नीम के फायदे 101 औषधीय गुण | Neem Benefits HINDI


नीम भारतीय मूल का एक सदाबहार वृक्ष है। यह सदियों से समीपवर्ती देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यानमार (बर्मा), थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका आदि देशों में पाया जाता रहा है।

नीम के फायदे :

• नीम के पेड़ पूरे दक्षिण एशिया में फैले हैं और हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं। नीम एक बहुत ही अच्छी वनस्पति है जो कि भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है।

भारत में इसके औषधीय गुणों की जानकारी हज़ारों सालों से रही है

• भारत में एक कहावत प्रचलित है कि जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं, वहाँ मृत्यु और बीमारी कैसे हो सकती है। लेकिन, अब अन्य देश भी इसके गुणों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

नीम हमारे लिए अति विशिष्ट व पूजनीय वृक्ष है। नीम को संस्कृत में निम्ब, वनस्पति विज्ञान में ‘आज़ादिरेक्ता- इण्डिका (Azadirecta-indica) अथवा Melia azadirachta कहते है।

नीम के गुण :


यह वृक्ष अपने औषधि गुण के कारण पारंपरिक इलाज में बहुपयोगी सिद्ध होता आ रहा है। नीम स्वाभाव से कड़वा जरुर होता है, परन्तु इसके औषधीय गुण बड़े ही मीठे होते है। तभी तो नीम के बारे में कहा जाता है की एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है।

इसमें कई तरह के कड़वे परन्तु स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ होते है, जिनमे मार्गोसिं, निम्बिडीन, निम्बेस्टेरोल प्रमुख है। नीम के सर्वरोगहारी गुणों से भरा पड़ा है। यह हर्बल ओरगेनिक पेस्टिसाइड साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, मधुमेह नाशक चूर्ण, कोस्मेटिक आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

नीम की छाल में ऐसे गुण होते हैं, जो दाँतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं, जिससे दाँत स्वस्थ व मज़बूत रहते हैं।

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। इसे ग्रामीण औषधालय का नाम भी दिया गया है। यह पेड़ बीमारियों वगैरह से आज़ाद होता है और उस पर कोई कीड़ा-मकौड़ा नहीं लगता, इसलिए नीम को आज़ाद पेड़ कहा जाता है।

[1]भारत में नीम का पेड़ ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रहा है। लोग इसकी छाया में बैठने का सुख तो उठाते ही हैं, साथ ही इसके पत्तों, निबौलियों, डंडियों और छाल को विभिन्न बीमारियाँ दूर करने के लिए प्रयोग करते हैं। ग्रन्थ में नीम के गुण के बारे में चर्चा इस तरह है :-

निम्ब शीतों लघुग्राही कतुर कोअग्नी वातनुत।

अध्यः श्रमतुटकास ज्वरारुचिक्रिमी प्रणतु ॥

अर्थात : नीम शीतल, हल्का, ग्राही पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, वाट, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वामन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है।[2]

नीम के घरेलू उपयोग :

• नीम के तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।

• नीम के तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते है और डेंगू , मलेरिया जैसे रोगों से बचाव होता है

• नीम की दातुन करने से दांत व मसूढे मज़बूत होते है और दांतों में कीडा नहीं लगता है, तथा मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाता है।

• इसमें दोगुना पिसा सेंधा नमक मिलाकर मंजन करने से पायरिया, दांत-दाढ़ का दर्द आदि दूर हो जाता है।

• नीम की कोपलों को पानी में उबालकर कुल्ले करने से दाँतों का दर्द जाता रहता है।

• नीम की पत्तियां चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा विकार रहित और चमकदार होती है।

• नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर और पानी ठंडा करके उस पानी से नहाने से चर्म विकार दूर होते हैं, और ये ख़ासतौर से चेचक के उपचार में सहायक है और उसके विषाणु को फैलने न देने में सहायक है।

• चेचक होने पर रोगी को नीम की पत्तियों बिछाकर उस पर लिटाएं।

• नीम की छाल के काढे में धनिया और सौंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से मलेरिया रोग में जल्दी लाभ होता है।

• नीम मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को दूर रखने में अत्यन्त सहायक है। जिस वातावरण में नीम के पेड़ रहते हैं, वहाँ मलेरिया नहीं फैलता है। नीम के पत्ते जलाकर रात को धुआं करने से मच्छर नष्ट हो जाते हैं और विषम ज्वर (मलेरिया) से बचाव होता है।

• नीम के फल (छोटा सा) और उसकी पत्तियों से निकाले गये तेल से मालिश की जाये तो शरीर के लिये अच्छा रहता है।

• नीम के द्वारा बनाया गया लेप वालों में लगाने से बाल स्वस्थ रहते हैं और कम झड़ते हैं।

• नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालें, ठंण्डा होने पर इससे बाल, धोयें स्नान करें कुछ दिनों तक प्रयोग करने से बाल झडने बन्द हो जायेगें व बाल काले व मज़बूत रहेंगें।

• नीम की पत्तियों के रस को आंखों में डालने से आंख आने की बीमारी (कंजेक्टिवाइटिस) समाप्त हो जाती है।

• नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से पीलिया में फ़ायदा होता है, और इसको कान में डालने कान के विकारों में भी फ़ायदा होता है।

• नीम के तेल की 5-10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फ़ायदा होता है।

• नीम के बीजों के चूर्ण को ख़ाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर में काफ़ी फ़ायदा होता है।

• नीम की निम्बोली का चूर्ण बनाकर एक-दो ग्राम रात को गुनगुने पानी से लें कुछ दिनों तक नियमित प्रयोग करने से कब्ज रोग नहीं होता है एवं आंतें मज़बूत बनती है।

• गर्मियों में लू लग जाने पर नीम के बारीक पंचांग (फूल, फल, पत्तियां, छाल एवं जड) चूर्ण को पानी मे मिलाकर पीने से लू का प्रभाव शांत हो जाता है।

• बिच्छू के काटने पर नीम के पत्ते मसल कर काटे गये स्थान पर लगाने से जलन नहीं होती है और ज़हर का असर कम हो जाता है।

• नीम के 25 ग्राम तेल में थोडा सा कपूर मिलाकर रखें यह तेल फोडा-फुंसी, घाव आदि में उपयोग रहता है।

• गठिया की सूजन पर नीम के तेल की मालिश करें। (गुलाब का फूल खाने के फायदे)

• नीम के पत्ते कीढ़े मारते हैं, इसलिये पत्तों को अनाज, कपड़ों में रखते हैं।

• नीम की 20 पत्तियाँ पीसकर एक कप पानी में मिलाकर पिलाने से हैजा़ ठीक हो जाता है।

• निबोरी नीम का फल होता है, इससे तेल निकला जाता है। आग से जले घाव में इसका तेल लगाने से घाव बहुत जल्दी भर जाता है।

• नीम का फूल तथा निबोरियाँ खाने से पेट के रोग नहीं होते।

• नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से बुखार दूर हो जाता है।

• छाल को जलाकर उसकी राख में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर लगाने से दाग़ तथा अन्य चर्म रोग ठीक होते हैं।

• विदेशों में नीम को एक ऐसे पेड़ के रूप में पेश किया जा रहा है, जो मधुमेह से लेकर एड्स, कैंसर और न जाने किस-किस तरह की बीमारियों का इलाज कर सकता है।

नीम के उपयोग से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है, आप सभी से निवेदन है कि आप नीम जैसी औषधि का अपने घर में जरूर प्रयोग करे और देश के विकास में सहयोग दे और स्वस्थ भारत और प्रगतिशील भारत का निर्माण करे और अपने धन को विदेशी कम्पनियों के पास जाने से रोके

14 Responses check and comments

  1. hi,


    I have a query, is there any side effect of drinking neem juice daily. one person suggested me not to take daily neem juice

    Regards
    Abhijit

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  2. Natural Blood purifier Azadirachta indica नीम से नुकसान अभी तक हमारी नॉलेज में तो नहीं आया हे यह एक लाभदायक वृक्ष है इसके ढेरों औषधीय गुण हैं आयुर्वेद के अनुसार नीम की पत्तियां एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जी होती हैं कफ व पित्त को शांत करता है सप्ताह में एक या दो बार नीम के रस का सेवन करने से किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता नीम की पत्तियों का रस पीने से चेहरे की चमक बढ़ जाती है यह रस एंटीसेप्टिक, एंटी बेक्टेरियल, एंटीवायरल, एंटीवर्म, एंटीएलर्जिक, एंटीट्यूमर आदि गुणों से भरपूर है। ऐसे सर्वगुण संपन्न अनमोल नीम रूपी स्वास्थ्य रस का उपयोग प्रत्येक व्यक्ति को चैत्र नवरात्री में करना चाहिए। जिन लोगों को बार बार-बुखार और मलेरिया का संक्रमण होता है, उनके लिए यह रामवाण औषधि है। वैसे तो आप प्रतिदिन पांच ताज़ा नीम की पत्तियाँ चबा ले तो अच्छा है, प्रतिदिन इसका प्रयोग करने पर मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है

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    1. Hi,

      Firstly thanks for you instant reply.

      Your answer clarified all my doubts. Actually I am suffering from very serious Food/Skin & Pressure allergy from last 10 years. I have tried every doctor but didn't get any solution.So Finally decided to drink neem juice.From last one month i am taking neem juice & ras daily either in evening.

      Thank you once again for this informative article. It helped me a lot to understand how neem helps to cure skin issue.

      Regards,
      Abhijit

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  3. थैंक्स अभिजीत,
    अपने फ्रेंड्स फैमिली को भी top.howFn.com पर लाये....आप जल्द ही ठीक होंगे ऐसी कामना भगवान् से करते है website pe aate rahe

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  4. Greetings!!

    Found this article very informative and brought the attention towards the many uses of this very common tree.
    Inspired by this artivle i would like to start including neem into my routine.
    Can you please give the exact quantity and method of preparing neem juice which can be consumed once a week.

    Thanks and Regards,
    Sadiya

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  5. thanks for visiting website dear sadiya ask que. hindi our more visitor like hindi lun. यहाँ क्लिक्स से देखे GOOD HEALTH TIPS

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  6. Pls suggest me hw can i use the paste of neem on mu skin... I m suffer from skin elrgy from last few days.. Pls help me

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  7. aap hamari site par upper box me search kake dekh lo sabhi info mil jayegi ya.. मुँहासे पिंपल्स इलाज के लिए घरेलू उपाय Pimple treatment in hindi phir bhi samjh na aaye to again bataye

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  8. नीम का रस जो कभी-कभी इस से निकलता है। जो शहद जैसा होता है । इसके लाभ एवम् लेने की विधी के बारे मे जानकारी दे
    धन्यवाद ।।।

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  9. Sir muze pishle 17 saalo se psorisis hai koi ilaj byaiye plllllzzz

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  10. main sir boht preshan nu poori body pr

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  11. main sir boht preshan nu poori body pr mere psorisis hai mera dil to krta hai k m mar jau is bimari se kaise shutkara pau sir btao plllzzz
    bohat preshan nu m
    mera whats aap no 9478061286 koi bhi mera msg read kre to ilaj pta ho to plllzzz muje phone krna ja frr muze whats aap pr msg kr dena reply fast sie

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  12. बहुत अच्छा हे नीम का पेड

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  13. Thank You!!
    This article helped me a lot in finishing my holiday homework.
    Regards,
    Naina Srivastava
    7th standard
    DPS Varanasi

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Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅

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