बदन दर्द का इलाज कारण home remedies for body pain


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बदन दर्द (body pain) की प्राब्लम को नॉर्मली लोग इग्नोर ही कर देते है क्योंकि इसको सभी नॉर्मल बीमारी मानते है. लेकिन पुरे शरीर मे दर्द सहना बहुत मुश्किल होता है.

बदन दर्द के प्रकार types of Body Pain
    Badan Dard (Body Pain) Ke Karan Aur Upay
  • सिर दर्द (हेडएक).
  • गर्दन मे दर्द (Nack pain).
  • Back pain.
  • मांसपेशियो मे दर्द (मसल pain).
  • जोड़ो मे दर्द (जॉइंट pain).
  • तंत्रिका विक्रातिया दर्द ((neuropathic pain)
बदन दर्द के कारण Causes
जब नर्वस सिस्टम अच्छी तरह से काम नही कर पता है तब बॉडी मे दर्द होना शुरू हो जाता है. इसलिए इस तरह के दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर से अड्वाइज़ लेना ज़रूरी होता है. बहुत कम लोगो को ही मालूम है की बॉडी मे दर्द होता क्या, इसलिए ट्रीटमेंट के साथ-साथ बॉडी दर्द के कारण के बारे मे जानना ज़रूरी होता है.

बदन दर्द के लक्षण (Symptoms of Body Pain)
  1. बुखार (फीवर)
  2. जोड़ो मे दर्द 
  3. दर्द के कारण नींद ना आना (इनसॉमनिया)
  4. वीकनेस के कारण बीमार जैसा फील होना.
बीमारिया जिनके कारण होता है बदन दर्द (Diseases Causing Body Pain)

डिसीज़ #1 : फिबरोमयलगिया
इस रोग मे के कारण फुल बॉडी मे दर्द होने के साथ-साथ, थकान(टाइयर्डनेस) और सोने मे परेशानी होती है जो रोगी को हमेशा अनहेल्ती जैसा फील करती है. इन सिंप्टम्स के अलावा दूसरे सिंप्टम्स है -

मसल्स मे सूजन या जकड़न.
डिप्रेशन होना.
स्ट्रेस.
पेट मे गड़बड़ी (अपसेट स्टमक).
माइग्रएन हो जाना
मूत्राशय मे दर्द (ब्लॅडर पाईं)
प्रॉस्टेट ग्लॅंड और पेल्विक मे पाईं होना
अगर आपको इन सब सिंप्टम्स का सामना करना पद रहा है तो डॉक्टर के पास ज़रूर जाए.

उपचार (क्यूर)
डॉक्टर से अड्वाइज़ लेने पर वे पाईं को कम करने वाली मेडिसिन्स देंगे. इसके अलावा अगर आप व्यायाम, बॅलेन्स्ड डाइयेट, स्ट्रेस को कम करने वाली मसाज, योगासन आदि का सहर लेंगे तो आपको इसके पाईं से आसानी से रिलीफ मिल जयगी.

डिसीज़ #2 : क्रॉनिक फेटीग सिंड्रोम

इसके सिंप्टम्स भी नॉर्मल बॉडी पाईं जैसे हो होते है. जब किसी को ज़रूरत से ज़्यादा थकान (फेटीग) हो जाती है तब इस बीमारी का शिकार हो जाते है. लेकिन सबसे डिफिकल्ट बात यह है की रेस्ट कर्ण एपर भी इसके सिंप्टम्स से रिलीफ मिलना डिफिकल्ट होता है. इसलिए डॉक्टर से तुरंत अड्वाइज़ लेना ज़रूरी होता है.

डिसीज़ #3 : लाइम डिसीज़

लाइम डिसीज़ बॉर्रेलिया बुर्गडोरफेरी नमक बॅक्टीरिया के कारण होती है, ब्लॅक लेगेड टिक नमक कीड़ा हमारी बॉडी मे पहुँचता है. अगर आपको नीचे दिए सिंप्टम्स नज़र आए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाए -

बहुत थकान (एक्सट्रीम फेटीग)
सिर मे बहुत दर्द (एक्सट्रीम हेडएक)
मसल्स और बोन्स मे बहुत ज़्यादा पाईं
जोड़ो (जायंट्स) मे पाईं और अकड़न
एकाग्रता के कमी (लॅक ऑफ कॉन्सेंट्रेशन)
मेमोरी लॉस
अच्छी तरह से नींद ना आना (इनसॉमनिया)
उपचार (क्यूर)आंटिबयाटिक मेडिसिन के द्वारा इसके सिंप्टम्स से रिलीफ मिल जाती है. लेकिन सिचुयेशन बहुत ज़्यादा खराब हो जाने पर हार्ट बीट मे इरेग्युलॅरिटी, हेडएक और नर्वस सिस्टम मे भी प्राब्लम हो सकती है. इन सब सिंप्टम्स के अलावा भी अगर आपकी आइज़ बहुत ज़्यादा रेस हो गई है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाए क्योंकि घास मे चलने के कारण आपको टिक ने कटा होगा, इसलिए ये सिंप्टम्स नज़र आ रहे है.

डिसीज़ #4 : स्ट्रेस

स्ट्रेस के कारण भी आपको बॉडी मे कंटिन्युवस पाईं फील हो सकता है. कुछ सिंप्टम्स इस प्रकार है:
हेडएक
मसल पाईं
चेस्ट पाईं
थकान (फेटीग)
नींद ना आना
पेट मे गड़बड़ी (अपसेट स्टमक)
उपचार (क्यूर)अगर आपको पता चल रहा है की यह सब स्ट्रेस के कारण है तो स्ट्रेस से रहट पाने के जल्द से जल्द उपाय करे. फिर भी यदि आप सिंप्टम्स को कम नही कर पा रहे है तो डॉक्टर से अड्वाइज़ ले.

डिसीज़ #5 : विटामिन द की कमी (विटामिन द डिफीशियेन्सी)

आपको यह जानकार सर्प्राइज़ होगा की विटामिन द की कमी से भी बॉडी पाईं होता है. आजकल काम मे बिज़ी लोग सूर्या के किर्णो के कॉंटॅक्ट मे कम आते है जिसके कारण उनमे विटामिन द की कमी होने लगती है. विटामिन द की कमी होने के कारण हमारी बॉडी खाने मे से कॅल्षियम को 10-15% ही सोख पता है. इसके कारण हमे कॅल्षियम की कमी हो जाती है और हड्डिया (बोन्स) कमजोत और टेडी होने लगती है.
विटामिन द की कमी के सिंप्टम्स

हमेशा थकान होना
बोन्स मे पाईं
कमज़ोरी (वीकनेस)
बोन्स मे टेदपन होना
चोट लगने पर बोन्स का आसानी से टूट जाना.

उपचार (क्यूर)
विटामिन द के सप्प्लिमेंट्स और बॅलेन्स्ड डाइयेट के सेवन से इसकी कमी को दूर किया जा सकता है.

डिसीज़ #6 ब्लड मे आइरन की कमी

ब्लड मे आइरन की कमी को अनीमिया कहते है. इसके कारण ब्लड मे बॉडी को ऑक्सिजन कम मिल पता है और बॉडी को थकान (फेटीग) और पाईं फील होता है.
सिंप्टम्स -
मसल्स पाईं
बेजान स्किन
मासिक धर्म (मेन्स्ट्रुयल साइकल) के दौरान ज़्यादा ब्लड निकलना
चिड़चिड़ापन (इरिटबिलिटी)
इनटॉलरेन्स
उपचार (क्यूर) -डॉक्टर की अड्वाइज़ के अनुसार आइरन वेल फुड्स का ज़्यादा सेवन करे. इसके अलावा आइरन वाली मेडिसिन्स और स्यरूप्स का सेवन भी कर सकते है.

डिसीज़ #7 : मल्टिपल स्क्लरोसिस

इस कंडीशन मे सबसे ज़्यादा स्पाइनल कॉर्ड और ब्रायन प्रभावित होता है. इससे नर्वस सिस्टम और ब्रायन पर एफेक्ट होने के कारण पेशेंट को हर टाइम पाईं फील होता है.
अदर सिंप्टम्स -
कमज़ोरी
अचानक झंझनाहट जैसे दर्द का अनुभव (सडन्ली फेल्ट पाईं लीके टिंगलिंग)
सॉफ नज़र ना आना
मसल्स मे अकड़न
यूरिन मे प्राब्लम
उपचार (क्यूर) -
अगर इसका उपचार टाइम पर नही किया गया तो कंडीशन सीरीयस हो सकती है. इसलिए यह सिंप्टम्स फील होने पर इमीडीयेट्ली डॉक्टर को कॉंटॅक्ट करे.

डिसीज़ #8 : ऑस्टियोवार्त्राइटिस

:इस तरह के गठिया संबंधी रोग मे 2 बोन्स के बीच कार्टिलेज की क्वांटिटी कम हो जाती है, जिसके कारण बोन्स के बीच फ्रिक्षन से पाईं फील होता है. इसके कारण बॉडी मे बहुत ज़्यादा पाईं होता है.
अदर सिंप्टम्स -
जायंट्स मे अकड़न और सूजन
बॅक, हिप्स और हॅंड्ज़ मे पाईं
सुबह के टाइम और ज़्यादा काम करने के कारण बहुत ज़्यादा पाईं फील होने
उपचार (क्यूर)इसके उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से अड्वाइज़ ले.

डिसीज़ #9 : नर्व डॅमेज

इस बीमारी मे नर्व्स डॅमेज हो जाती है, जिसके कारण फुल बॉडी मे बहुत दर्द होता है.
अदर सिंप्टम्स
मसल्स मे पाईं
अचानक झंझनाहट जैसे दर्द का अनुभव (सडन्ली फेल्ट पाईं लीके टिंगलिंग)
उपचार (क्यूर)
कॉंटॅक्ट डॉक्टर

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