छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री कौन बना Chhattisgarh ka mukhyamantri kaun bana
17 December 2018
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New chief minister of chhattisgarh 2018 - भूपेश बघेल का जीवन परिचय जाति 11 दिसंबर को आये विधानसभा रिजल्ट के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 16 दिसम्बर को अपने नए सीएम के नाम की घोषणा दी
दिल्ली से राहुल गांधी द्वारा दिया गया लिफाफा विधायक दल की बैठक में खोला गया जिसमें Bhupesh Baghel भूपेश बघेल का नाम था सबसे आगे था अब सोमवार शाम 5 बजे भूपेश बघेल का शपथ ग्रहण समारोह होगा अभी सिर्फ सीएम शपथ लेंगे मंत्रिमंडल का गठन बाद में किया जाएगा।
भूपेश बघेल ने मीडिया का भी जमकर सहारा लिया हे. वे रोज प्रेस कांफ्रेंस करते और बीजेपी सरकार के खिलाफ हर बार नया तथ्य लेकर सामने आते थे . इसे लेकर सरकार ने उनकी जमकर खिल्ली उड़ाई और यहां तक कहा कि प्रेस कांफ्रेस करके कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता. कभी सड़क पर भी उतरें.
भूपेश के लिए टर्निंग प्वाइंट
अंतागढ़ उपचुनाव भी बघेल के राजनीतिक जीवन में बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. कांग्रेस उम्मीदवार को मैदान छुड़ाने की योजना ये सोचकर बनाई गई थी, कि इससे बघेल का कॅरियर खत्म हो जाएगा, लेकिन उन्होंने इसे पैने हथियार की तरह इस्तेमाल किया. इसके पीछे रची गई कथित साजिश के खुलासे के साथ छत्तीसगढ़ में एक नए राजनीतिक दल का जन्म हुआ.
निकाय चुनावों से सफलता
नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में जिस तरह की रणनीति भूपेश बघेल ने बनाई और कार्यकर्ताओं को तवज्जो देकर जो नतीजे हासिल किए, उससे वे कार्यकर्ताओं में ये विश्वास जगाने में कामयाब हुए कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चुनाव जीत सकती है, बशर्ते उन्हें एक होना पड़ेगा.
सरकार के निशाने पर रहे भूपेश
बघेल जैसे जैसे सरकार के खिलाफ हमलावर होते गए, वैसे वैसे सरकार ने उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बघेल ने सरकार के इस हथियार को उनके खिलाफ बखूबी इस्तेमाल किया. खासतौर पर जब उनकी मां और पत्नी के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया गया और फर्जी सेक्स सीडी कांड में उनकी गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए पूरी पार्टी को अपने पीछे खड़े होने पर मजबूर करके सरकार के साथ ही अपने विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास करा दिया.
बघेल के साथ ही इसका फायदा कांग्रेस को मिला. हुआ ये कि बघेल की छवि खराब करने की कोशिशें जितनी तेज हुई, उतना ही उन्हें फायदा मिलता चला गया.
दिल्ली से राहुल गांधी द्वारा दिया गया लिफाफा विधायक दल की बैठक में खोला गया जिसमें Bhupesh Baghel भूपेश बघेल का नाम था सबसे आगे था अब सोमवार शाम 5 बजे भूपेश बघेल का शपथ ग्रहण समारोह होगा अभी सिर्फ सीएम शपथ लेंगे मंत्रिमंडल का गठन बाद में किया जाएगा।
FACTS Bhupesh Baghel Chhattisgarh ka mukhyamantri
मीडिया का सहाराभूपेश बघेल ने मीडिया का भी जमकर सहारा लिया हे. वे रोज प्रेस कांफ्रेंस करते और बीजेपी सरकार के खिलाफ हर बार नया तथ्य लेकर सामने आते थे . इसे लेकर सरकार ने उनकी जमकर खिल्ली उड़ाई और यहां तक कहा कि प्रेस कांफ्रेस करके कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता. कभी सड़क पर भी उतरें.
भूपेश के लिए टर्निंग प्वाइंट
अंतागढ़ उपचुनाव भी बघेल के राजनीतिक जीवन में बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. कांग्रेस उम्मीदवार को मैदान छुड़ाने की योजना ये सोचकर बनाई गई थी, कि इससे बघेल का कॅरियर खत्म हो जाएगा, लेकिन उन्होंने इसे पैने हथियार की तरह इस्तेमाल किया. इसके पीछे रची गई कथित साजिश के खुलासे के साथ छत्तीसगढ़ में एक नए राजनीतिक दल का जन्म हुआ.
निकाय चुनावों से सफलता
नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में जिस तरह की रणनीति भूपेश बघेल ने बनाई और कार्यकर्ताओं को तवज्जो देकर जो नतीजे हासिल किए, उससे वे कार्यकर्ताओं में ये विश्वास जगाने में कामयाब हुए कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चुनाव जीत सकती है, बशर्ते उन्हें एक होना पड़ेगा.
सरकार के निशाने पर रहे भूपेश
बघेल जैसे जैसे सरकार के खिलाफ हमलावर होते गए, वैसे वैसे सरकार ने उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बघेल ने सरकार के इस हथियार को उनके खिलाफ बखूबी इस्तेमाल किया. खासतौर पर जब उनकी मां और पत्नी के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया गया और फर्जी सेक्स सीडी कांड में उनकी गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए पूरी पार्टी को अपने पीछे खड़े होने पर मजबूर करके सरकार के साथ ही अपने विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास करा दिया.
बघेल के साथ ही इसका फायदा कांग्रेस को मिला. हुआ ये कि बघेल की छवि खराब करने की कोशिशें जितनी तेज हुई, उतना ही उन्हें फायदा मिलता चला गया.
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