बॉडी बैलेंसिंग और स्टेमिना बढ़ाने के लिए करें गरुड़ासन और नटराजासन
3 January 2017
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Exercises to improve balance and stability balance training exercises for elderly
जो महिलाएं जिम नही जा सकती, वे घर पर ही योग के कुछ आसनो के नियमित अभ्यास के साथ अपनी बॉडी को सुडौल और संतुलित बना सकती हैं.
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दौड़ के बाद क्या खाएं बॉडी बैलेंसिंग और तनाव को दूर करने के लिए गरुड़ासन, नटराजासन और वृक्षासन का नियमित अभ्यास करें. ये आसन बच्चो के लिए भी लाभदायक हैं.
1. गरुड़ासन की विधि how to improve balance and coordination body
एक समतल जगह पर मैट बिछा ले. अब इस पर सीधे खड़े हो जाए. दोनों घूटनो को मोड़कर खड़े रहे. अब दोनों पैर को सामने लेते हुए बाए पैर को दाए पैर पर लगाए. दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में रखे. इस अवस्था में दस सेकेंड से 30 सेकेंड तक खड़े रहे. सांस छोड़ते हुए पैरो को अपनी पर्व अवस्था में लेकर आए और फिर दूसरी तरफ से भी इस क्रिया को दोहराए.
1. गरुड़ासन की विधि how to improve balance and coordination body
एक समतल जगह पर मैट बिछा ले. अब इस पर सीधे खड़े हो जाए. दोनों घूटनो को मोड़कर खड़े रहे. अब दोनों पैर को सामने लेते हुए बाए पैर को दाए पैर पर लगाए. दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में रखे. इस अवस्था में दस सेकेंड से 30 सेकेंड तक खड़े रहे. सांस छोड़ते हुए पैरो को अपनी पर्व अवस्था में लेकर आए और फिर दूसरी तरफ से भी इस क्रिया को दोहराए.
लाभ - एकाग्रता बढ़ती है. मानसिक और शारीरिक संतुलन में व्रद्धि होती है.
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सावधानी - गर्भावस्था में इस आसन को नही करना चाहिए. किसी तरह की इंजरी या ऑपरेशन होने पर इसे नही करना चाहिए.
2. नटराजासन की विधि
सबसे पहले आराम की मुद्रा में खड़े हो जाए. शरीर का भार बाए पैर पर स्थापित करे और दाए घुटने को धीरे-धीरे मोड़े और पैर को जमीन से ऊपर उठाएं. दाए पैर को मोड़कर अपने पीछे ले जाए. दाए हाथ से दाए टखने को पकड़े. बाई बाह को कंधे की ऊँचाई में उठाए. सांस छोड़ते हुए बाए पैर को जमीन पर दबाए और आगे की और झुके. दाए पैर को शरीर से दूर ले जाए सिर और गर्दन को मेरुदंड की सीध में रखे.
सावधानी - गर्भावस्था में इस आसन को नही करना चाहिए. किसी तरह की इंजरी या ऑपरेशन होने पर इसे नही करना चाहिए.
2. नटराजासन की विधि
सबसे पहले आराम की मुद्रा में खड़े हो जाए. शरीर का भार बाए पैर पर स्थापित करे और दाए घुटने को धीरे-धीरे मोड़े और पैर को जमीन से ऊपर उठाएं. दाए पैर को मोड़कर अपने पीछे ले जाए. दाए हाथ से दाए टखने को पकड़े. बाई बाह को कंधे की ऊँचाई में उठाए. सांस छोड़ते हुए बाए पैर को जमीन पर दबाए और आगे की और झुके. दाए पैर को शरीर से दूर ले जाए सिर और गर्दन को मेरुदंड की सीध में रखे.
लाभ - नटराजासन के नियमित अभ्यास से अंगों में संतुलन आता है. यह रोग मुद्रा फेफड़ो की कार्य क्षमता को बढ़ाती है. इस योग में कंधे मजबूत होते हैं साथ ही बाहो एवं पैरो में दृढ़ता आती है. जिन लोगो को लगातार बैठकर काम करना होता हैं उसके लिए नटराजासन बहुत ही लाभप्रद है. मानसिक शांति और ध्यान के लिए भी इस योग् का अभ्यास किया जा सकता है. मुद्रा 15 से 30 सेकेंड तक बने रहे.
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