अगर आपके है 1 से ज्यादा बैंक अकाउंट तो ये प्रॉब्लम sbi pnb hdfc icici bank
8 January 2018
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same bank having multiple bank accounts bad for credit आज के दौर में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो अपने नाम से 2 या 2 से भी ज्यादा बैंक अकाउंट रखते हैं कुछ लोगों के लिए तो यह जरूरत भी है तो कुछ लोग बिना जरूरत भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट खुलवा लेते हैं। मसलन अगर कोई कारोबारी है और पैसों का लेन-देन रोजाना बेसिस पर ज्यादा है तो उसकी जरूरत बन जाती है कि वह 2 या ज्यादा बैंक अकाउंट रखे how many savings accounts can i have in india
वहीं, बहुत से लोग सैलरी अकाउंट के अलावा सेविंग अकाउंट खुलवा लेते हैं। असल में लोग 2 या 2 से ज्यादा बैंक अकाउंट तो खुलवास लेते हैं, लेकिन इसे मेनटेन नहीं कर पाते हैं। वहीं, इसके फायदे या नुकसान के बारे में नहीं सोचते हैं। अगल-अलग अकाउंट में जमा पैसों पर आपको बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है
3. इसके अलावा अगर आपके पास एक से अधिक बैंक एकाउंट है तो आप कई शानदार स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। जिनमें आकर्षक सालाना प्रीमियम पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर आदि शामिल है।
4. मल्टीपल अकाउंट होने से चेक बुक की संख्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही बैंक अपने अकाउंट होल्डर को क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं। आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड सेलेक्ट करने का ऑप्शन होता है।
अगर, आपके पास 2 या ज्यादा बैंक अकाउंट हैं तो आप उनमें से जिसे यूज नहीं कर रहे हैं, उसे बंद करवा दें। मल्टीपल बैंक अकाउंट को सही तरीके से मैनेज करने के लिए एक एंट्री सिस्टम तैयार करें। इससे आप सभी अकाउंट से जुड़ी जानकारियों को लिख कर कहीं सेव करें। आप जिस अकाउंट का इस्तेमाल जिस काम के लिए करते हैं, उसे एक श्रेणी बना लें। सभी अकाउंट्स को कभी भी मिक्स नहीं करें। अगर, आप ऐसा करते हैं तो मल्टीपल अकाउंट का फायदा उठा सकते हैं और नुकसान की गुंजाइश बहुत कम होगी। जानकार मानते हैं कि अगर जरूरत नहीं है तो मल्टीएपल अकाउंट खोलने से बचना चाहिए। अगर, जॉब चेंज करने के चलते आपका एक से अधिक अकाउंट खुल भी जाते हैं तो आप उसे क्लोज करा दें।
वहीं, बहुत से लोग सैलरी अकाउंट के अलावा सेविंग अकाउंट खुलवा लेते हैं। असल में लोग 2 या 2 से ज्यादा बैंक अकाउंट तो खुलवास लेते हैं, लेकिन इसे मेनटेन नहीं कर पाते हैं। वहीं, इसके फायदे या नुकसान के बारे में नहीं सोचते हैं। अगल-अलग अकाउंट में जमा पैसों पर आपको बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है
बेहतर इनकम पाने से रह जाएंगे पीछे
2 या 2 से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है, जिसके बारे में आपको पता ही न हो। असल में आपको अपने हर अकाउंट को मेनटेन करने के लिए उसमें राशि का एक तय अमाउंट रखना ही होता है। यानी ज्यादा बैंक में अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट तो बेंकों में ही फंस जाता है। उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 5 से 6 फीसदी ही सालाना रिटर्न मिलता है।
वहीं, अगर ज्यादा सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की बजाए उसे दूसरी योजनाओं मसलन पोस्ट ऑफिस, शेयर बाजार, म्युचुअल फंड, सरकारी बॉन्ड लिकिवडिटी फंड या एफडी में लगाएं तो आपका सालाना रिटर्न कई गुना बढ़ सकता है। असल में शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड तो आपके पैसों पर सेविंग अकाउंट की तुलना में कई गुना ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं। वहीं, दूसरी बचत योजनाओं में भी बेहतर इनकम हो सकती है।
ये हो सकते हैं नुकसान
1. अधिकतर सेविंग अकाउंट में बैंक की ओर से न्यूनतम बैलेंस रखने का प्रावधान होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते तो बैंक आपसे पेनल्टी वसूल लेते हैं। आपके अकाउंट पर रोक भी लग सकती है। मसलन कई बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा अधिकतम 10,000 रुपए हैं। यानी आपके पास दो से ज्यादा अकाउंट हैं तरे आपकी टेंशन बढ़ सकती है।
2. मल्टीपल बैंक अकाउंट होने से प्रत्येक अकाउंट पर आपको सालाना मेंटिनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं। क्रेडिट और डेबिट कार्ड व अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं। यहां भी आपको काफी नुकसान उठाना पड़ता है, जो पता नहीं चलता।
3. मल्टीपल बैंक अकाउंट रखने का एक बड़ा नुकसान है कि डेबिट कार्ड या अकाउंट पासवर्ड भूल जाने पर इसको रिकवर करना मुश्किल होता है।
इनकम टैक्स फाइल करने में परेशानी
ज्यादा बैंको में अकाउंट होने से आयकर जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कागजी कार्रवाई में अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है। साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारी रखना और उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है।
ज्यादा बैंको में अकाउंट होने से आयकर जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कागजी कार्रवाई में अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है। साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारी रखना और उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है।
मल्टीपल बैंक अकाउंट के फायदे
1. बैंक द्वारा एटीएम से सिर्फ 5 ट्रांजैक्शन और दूसरे बैंक के एटीएम से 3 ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर देने के बाद मल्टीपल अकाउंट होने से ज्यादा फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा मिल जाती है। अगर दो बैंक में अकाउंट हैं तो एटीएम से 10 बार फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। किसी एक बैंक का नेटवर्क फेल हो तो आप दूसरे बैंक के एटीएम या ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल कर पाते हैं।
2. अगर कोई बैंक कम ब्याज ऑफर कर रहा है तो आप अपने पैसे को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर अधिक ब्याज ले सकते हैं। दूसरी बैंक से अधिक ब्याज का लाभ ले सकते हैं।
1. बैंक द्वारा एटीएम से सिर्फ 5 ट्रांजैक्शन और दूसरे बैंक के एटीएम से 3 ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर देने के बाद मल्टीपल अकाउंट होने से ज्यादा फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा मिल जाती है। अगर दो बैंक में अकाउंट हैं तो एटीएम से 10 बार फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। किसी एक बैंक का नेटवर्क फेल हो तो आप दूसरे बैंक के एटीएम या ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल कर पाते हैं।
2. अगर कोई बैंक कम ब्याज ऑफर कर रहा है तो आप अपने पैसे को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर अधिक ब्याज ले सकते हैं। दूसरी बैंक से अधिक ब्याज का लाभ ले सकते हैं।
3. इसके अलावा अगर आपके पास एक से अधिक बैंक एकाउंट है तो आप कई शानदार स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। जिनमें आकर्षक सालाना प्रीमियम पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर आदि शामिल है।
4. मल्टीपल अकाउंट होने से चेक बुक की संख्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही बैंक अपने अकाउंट होल्डर को क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं। आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड सेलेक्ट करने का ऑप्शन होता है।
इस तरह करें मैनेज
अगर, आपके पास 2 या ज्यादा बैंक अकाउंट हैं तो आप उनमें से जिसे यूज नहीं कर रहे हैं, उसे बंद करवा दें। मल्टीपल बैंक अकाउंट को सही तरीके से मैनेज करने के लिए एक एंट्री सिस्टम तैयार करें। इससे आप सभी अकाउंट से जुड़ी जानकारियों को लिख कर कहीं सेव करें। आप जिस अकाउंट का इस्तेमाल जिस काम के लिए करते हैं, उसे एक श्रेणी बना लें। सभी अकाउंट्स को कभी भी मिक्स नहीं करें। अगर, आप ऐसा करते हैं तो मल्टीपल अकाउंट का फायदा उठा सकते हैं और नुकसान की गुंजाइश बहुत कम होगी। जानकार मानते हैं कि अगर जरूरत नहीं है तो मल्टीएपल अकाउंट खोलने से बचना चाहिए। अगर, जॉब चेंज करने के चलते आपका एक से अधिक अकाउंट खुल भी जाते हैं तो आप उसे क्लोज करा दें।
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