धैर्य पर कहानी महत्व धैर्यवान बनो फल मिलेगा Story Patience


Hindi essay on patience moral story - एक बार मंदिर के सीधी के पत्थर मंदिर के भीतर के मूर्ति को प्रश्न किया - "दोस्त दोस्त आप पहाड़ से आये है और मै भी पहाड़ से आया हु। तुम पत्थर हो और मै भी पत्थर हु हमरा रंग और जाट भी एक है। लेकिन लोग आपको हमेशा  पूजा करते है फूल माला चढ़ाते है , भोग लगते है और माथा भी टेकते है है ऐसा क्यों ?"

मंदिर के अंदर बिराजमान पत्थर के मूर्ति ने बड़े मुस्कान के साथ जवाब देता है - "हा  दोस्त हम दोनों एक जात के है. हमारे रंग गुण  भी एक है इतना ही नहीं हम दोनों पर दी गई चोट छेनी  और हथौड़ी के चोट भी एक है। लेकिन जब लोग आपको एक चोट दिया तो आप टूट कर दो टुकड़े में हो गए इसी लिए लोगो ने आपको जूता पूछने वाले सीधी बनाये। ऐसा नहीं की हमें चोट नहीं लगा , हम चोट नहीं खाये , चोट तो हमें भी लगा था, दर्द तो हमें भी हुवा था लेकिन मैने उस चोट को धैर्यता के साथ सहन कर लिया मै अपने आपको टूटने नहीं दिए। इसी लिए आज मै यहाँ पर हु और आप वहा  पर हो। "

इसी लिए दोस्तों यह दुनिया तो आपको हर कदम में चोट देती है लेकिन चोट खाने वाले कभी असफल नहीं होते, सफल वही लोग होते है जो चोट को आसानी से सहन कर लेते है।

एक बात याद रखना दोस्तों सोने को आग में जितना गरम किया जाता उसकी सुन्दरता उतना ही अधीक होती है और कीमत भी बढ़ जाती है।

दोस्तों हमारे जीवन में बहुत सरे समस्या आते है चोट भी देते है और दर्द भी देते है।  लेकिन हमें टूटना नहीं है हमें हर चुनौती को हर हाल में स्वीकार करना है। और आगे बढ़ते रहना है। 

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