अनार की खेती कैसे करें उन्नत पैदावार pomegranate farming techniques
25 January 2016
9 Comments
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अनार भारत मे पाए जाने वाला एक महत्वपुर्णा फल है और इसका उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है. अनार सेहत के लिए भी लाभकारी होता है. यही कारण है की अनार की पूरे भारत में माँग है और इसलिए ही अनार महँगे दामों में बेचा जाता है. इस प्रकार अनार की खेती एक फ़ायदे का कारण है. आइए जाने की अनार की खेती कैसे करे
अनार की खेती के लिए मौसम का चयन
अनार अधिकतर सूखे मौसम में ज़्यादा फलता है. अनार के फल को बनने के लिए गर्म मौसम की ज़रूरत होती है. तथा 38 डिग्री सेल्सिस के आस पास तापमान होने पर ही अनार के पेड़ में फल लग पाते हैं. नामी भरे मौसम में अनार के फल बढ़ नहीं पाते और उनमें मिठास उत्पन्न नहीं हो पाती, अनार के पौधों को सर्दी जाने के बाद बसंत के मौसम में लगाना चाहिए.
अनार को बोने का तरीका
अनार को बोने के दो तरीके हैं. पहला की अनार के बीजों को सीधा ही खेतों में बो दिया जाए, लेकिन इसकी कोई गॅरेंटी नहीं है की सभी बीजों से अंकुर फूटेंगे. दूसरा तरीका है की अनार के पौधों को नर्सरी से लाया जाए और उन्हें खेत में रोपित किया जाए. यह तरीका सही है और इससे सभी पौधे लग कर सही समय पर फल देना आरंभ कर देते हैं.
अनार की खेती के लिए मिट्टी
अनार के पौधे बहुत नर्म मिट्टी में नहीं उग पाते हैं. अनार के पौधों के लिए बालू जैसे भूरी मिट्टी अच्छी होती है. अनार के पौधों के लिए मिट्टी का ph मान जो भी हो वो उसमे ही अपने आपको अनुकूलित कर लेता हैं.
अनार के पौधे कैसे लगाएँ
अनार के पौधों को लगाने के लिए 60cm लंबे, 60cm चौड़े और 60 cm गहरे गड्डे खोद लें. ध्यान रखें की दो गड्ढे के बीच की दूरी कम से कम 3 से 4 मीटर हो. अब इन गद्दों के आधार में खाद मिली मिट्टी भरें जिसमें सूपर फोफते की आक्ची मात्रा हो. इसके बाद उन गद्दों में अनार के पौधे रखें और फिर बाकी की मिट्टी उस पौधे की जड़ों पर डाल दें. पौधों को लगाने के बाद तोड़ा पानी डालें जिससे की मिट्टी पौधों के पास बैठ जाए
कैसी हो खाद
जब आप अनार की खेती के लिए खाद बाज़ार से खरीदने जाएँगे तो इस बात का ध्यान रखें की खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फरस और पटासीयम जैसे तटवा अवॉश होने चाहिएं. इसके साथ ही खाद में अमोनीयम सल्फेट के मात्रा भी आक्ची होनी चाहिए. अनार के पौधे लगने के पहले वर्ष में 1/3 कप खाद फेब्रुवरी, मे और सेप्टेंबर के महीनो में पौधों पर रोज़ चिड़कें.
सिंचाई
पौधे लगने के बाद आप उनकी एक दिन के अंतर से तब तक सिंचाई करते रहिए जब तक की उनमें नयी पत्तियाँ नहीं आ जाती हैं. नयी पाटियाँ आना इस बात का सूचक है की अनार के पौधों के लिए खेत उपयुक्त है. जब अनार के पेड़ पर फूल या फल लगें तो उन्हें हर साप्ताह पानी की सिंचाई करें. यदि बारिश का मौसम है और बरसात हो रही है तो आप पानी मत डालिए
पतली शाखाएँ कटे दें
अनार के ताने को मजबूती प्रदान करने के लिए और उसे पेड़ की तरह बननेके लिए अनार के पौधों में आई पतली शाखाओं को काट दें. आइसे आपको पौधा आक्ची तरह लगने और बड़ा हो जाने के बाद करना है. इसके साथ ही वो शाखाएँ जिनकी पत्तियाँ पीली हो रही हैं उन्हें भी हटा दें.
कीट पतंगों से बचाव
अनार के पौधों पर कीट पतंगे आकर उसे नुकसान पहुँचते हैं. अनार लगने के बाद कीट पतंगो का ख़तरा बढ़ जाता है. इस स्थिति में उन पर 10 दिन तक एक दिन के अंतर से एंदॉसुलफ्न नमक रसायन का चडीकाव करें जो बाज़ार में उपलब्ध होता है.
अनार की फसल
फूलों के आने के बाद अनार में फल लगने और उन्हें पकने में 5 से 6 महीने लग जाते हैं. फल जब आची तरह पाक जाते हैं तो उनका रंग लाल हो जाता है और उनकी सतह थोड़ी मुलायम हो जाती है. एक विकसित अनार का पेड़ वर्ष भर में 100 से 150 फल देता है.
अनार भारत मे पाए जाने वाला एक महत्वपुर्णा फल है और इसका उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है. अनार सेहत के लिए भी लाभकारी होता है. यही कारण है की अनार की पूरे भारत में माँग है और इसलिए ही अनार महँगे दामों में बेचा जाता है. इस प्रकार अनार की खेती एक फ़ायदे का कारण है. आइए जाने की अनार की खेती कैसे करे
अनार की खेती के लिए मौसम का चयन
अनार अधिकतर सूखे मौसम में ज़्यादा फलता है. अनार के फल को बनने के लिए गर्म मौसम की ज़रूरत होती है. तथा 38 डिग्री सेल्सिस के आस पास तापमान होने पर ही अनार के पेड़ में फल लग पाते हैं. नामी भरे मौसम में अनार के फल बढ़ नहीं पाते और उनमें मिठास उत्पन्न नहीं हो पाती, अनार के पौधों को सर्दी जाने के बाद बसंत के मौसम में लगाना चाहिए.
अनार को बोने का तरीका
अनार को बोने के दो तरीके हैं. पहला की अनार के बीजों को सीधा ही खेतों में बो दिया जाए, लेकिन इसकी कोई गॅरेंटी नहीं है की सभी बीजों से अंकुर फूटेंगे. दूसरा तरीका है की अनार के पौधों को नर्सरी से लाया जाए और उन्हें खेत में रोपित किया जाए. यह तरीका सही है और इससे सभी पौधे लग कर सही समय पर फल देना आरंभ कर देते हैं.
अनार की खेती के लिए मिट्टी
अनार के पौधे बहुत नर्म मिट्टी में नहीं उग पाते हैं. अनार के पौधों के लिए बालू जैसे भूरी मिट्टी अच्छी होती है. अनार के पौधों के लिए मिट्टी का ph मान जो भी हो वो उसमे ही अपने आपको अनुकूलित कर लेता हैं.
अनार के पौधे कैसे लगाएँ
अनार के पौधों को लगाने के लिए 60cm लंबे, 60cm चौड़े और 60 cm गहरे गड्डे खोद लें. ध्यान रखें की दो गड्ढे के बीच की दूरी कम से कम 3 से 4 मीटर हो. अब इन गद्दों के आधार में खाद मिली मिट्टी भरें जिसमें सूपर फोफते की आक्ची मात्रा हो. इसके बाद उन गद्दों में अनार के पौधे रखें और फिर बाकी की मिट्टी उस पौधे की जड़ों पर डाल दें. पौधों को लगाने के बाद तोड़ा पानी डालें जिससे की मिट्टी पौधों के पास बैठ जाए
कैसी हो खाद
जब आप अनार की खेती के लिए खाद बाज़ार से खरीदने जाएँगे तो इस बात का ध्यान रखें की खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फरस और पटासीयम जैसे तटवा अवॉश होने चाहिएं. इसके साथ ही खाद में अमोनीयम सल्फेट के मात्रा भी आक्ची होनी चाहिए. अनार के पौधे लगने के पहले वर्ष में 1/3 कप खाद फेब्रुवरी, मे और सेप्टेंबर के महीनो में पौधों पर रोज़ चिड़कें.
सिंचाई
पौधे लगने के बाद आप उनकी एक दिन के अंतर से तब तक सिंचाई करते रहिए जब तक की उनमें नयी पत्तियाँ नहीं आ जाती हैं. नयी पाटियाँ आना इस बात का सूचक है की अनार के पौधों के लिए खेत उपयुक्त है. जब अनार के पेड़ पर फूल या फल लगें तो उन्हें हर साप्ताह पानी की सिंचाई करें. यदि बारिश का मौसम है और बरसात हो रही है तो आप पानी मत डालिए
पतली शाखाएँ कटे दें
अनार के ताने को मजबूती प्रदान करने के लिए और उसे पेड़ की तरह बननेके लिए अनार के पौधों में आई पतली शाखाओं को काट दें. आइसे आपको पौधा आक्ची तरह लगने और बड़ा हो जाने के बाद करना है. इसके साथ ही वो शाखाएँ जिनकी पत्तियाँ पीली हो रही हैं उन्हें भी हटा दें.
कीट पतंगों से बचाव
अनार के पौधों पर कीट पतंगे आकर उसे नुकसान पहुँचते हैं. अनार लगने के बाद कीट पतंगो का ख़तरा बढ़ जाता है. इस स्थिति में उन पर 10 दिन तक एक दिन के अंतर से एंदॉसुलफ्न नमक रसायन का चडीकाव करें जो बाज़ार में उपलब्ध होता है.
अनार की फसल
फूलों के आने के बाद अनार में फल लगने और उन्हें पकने में 5 से 6 महीने लग जाते हैं. फल जब आची तरह पाक जाते हैं तो उनका रंग लाल हो जाता है और उनकी सतह थोड़ी मुलायम हो जाती है. एक विकसित अनार का पेड़ वर्ष भर में 100 से 150 फल देता है.
अनार के पेड़ में फूल आते है पर फल नहीं लगता। कृपया उसका उपचार बतायें.
ReplyDeleteअनार में निमाटोड बीमारी का सही इलाज है - नीम की खली, इससे जड़ो में गांठो का बनना रुक जाता है यानि निमाटोड नlमक कीट को ख़त्म करता है निमाटोड लगने से जड़ो में गांठ बन जाती है जिससे पौधे का विकास रुक जाता है, नीम खली के उपयोग से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, नीम खली का तेल युक्त होना जरूरी है, इसके उपयोग से ओर भी कई फायदे है जैसे - फूलो का ज्यादा बनना और कम झड़ना, फलो का ज्यादा बनना और भारी होना, फलो का ज्यादा स्वादिस्ट होना तथा चमकदार सुन्दर होना भी नीम खाद के उपयोग का नतीजा है
ReplyDeleteज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करे- ग्यारसीलाल बगड़िया , चूरू, राजस्थान फ़ोन नंबर - 9414437389
अनार कै पौधे कीधर सै खरीदे +9649655002
ReplyDeleteक्या मैं उज्जैन शहर के गांवो में अनार की खेती कर सकता हूं,
ReplyDeleteYES AAP UJJEN ME ANAR KI KHETI KR SKTE HE
ReplyDeleteअनार के फल तो लगते हैं लेकिन उनके दाने बहुत ही ज्यादा हार्ड होते है। दानो में रस कम और बीज बड़े होते हैं। क्या करू जिससे रसदार मोटे दानों के फल लगे।
ReplyDeleteAnar ke podha 3 year ka uski cutting kis mahine karvani cahiye fal lene ke liye
ReplyDeleteKya u.p. me anar ki achi kheti ki ja sakti h
ReplyDeleteAnar ke fal ka size kaise badaye
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