पुनर्जन्म की कहानी इस बच्चे को याद आ गए पिछले जन्म के मां-बाप
13 September 2017
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Punarjanma real stories यूपी के लखीमपुर जिले के मैलानी इलाके में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 3 साल के जीतन के पुर्नजन्म की कहानी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी है. वह पिछले जन्म की एक-एक बात बताकर लोगों को चौंका रहा है. मामला सामने आने के बाद दूर-दूर से ग्रामीण जीतन को देखने उसके गांव पहुंच रहे हैं.
मक्कागंज गांव में 15 अगस्त 2015 को शिवकुमार के घर एक बालक का जन्म हुआ. बच्चे का नाम रखा जीतन. अभी 15 अगस्त 2017 को जब जीतन तीन साल का हुआ, तो टूटी फूटी बोली में अपनी मां रामबेटी और पिता शिवकुमार से बातों-बातों में जिद करते हुए कहता कि मेरा घर तो भोलापुर में है मेरा पिता का नाम विदेशी है. कैसे हुई थी दिलीप की मौत उसके पिता शिवकुमार ने बताया कि बच्चे के बार बार जिद करने पर वह बच्चे को लेकर भोलापुर में विदेशी के घर गए तो जीतन चिल्लाकर बोलने लगा कि ये मेरे पिता हैं.
Punar janam real stories sach hindi ये सुनकर सब लोग चौंक गए. वहीं भोलापुर गांव के विदेशी ने बताया कि उनका बेटा दिलीप ठेकेदारी में काम करने बेंगलुरु गया और वहां पर 17 मई 2012 को तीस साल की उम्र में समुद्र में नहाते वक्त उसकी मौत हो गई थी. दूरी अधिक होने के कारण दिलीप का अंतिम संस्कार वहीं पर कर दिया गया था. विदेशी बताते हैं कि जब पहली बार बच्चा उनके घर आया तो घर की हर चीज को देखकर बताने लगा कि अमुक सामान उसका है और कहां रखा है.
बच्चे ने अपनी पूर्व मां विदेशी की पत्नी बसंती को भी पहचान लिया और कहा कि ये मेरी अम्मा हैं. तीन साल के बच्चे के मुख से हर बात सुनने के बाद तो दोनों परिवार ही नहीं, बल्कि गांव के लोग भी हतप्रभ हैं.
मक्कागंज गांव में 15 अगस्त 2015 को शिवकुमार के घर एक बालक का जन्म हुआ. बच्चे का नाम रखा जीतन. अभी 15 अगस्त 2017 को जब जीतन तीन साल का हुआ, तो टूटी फूटी बोली में अपनी मां रामबेटी और पिता शिवकुमार से बातों-बातों में जिद करते हुए कहता कि मेरा घर तो भोलापुर में है मेरा पिता का नाम विदेशी है. कैसे हुई थी दिलीप की मौत उसके पिता शिवकुमार ने बताया कि बच्चे के बार बार जिद करने पर वह बच्चे को लेकर भोलापुर में विदेशी के घर गए तो जीतन चिल्लाकर बोलने लगा कि ये मेरे पिता हैं.
Punar janam real stories sach hindi ये सुनकर सब लोग चौंक गए. वहीं भोलापुर गांव के विदेशी ने बताया कि उनका बेटा दिलीप ठेकेदारी में काम करने बेंगलुरु गया और वहां पर 17 मई 2012 को तीस साल की उम्र में समुद्र में नहाते वक्त उसकी मौत हो गई थी. दूरी अधिक होने के कारण दिलीप का अंतिम संस्कार वहीं पर कर दिया गया था. विदेशी बताते हैं कि जब पहली बार बच्चा उनके घर आया तो घर की हर चीज को देखकर बताने लगा कि अमुक सामान उसका है और कहां रखा है.
बच्चे ने अपनी पूर्व मां विदेशी की पत्नी बसंती को भी पहचान लिया और कहा कि ये मेरी अम्मा हैं. तीन साल के बच्चे के मुख से हर बात सुनने के बाद तो दोनों परिवार ही नहीं, बल्कि गांव के लोग भी हतप्रभ हैं.
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