आखिर ख़ुशी के आंसू क्यों आते हैं khushi ke aansu meaning
6 January 2017
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मशहूर गीतकार आंनद बख्शी करीब तीन दशक पहले 'रोते-रोते हंसना सोखो, हंसते-हंसते रोना' सीखने का संदेश देता गीत लिख चुके हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए किसी को सीखना नही पड़ता. कभी-कभी ऐसा हो जाता है कि हंसते-हंसते ही आँखों से आंसू छलक जाते हैं.
हंसते-हंसते आंसू बहने के पीछे पहला कारण यह बताया जाता है की खुलकर हंसते हुए हमारे चेहरे की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से काम करती हैं. ऐसा होने पर हमारी आँखों से यानि अश्रु ग्रँथियो से भी दिमाग का नियंत्रण हट जाता है इसलिए आंसू निकल पड़ते हैं. इससे मिलती-जुलती ही एक वजह यह भी मानी जाती है कि बहुत ज्यादा हंसने की स्थिति में व्यक्ति भाव-विभोर हो जाता है. बहुत ज्यादा भावुक होने के कारण चेहरे की कोशिकाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और यह दबाव भी आपके आंसू निकाल देता है. ऐसा करते हुए शरीर आसुओ के जरिए तनाव को संतुलित करने की प्रक्रिया में होता है.
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ख़ुशी के 2 पहलू
बुरी खबर - ख़ुशी तक पहुचने की कोई चाबी नही हैं.
अच्छी खबर - वहा पर कोई ताला भी नही है. दरवाजा खुला है.
ख़ुशी के 2 पहलू
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25% ज्यादा खुश रहते हैं वे लोग जिनका कोई अच्छा मित्र या रिश्तेदार उनके घर से 1.5 किमी के अंदर ही रहता है.
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