एकादशी आज व्रत कथा महत्व ekadashi vrat katha fast benefits hindi
10 June 2018
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ekadashi vrat katha fast benefits hindi full information कमला एकादशी परमा एकादशी और हरवला एकादशी के नाम से कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा जाता है दिन रविवार 10 जून को यह उपवास है यह जेष्ठ मास के पुरुषोत्तम मास में होती है इस साल भी एकादशी का व्रत बड़े जोरों शोरों से मनाया जा रहा है
इस व्रत उपवास नियम हैं जो इस प्रकार हैं
प्रात काल में सच्चे मन और विचारों से व्रत को लेकर मन में कुछ संकल्प धारण करते हैं उसके बाद स्नान आदि क्रियाओं से पूर्ण होने के बाद भगवान सूर्य कमल नयन सुदर्शन धारी श्री हरि जी की पूजा अर्चना की जाती है जिसके लिए धूप नैवेध पुष्प दीप फलों में मुसम्मी का फल भगवान को स्नान कराने के लिए पंचामृत आदि का उपयोग किया जाता है
इस बात इस व्रत को करने से होने वाले फायदे
रविवार के दिन को सूर्य भगवान का दिन कहा जाता है और अगर रविवार को ही वह व्रत पड़ता है तो इसका फायदा कई गुना तक बढ़ जाता है ऐसा शास्त्रों में वर्णित है और जो इस बार की एकादशी का व्रत है वह भी रविवार को आ रहा है पुराणों में और पंडितों के द्वारा ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु और भगवान सूर्ये की पूजा एक साथ करने से जितने भी बुरे से बुरे प्रभाव होते हैं या जो भी समय है वह अच्छा हो जाता है इस व्रत से किसी भी इंसान की किस्मत उस का साथ देती है और खराब परिस्थितियों में भी उसके अनुकूल हो जाती हैं इस तरह से व्रत का व्याख्यान बताया जाता है भगवान विष्णु के पास लक्ष्मी का भी वास होता है तो भगवान जब प्रसन्न होंगे तो लक्ष्मी जी अपने आप प्रसन्न होती हैं तो इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता
क्या ना करें उपवास में
जो भी इस व्रत को धारण करना चाहते हैं उनको कुछ चीजों का वर्जन बताया गया है जैसे चावलों का सेवन पूरी तरह से वर्जित है साथ में एकादशी व्रत में भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
कुछ लोग इस उपवास में फल हारी अर्थात स्वांग के चावल की खीर बना लेते हैं जो अनुचित है किसी की भी निंदा चुगली नहीं करना चाहिए और इस दिन किसी के भी दिल की दुखने वाली बात बिल्कुल नहीं करनी चाहिए क्योंकि बुरे मन से अगर आप व्रत करेंगे तो उसका प्रभाव भी बुरा होने लगता है
एकादशी व्रत में क्या करें दिन में सच्चे मन से व्रत धारण करें रात के समय मंदिर में जाकर दीप दान करें भगवान विष्णु का संकीर्तन करते हुए रात्रि में जागरण भी कर सकते हैं भगवान विष्णु की पूजा करें और श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें इस व्रत में सुबह के समय प्रात काल है सूर्यदेव को जल जरुर अवश्य चढ़ाएं प्यार से लोगों को पानी जरुर पिलाएं गायों को चारा भी खिला सकते हैं पानी पिलाएं और गाय माता का आशीर्वाद पाएं उनके मस्तिष्क पर हाथ फेरा और उन्हें प्रेम से चलाएं इसके अलावा व्रत में अपनी क्षमता के अनुसार ब्राह्मणों को कुछ वस्तु का दान दक्षिणा अवश्य करें इसके भी फायदे इस दिन होते हैं
इस व्रत उपवास नियम हैं जो इस प्रकार हैं
प्रात काल में सच्चे मन और विचारों से व्रत को लेकर मन में कुछ संकल्प धारण करते हैं उसके बाद स्नान आदि क्रियाओं से पूर्ण होने के बाद भगवान सूर्य कमल नयन सुदर्शन धारी श्री हरि जी की पूजा अर्चना की जाती है जिसके लिए धूप नैवेध पुष्प दीप फलों में मुसम्मी का फल भगवान को स्नान कराने के लिए पंचामृत आदि का उपयोग किया जाता है
इस बात इस व्रत को करने से होने वाले फायदे
रविवार के दिन को सूर्य भगवान का दिन कहा जाता है और अगर रविवार को ही वह व्रत पड़ता है तो इसका फायदा कई गुना तक बढ़ जाता है ऐसा शास्त्रों में वर्णित है और जो इस बार की एकादशी का व्रत है वह भी रविवार को आ रहा है पुराणों में और पंडितों के द्वारा ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु और भगवान सूर्ये की पूजा एक साथ करने से जितने भी बुरे से बुरे प्रभाव होते हैं या जो भी समय है वह अच्छा हो जाता है इस व्रत से किसी भी इंसान की किस्मत उस का साथ देती है और खराब परिस्थितियों में भी उसके अनुकूल हो जाती हैं इस तरह से व्रत का व्याख्यान बताया जाता है भगवान विष्णु के पास लक्ष्मी का भी वास होता है तो भगवान जब प्रसन्न होंगे तो लक्ष्मी जी अपने आप प्रसन्न होती हैं तो इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता
क्या ना करें उपवास में
जो भी इस व्रत को धारण करना चाहते हैं उनको कुछ चीजों का वर्जन बताया गया है जैसे चावलों का सेवन पूरी तरह से वर्जित है साथ में एकादशी व्रत में भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
कुछ लोग इस उपवास में फल हारी अर्थात स्वांग के चावल की खीर बना लेते हैं जो अनुचित है किसी की भी निंदा चुगली नहीं करना चाहिए और इस दिन किसी के भी दिल की दुखने वाली बात बिल्कुल नहीं करनी चाहिए क्योंकि बुरे मन से अगर आप व्रत करेंगे तो उसका प्रभाव भी बुरा होने लगता है
एकादशी व्रत में क्या करें दिन में सच्चे मन से व्रत धारण करें रात के समय मंदिर में जाकर दीप दान करें भगवान विष्णु का संकीर्तन करते हुए रात्रि में जागरण भी कर सकते हैं भगवान विष्णु की पूजा करें और श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें इस व्रत में सुबह के समय प्रात काल है सूर्यदेव को जल जरुर अवश्य चढ़ाएं प्यार से लोगों को पानी जरुर पिलाएं गायों को चारा भी खिला सकते हैं पानी पिलाएं और गाय माता का आशीर्वाद पाएं उनके मस्तिष्क पर हाथ फेरा और उन्हें प्रेम से चलाएं इसके अलावा व्रत में अपनी क्षमता के अनुसार ब्राह्मणों को कुछ वस्तु का दान दक्षिणा अवश्य करें इसके भी फायदे इस दिन होते हैं
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