने कहा की माँ तो क्या मेरी बहन मेरी तरह कभी रात को बाहर नहीं जा सकेगी. तब माँ मुस्कुरा के चली गयी. मनु भी जानते थे की इस सवाल का माँ के पास कोई जवाब नहीं हे.
कैसे बनाई ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’
इस घटना के बाद मनु अपने कमरे में गए और वंहा रखे एक सफ़ेद बोर्ड के आगे खड़े हो गए और उस पर बड़े अक्षरों में लिखा “एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस”. मनु का कहना हे की वो उन अनगिनत लड़कियों का भविष्य बदलना चाहते हे जो युवा थी और उन पर बंदिशे थी. इस तरह वो ना सिर्फ लड़कियों की सुरक्षा कर सकते थे बल्कि उन बदमाशों को जिंदगी भर का सबक भी सिखा सकते थे.
कैसे काम करती हे ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’
‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’ घड़ी के आकार की हे. जब भी किसी की नर्व स्पीड सामान्य से अधिक हो जाती हे तो यह डिवाइस 8 मिलीएम्पियर का करंट छोडती हे. इससे छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति थोड़े वक्त के लिए लकवाग्रस्त हो जाता हे. इसके साथ ही इसमें लगा कैमरा लगातार उसकी तस्वीरें खींचना स्टार्ट कर देता हे. मनु का कहना हे की यह डिवाइस बिना रुके 100 तस्वीरें खिंच सकती हे. इतना ही नहीं कैमरे से खिंची गयी तस्वीरें पुलिस स्टेशन भी पहुँच जाती हे. इसके अलावा यह डिवाइस खतरे के वक्त पहले से फीड चार फोन नंबर पर मदद के लिए संदेस भी भेजती हे. इसमें लगे GPS से भी पीड़ित की मदद की जा सकती हे.
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