जमीन पर बैठकर भोजन करने के फायदे जानकर चौंक जाएंगे best position to eat food health benefits
7 February 2018
1 Comment
best position to eat food health benefits हम सभी को जिंदा रहने के लिए भोजन की जरूरत होती है। अगर, पेट नहीं होता और भूख नहीं होती, तो शायद दुनिया का कोई भी आदमी आज काम नहीं कर रहा होता। मगर, यदि सही तरह से बैठ कर भोजन नहीं किया जाए, तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं
इसीलिए भारतीय संस्कृति में जमीन पर बैठकर सुखासन में खाने की व्यवस्था की गई थी। इससे जुड़े वैज्ञानिक कारण हैं। हालांकि, बदलती जीवनशैली और भागमभाग में कई बार लोग इन मामूली बातों का ध्यान नहीं रखते हैं और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
दरअसल, खड़े होकर भोजन करने से व्यक्ति को कब्ज की परेशानी होती है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम खड़े होकर भोजन करते हैं, तो हमारी आंतें सिकुड़ जाती हैं और भोजन ठीक से नहीं पच पाता है। इससे कब्ज की परेशानी होती है।
खड़े होकर खाने से मन शांत और एकाग्र नहीं रहता है, लिहाजा व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता कि उसका पेट भरा है या नहीं। ऐसे लोग या तो कम खाने की वजह से कुपोषित रहते हैं और कई बार अावश्यकता से अधिक खाने की वजह से मोटापे के शिकार हो जाते हैं।
इसलिए जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना खाने की परंपरा बनाई गई है। जमीन पर बैठकर खाना खाने से हैं वजन नियंत्रण में रहता है। दरअसल, जब सुखासन में बैठते हैं, तो दिमाग अपने आप शांत हो जाता है। वह बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है।
बैठकर खाने से पेट और दिमाग को सही समय पर एहसास हो जाता है कि शरीर के लिए जरूरी भोजन मिल गया है। इससे व्यक्ति अधिक खाने से बच जाता है और मोटापे की चपेट में नहीं आता है।
जमीन पर सुखासन में बैठने पर स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ मिलते हैं जैसे इससे मन की एकाग्रता बढ़ती है। जबकि इसके विपरित खड़े होकर भोजन करने से तो मन एकाग्र नहीं रहता है। इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसिडीटी आदि पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
इसीलिए भारतीय संस्कृति में जमीन पर बैठकर सुखासन में खाने की व्यवस्था की गई थी। इससे जुड़े वैज्ञानिक कारण हैं। हालांकि, बदलती जीवनशैली और भागमभाग में कई बार लोग इन मामूली बातों का ध्यान नहीं रखते हैं और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
दरअसल, खड़े होकर भोजन करने से व्यक्ति को कब्ज की परेशानी होती है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम खड़े होकर भोजन करते हैं, तो हमारी आंतें सिकुड़ जाती हैं और भोजन ठीक से नहीं पच पाता है। इससे कब्ज की परेशानी होती है।
खड़े होकर खाने से मन शांत और एकाग्र नहीं रहता है, लिहाजा व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता कि उसका पेट भरा है या नहीं। ऐसे लोग या तो कम खाने की वजह से कुपोषित रहते हैं और कई बार अावश्यकता से अधिक खाने की वजह से मोटापे के शिकार हो जाते हैं।
इसलिए जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना खाने की परंपरा बनाई गई है। जमीन पर बैठकर खाना खाने से हैं वजन नियंत्रण में रहता है। दरअसल, जब सुखासन में बैठते हैं, तो दिमाग अपने आप शांत हो जाता है। वह बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है।
बैठकर खाने से पेट और दिमाग को सही समय पर एहसास हो जाता है कि शरीर के लिए जरूरी भोजन मिल गया है। इससे व्यक्ति अधिक खाने से बच जाता है और मोटापे की चपेट में नहीं आता है।
जमीन पर सुखासन में बैठने पर स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ मिलते हैं जैसे इससे मन की एकाग्रता बढ़ती है। जबकि इसके विपरित खड़े होकर भोजन करने से तो मन एकाग्र नहीं रहता है। इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसिडीटी आदि पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
मेरा नाम संदीप है
ReplyDeleteऔर मैं आप लोगों की वेबसाइट को हमेशा फॉलो करता हूं
मुझे उम्मीद है कि आप आगे भी अच्छी-अच्छी चीजें लाते रहेंगे
मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि आप लोग मेरी वेबसाइट पर भी विजिट करें धन्यवाद