ये 3 जाति के लोग ही होंगे राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड president bodyguard caste indian rules
27 December 2018
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जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस संजीव नरुला ने हरियाणा निवासी गौरव यादव की याचिका पर रक्षा मंत्रालय, सेना प्रमुख, राष्ट्रपति के अंगरक्षक कमांडेंट और सेना भर्ती के निदेशक को नोटिस जारी किए हैं.
गौरव यादव ने चार सितंबर, 2017 को हुई राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती रद्द करने की गुजारिश की थी. याचिकाकर्ता का आरोप है कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती के लिए सिर्फ जाट, राजपूत और जाट सिख जातियों को ही आमंत्रित किया गया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती में सिर्फ तीन जातियों पर ही विचार करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और सेना प्रमुख से जवाब मांगा है.
बेंच ने इन सभी को चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी 2019 को होगी.
गौरव यादव ने चार सितंबर, 2017 को हुई राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती रद्द करने की गुजारिश की थी. याचिकाकर्ता का आरोप है कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती के लिए सिर्फ जाट, राजपूत और जाट सिख जातियों को ही आमंत्रित किया गया था.
याचिकाकर्ता ने कहा कि वो अहीर/यादव जाति से संबंध रखते हैं और जाति को छोड़कर राष्ट्रपति का अंगरक्षक की भर्ती के लिये सारी योग्यताएं पूरी करते हैं. याचिकाकर्ता ने खुद को इस पद पर नियुक्त करने का अनुरोध किया है.
याचिका में कहा गया है कि तीन जातियों को प्राथमिकता देकर दूसरे योग्य नागरिकों को भर्ती के अवसर से वंचित किया गया है. याचिका में कहा गया है कि इस तरह पक्षपात संविधान के अनुच्छेद 14 और 15(1) और 16 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट इस मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.
गौरव यादव ने चार सितंबर, 2017 को हुई राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती रद्द करने की गुजारिश की थी. याचिकाकर्ता का आरोप है कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती के लिए सिर्फ जाट, राजपूत और जाट सिख जातियों को ही आमंत्रित किया गया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती में सिर्फ तीन जातियों पर ही विचार करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और सेना प्रमुख से जवाब मांगा है.
बेंच ने इन सभी को चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी 2019 को होगी.
गौरव यादव ने चार सितंबर, 2017 को हुई राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती रद्द करने की गुजारिश की थी. याचिकाकर्ता का आरोप है कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती के लिए सिर्फ जाट, राजपूत और जाट सिख जातियों को ही आमंत्रित किया गया था.
याचिकाकर्ता ने कहा कि वो अहीर/यादव जाति से संबंध रखते हैं और जाति को छोड़कर राष्ट्रपति का अंगरक्षक की भर्ती के लिये सारी योग्यताएं पूरी करते हैं. याचिकाकर्ता ने खुद को इस पद पर नियुक्त करने का अनुरोध किया है.
याचिका में कहा गया है कि तीन जातियों को प्राथमिकता देकर दूसरे योग्य नागरिकों को भर्ती के अवसर से वंचित किया गया है. याचिका में कहा गया है कि इस तरह पक्षपात संविधान के अनुच्छेद 14 और 15(1) और 16 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट इस मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.
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