गर्भपात के लक्षण मिसकैरेज कारण से बचाव garbhpat ke lakshan garvpat miscarriage meaning
11 December 2020
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Miscarriage meaning ki wajah, after miscarriage next pregnancy in hindi - दोस्तों आज हम एक बहुत ही सामान्य रोग की बात कारने जा रहे है जिसे मेडिकल भाषा में मिसकैरेज miscarriage कहा जाता है जिसका हिंदी बोलचाल में मतलब गर्भ का गिर जाना बोलते है
जब किसी प्रेग्नेंट महिला का जाने या अनजाने में गर्भ में ही शिशु की मौत हो जाये या किन्ही कारण से गर्भ गिर जाए तो इस प्रकिया को गर्भपात कहा जाता है यह एक सामान्य सा लक्षण है भारत में क्योकि एक पूर्ण स्वस्थ महिला का भी garvpat सामान्य अवस्था में हो सकता है अगर सही सावधानिया नहीं वर्ती तो चलिए शुरू करते है
2) रोग प्रतिरक्षण समस्याएं (Immunological problems)- कई बार मां का इम्यून सिस्टम फॉरन बॉडी के रूप में पिता की कोशिकाओं की जांच करता है और उन पर हमला करता है, इस तरह के मामलों में गर्भावस्था किसी भी तरह से आगे बढ़े बिना ही गर्भ में समाप्त हो जाता है। यह और भी अधिक महत्वपूर्ण तब है, जब माँ और पिता के आरएच कारक अलग होते हैं।
3) गुणसूत्र असामान्यताएं (Chromosomal abnormalities)- ज्यादातर मामलों में गर्भपात की समस्या माता-पिता दोनों में से किसी एक के कुछ गुणसूत्र असामान्यताओं के कारण हो सकती है। वास्तव में जीन में कुछ बदलाव के कारण ये समस्या हो सकती है।
4) हेमाटोलोजीकल (Hematological) कारण- कई बार क्त संबंधी विकार थ्रोम्बोसिस (thrombosis) भी शुरुआती दिनों में गर्भपात का एक कारण हो सकता है। इसके अलावा खून के थक्के की दवाएं भी इसका कारण बन सकती हैं।
5) हार्मोन संबंधी समस्याएं- ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर रहना बहुत जरूरी होता है। लेकिन डायबिटीज, थायराइड और अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं भी गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के दौरान गर्भपात कारण बन सकती हैं।
जब किसी प्रेग्नेंट महिला का जाने या अनजाने में गर्भ में ही शिशु की मौत हो जाये या किन्ही कारण से गर्भ गिर जाए तो इस प्रकिया को गर्भपात कहा जाता है यह एक सामान्य सा लक्षण है भारत में क्योकि एक पूर्ण स्वस्थ महिला का भी garvpat सामान्य अवस्था में हो सकता है अगर सही सावधानिया नहीं वर्ती तो चलिए शुरू करते है
गर्भपात के लक्षण मिसकैरेज कारण garbhpat miscarriage kyo hota hai
1) गर्भाशय (uterus) में असामान्यताएं- फाइब्रॉएड, गर्भाशय वेध (uterine perforation), इन्फेक्शन, अलग गर्भाशय जैसी संरचनात्मक समस्या या मुड़ा हुआ गर्भाशय (folded uterus) गर्भावस्था को कठिन बना सकते हैं। इससे अंदर की जगह बढ़ जाती है और ये गर्भपात का कारण बन जाता है। इसके अलावा इन्फेक्शन और गर्भाशय की कमजोर दीवारें भी इसके कारण हैं।2) रोग प्रतिरक्षण समस्याएं (Immunological problems)- कई बार मां का इम्यून सिस्टम फॉरन बॉडी के रूप में पिता की कोशिकाओं की जांच करता है और उन पर हमला करता है, इस तरह के मामलों में गर्भावस्था किसी भी तरह से आगे बढ़े बिना ही गर्भ में समाप्त हो जाता है। यह और भी अधिक महत्वपूर्ण तब है, जब माँ और पिता के आरएच कारक अलग होते हैं।
3) गुणसूत्र असामान्यताएं (Chromosomal abnormalities)- ज्यादातर मामलों में गर्भपात की समस्या माता-पिता दोनों में से किसी एक के कुछ गुणसूत्र असामान्यताओं के कारण हो सकती है। वास्तव में जीन में कुछ बदलाव के कारण ये समस्या हो सकती है।
4) हेमाटोलोजीकल (Hematological) कारण- कई बार क्त संबंधी विकार थ्रोम्बोसिस (thrombosis) भी शुरुआती दिनों में गर्भपात का एक कारण हो सकता है। इसके अलावा खून के थक्के की दवाएं भी इसका कारण बन सकती हैं।
5) हार्मोन संबंधी समस्याएं- ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर रहना बहुत जरूरी होता है। लेकिन डायबिटीज, थायराइड और अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं भी गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के दौरान गर्भपात कारण बन सकती हैं।
गर्भपात का इलाज मिसकैरेज से बचाव
- - उचित खानपान
- - तनाव ना लेना
- - सीडी या ऊबड़खाबड़ जगह ना चलना
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