74वां संविधान संशोधन क्या है विशेषताएं अधिनियम 73वां samvidhan sanshodhan in hindi kya hai pdf


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किसी भी देश के विकास के लिए सबसे जरूरी है लोकतंत्र की मजबूती और लोकतंत्र तभी मजबूत हो सकता है जब शासन के अवसर पर स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो संविधान निर्माताओं ने संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों में पंचायती राज व्यवस्था के तहत स्थानीय स्वशासन में आम लोगों की भागीदारी की संकल्पना की थी स्थानीय स्वशासन को मजबूत बनाने की कवायद संविधान लागू होने के बाद से ही शुरू हो गई थी लेकिन देश भर के लिए एक रूप मॉडल नहीं होने की वजह से स्थानीय स्तर पर सही मायने में सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं हो पा रहा था ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों को सही मायने में संवैधानिक दर्जा मिला जब संसद में संविधान संशोधन पारित हुआ

74 samvidhan sanshodhan kab lagu hua 

73वें संविधान संशोधन 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ 1950 में संविधान के लागू होने के बाद से इस में 101 संशोधन किये जा चुके हैं
स्थानीय लोगों को निर्णय लेने के लिए सक्रिय बनाना था इस संशोधन के द्वारा 73 वा संशोधन ग्रामीण इलाकों में पंचायती व्यवस्था से जुड़ा है तो वही ग्रामीण इलाकों में पंचायती व्यवस्था से जुड़ा है 

74वां संविधान संशोधन हिंदी


74वां संशोधन शहरी इलाकों में स्थानीय स्वशासन से जुड़ा था इन दोनों संशोधनों से केंद्र और राज्य के बाद लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के तहत शासन के तीसरे स्तर को ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावी बनाया गया संविधान की 74 वें संशोधन अधिनियम के बाद शहरों नगरो मोहल्लों की बेहतरी से जुड़े फैसले अब सिर्फ सरकार के हाथों में नहीं रह गए स्थानीय लोगों को अपने इलाकों के हित और विकास से जुड़े मुद्दों पर फैसला लेने का अधिकार मिल गया इन दोनों संशोधनों के बाद नियमित रूप से स्थानीय निकाय चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता हो गई 

उनका इलेक्शन होगा कितने सदस्य होंगे और उनको क्या अधिकार क्षेत्र का क्या होगा वह क्या कर पीटा कर सकते हैं कहां-कहां कर खट्टा कर सकते हैं 74वां संविधान संशोधन दिसंबर 1992 में संसद से पारित हुआ और 1 जून 1993 से लागू हो गया 

74 वें संविधान संशोधन अधिनियम के जरिए संविधान में भाग 9 और 12 वीं अनुसूची को शामिल किया गया इन के जरिए देश में शहरी स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था की गई अनुच्छेद 243 से लेकर अनुच्छेद 243 जोड़े गए 74 वें संविधान संशोधन का मकसद देश में नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिकारों में एकता लाना है शहरों के विकास कार्यों में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाना है 

74 वां संविधान संशोधन मकसद


इसके बाद स्थानीय निकायों की आधार को मजबूत बनाने में मदद मिली स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था रही थी उसे वास्तविक रूप में सत्ता का विकेंद्रीकरण संभव नहीं हो पा रहा था धन की कमी थी उनका आधार कमजोर का वित्तीय संसाधनों की कमी से नगर निकायों के कामकाज पर राज्य सरकार का नियंत्रण था

 नगर निकायों के प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी समय पर चुनाव नहीं हो पाते थे कमजोर और उपेक्षित वर्गों का प्रतिनिधित्व इन कमियों को दूर करने के लिए ही 74 वें संशोधन अधिनियम के संविधान में ही स्थानीय नगर निकाय की संरचना गठन शक्तियों और कामकाज का प्रावधान किया गया संविधान के संशोधन अधिनियम से नगर प्रशासन को संवैधानिक दर्जा दिया गया इसके साथ ही स्थानीय स्वशासन को मजबूत बनाने की कोशिश की गई

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