डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी बायोडाटा | shyama prasad mukherji biography bjp
4 April 2021
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Kashmir भारत में कश्मीर के संपूर्ण जिले के लिए संघर्ष करने वाले देश के पहले नेता थे और सबसे बड़ी बात यह कि वह अपने आदर्शों पर मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्वतंत्र भारत के पहले नेता थे इसलिए आप सब उनके बारे में जानना चाहिए हो सकता है हमारी इतिहास की किताबों ने अभी तकउनके बारे में पूरी जानकारी पूरी नही दी हो
पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगाल के एक बड़े नेता थे वो पंडित नेहरू की कैबिनेट में उद्योग मंत्री भी थे पंडित नेहरू से मतभेद के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर जनसंघ की स्थापना की थी
मुखर्जी जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने के खिलाफ थे जम्मू कश्मीर राज्य का भारत में संपूर्ण चाहते थे और इसीलिए मुखर्जी नियम तोड़कर जम्मू कश्मीर में दाखिल हुए थे
लेकिन उसके बाद जो कुछ वह आज तक रहस्य बना हुआ है यानी जम्मू कश्मीर का जो काटा आज देश को चुभ रहा है उसे निकालने की सबसे पहली कोशिश श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही की थी इसलिए आप सब उनके बारे में जानना चाहिए
मृत्यु के पीछे कोई साजिश थी 1966 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सोवियत संघ के ताशकंद में रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई थी और उस वक्त भी यही सवाल उठे थे कि क्या शास्त्री जी की मौत जहर की वजह से उड़ी या फिर यह कोई साजिश थी तो ठीक इसी तरह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 66 साल बाद भी कई सवाल थे
करते हुए यह भी लिखा कि आप कहते हैं कि मेरे बेटे के कैद में रहने के दौरान आप कश्मीर गए थे और उसके प्रति आपका लगाओ भी था तो फिर ऐसा क्या हुआ कि आप कश्मीर में रहते हुए भी समय निकालकर उससे मिलने नहीं गए क्या चीज आपको रोक रही थी आप उसके स्वास्थ्य और उसे दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ले सकते थे लेकिन आपने ऐसा नहीं किया लौटा
मुखर्जी की मां ने पंडित नेहरू पर यह आरोप उन्हें भेजी गई अपनी चिट्ठी में लगाए थे और यह भी कहा था कि उनके पुत्र की मौत रहस्यमय तरीके से हुई और कश्मीर की तत्कालीन सरकार ने मां होने के बावजूद उनके बेटे की मौत की खबर निधन होने के 2 घंटे बाद दी इसके बाद 5 जुलाई 1953 को पंडित नेहरू का जवाब आया जिसमें लिखा कि वह अपने बेटे की मौत से दुखी मां की पीड़ा समझ सकते हैं कि वह मुखर्जी की और उनकी मौत से जुड़ी जानकारियां करके और ध्यान से उनका अध्ययन करने के बाद जवाब देना उचित समझते थे इसके लिए उन्होंने कश्मीर में कई लोगों से बात करके हासिल किए और उनके आधार पर पंडित नेहरू ने प्रसाद मुखर्जी की मौत में कुछ भी नहीं है और जांच नहीं कराई
पुराने अखबार के इस लेख पर ध्यान दीजिए जिसका शीर्षक था वेस्ट बंगाल डिमांड इंक्वायरी * डॉक्टर मुखर्जी डेट इस लेख में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी रॉय की स्थिति का जिक्र है जो उन्होंने पंडित नेहरू को लिखी थी आज हमने सब निकाला और इसमें कहा गया था
धारा 370 के कट्टर बेरोधी थे
पर देश आज भी नही जान पाया कैसे मौत हुई
इसे देश की नजर से देखिए जम्मू कश्मीर के दृष्टिकोण से देखिए जम्मू कश्मीर की समस्या को ध्यान में रखकर तब इस खबर को देखें क्योंकि यह खबर ना बीजेपी की है ना कांग्रेस की है यह खबर असल में जम्मू-कश्मीर की है
आज हमने आपको डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की संदिग्ध मृत्यु से जुड़ा यह विशेषण इसलिए दिखाया था कि आप ऐतिहासिक तथ्यों की रोशनी में आज होने वाली खबरों को समझ सके जम्मू कश्मीर पर आज होने वाली राजनीति को समझ सकें अगर डॉक्टर मुखर्जी की बात उस समय मान ली गई होती तो शायद आज जम्मू कश्मीर की समस्या होती नहीं शायद तब जम्मू कश्मीर में ऐसा आतंकवादी पैदा नहीं होता जैसा आज है
और एक राज्य के तौर पर जम्मू कश्मीर आज के मुकाबले कहीं ज्यादा विकसित होता किस राज्य के लोग देश के मुख्य धारा में अब तक शामिल हो गए होते पाकिस्तान का उस पर दावा
Shyama prasad mukherji biography bjp
पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगाल के एक बड़े नेता थे वो पंडित नेहरू की कैबिनेट में उद्योग मंत्री भी थे पंडित नेहरू से मतभेद के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर जनसंघ की स्थापना की थी
मुखर्जी जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने के खिलाफ थे जम्मू कश्मीर राज्य का भारत में संपूर्ण चाहते थे और इसीलिए मुखर्जी नियम तोड़कर जम्मू कश्मीर में दाखिल हुए थे
लेकिन उसके बाद जो कुछ वह आज तक रहस्य बना हुआ है यानी जम्मू कश्मीर का जो काटा आज देश को चुभ रहा है उसे निकालने की सबसे पहली कोशिश श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही की थी इसलिए आप सब उनके बारे में जानना चाहिए
मृत्यु के पीछे कोई साजिश थी 1966 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सोवियत संघ के ताशकंद में रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई थी और उस वक्त भी यही सवाल उठे थे कि क्या शास्त्री जी की मौत जहर की वजह से उड़ी या फिर यह कोई साजिश थी तो ठीक इसी तरह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 66 साल बाद भी कई सवाल थे
करते हुए यह भी लिखा कि आप कहते हैं कि मेरे बेटे के कैद में रहने के दौरान आप कश्मीर गए थे और उसके प्रति आपका लगाओ भी था तो फिर ऐसा क्या हुआ कि आप कश्मीर में रहते हुए भी समय निकालकर उससे मिलने नहीं गए क्या चीज आपको रोक रही थी आप उसके स्वास्थ्य और उसे दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ले सकते थे लेकिन आपने ऐसा नहीं किया लौटा
मुखर्जी की मां ने पंडित नेहरू पर यह आरोप उन्हें भेजी गई अपनी चिट्ठी में लगाए थे और यह भी कहा था कि उनके पुत्र की मौत रहस्यमय तरीके से हुई और कश्मीर की तत्कालीन सरकार ने मां होने के बावजूद उनके बेटे की मौत की खबर निधन होने के 2 घंटे बाद दी इसके बाद 5 जुलाई 1953 को पंडित नेहरू का जवाब आया जिसमें लिखा कि वह अपने बेटे की मौत से दुखी मां की पीड़ा समझ सकते हैं कि वह मुखर्जी की और उनकी मौत से जुड़ी जानकारियां करके और ध्यान से उनका अध्ययन करने के बाद जवाब देना उचित समझते थे इसके लिए उन्होंने कश्मीर में कई लोगों से बात करके हासिल किए और उनके आधार पर पंडित नेहरू ने प्रसाद मुखर्जी की मौत में कुछ भी नहीं है और जांच नहीं कराई
पुराने अखबार के इस लेख पर ध्यान दीजिए जिसका शीर्षक था वेस्ट बंगाल डिमांड इंक्वायरी * डॉक्टर मुखर्जी डेट इस लेख में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी रॉय की स्थिति का जिक्र है जो उन्होंने पंडित नेहरू को लिखी थी आज हमने सब निकाला और इसमें कहा गया था
धारा 370 के कट्टर बेरोधी थे
पर देश आज भी नही जान पाया कैसे मौत हुई
इसे देश की नजर से देखिए जम्मू कश्मीर के दृष्टिकोण से देखिए जम्मू कश्मीर की समस्या को ध्यान में रखकर तब इस खबर को देखें क्योंकि यह खबर ना बीजेपी की है ना कांग्रेस की है यह खबर असल में जम्मू-कश्मीर की है
आज हमने आपको डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की संदिग्ध मृत्यु से जुड़ा यह विशेषण इसलिए दिखाया था कि आप ऐतिहासिक तथ्यों की रोशनी में आज होने वाली खबरों को समझ सके जम्मू कश्मीर पर आज होने वाली राजनीति को समझ सकें अगर डॉक्टर मुखर्जी की बात उस समय मान ली गई होती तो शायद आज जम्मू कश्मीर की समस्या होती नहीं शायद तब जम्मू कश्मीर में ऐसा आतंकवादी पैदा नहीं होता जैसा आज है
और एक राज्य के तौर पर जम्मू कश्मीर आज के मुकाबले कहीं ज्यादा विकसित होता किस राज्य के लोग देश के मुख्य धारा में अब तक शामिल हो गए होते पाकिस्तान का उस पर दावा
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