कानून पास - न मस्जिद बनेगी, न मजार, इस्लाम पूरी तरह खत्म Banned Muslims
5 December 2016
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नई दिल्ली : भारत ही नहीं, पूरी दुनिया आतंक का दंश झेलती आई है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सामना तो भारत हर दिन करता है। मगर इस्लामिक आतंकवाद को लेकर यूरोप के एक देश स्लोवाकिया में इस्लाम को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है।
जानकारी के मुताबिक इस्लामिक आतंकवाद से परेशान स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रोबर्ट फीको की सरकार नें संसद में इस्लाम को धर्म की सूची से ही हटाने का क़ानून पास कर दिया है।
अब स्लोवाकिया में इस्लाम के रजिस्ट्रेशन पर ही प्रतिबन्ध लगा दिया है। यहां तक की स्लोवाकिया में अब से मस्जिदों का निर्माण भी नहीं हुआ करेगा। गौरतलब है कि विस्थापित मुस्लिमो को यूरोप के कई देशों ने मानवीय आधार पर पिछले दो वषों में शरण दी है। खबरें आयी थी कि इसी कारण यूरोप में आतंक व अपराध कई गुना बढ़ गए है।
स्लोवाकिया, हंगरी और पोलैंड कुछ ऐसे देश रहे जिन्होंने विस्थापित मुस्लिमों के आने का सख्त विरोध किया और उसी कड़ी में स्लोवाकिया ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने इस्लाम को धर्म की लिस्ट से ही हटा दिया। खबर आयी है कि प्रधानमंत्री रोबर्ट फीको ने कहा है कि वो इस्लाम को धर्म नहीं मानते और इसीलिए यहाँ इस्लाम के लिए कोई जगह नहीं। इसी के साथ उन्होंने किसी भी मुस्लिम को शरण देने से भी इंकार कर दिया
जानकारी के मुताबिक इस्लामिक आतंकवाद से परेशान स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रोबर्ट फीको की सरकार नें संसद में इस्लाम को धर्म की सूची से ही हटाने का क़ानून पास कर दिया है।
अब स्लोवाकिया में इस्लाम के रजिस्ट्रेशन पर ही प्रतिबन्ध लगा दिया है। यहां तक की स्लोवाकिया में अब से मस्जिदों का निर्माण भी नहीं हुआ करेगा। गौरतलब है कि विस्थापित मुस्लिमो को यूरोप के कई देशों ने मानवीय आधार पर पिछले दो वषों में शरण दी है। खबरें आयी थी कि इसी कारण यूरोप में आतंक व अपराध कई गुना बढ़ गए है।
स्लोवाकिया, हंगरी और पोलैंड कुछ ऐसे देश रहे जिन्होंने विस्थापित मुस्लिमों के आने का सख्त विरोध किया और उसी कड़ी में स्लोवाकिया ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने इस्लाम को धर्म की लिस्ट से ही हटा दिया। खबर आयी है कि प्रधानमंत्री रोबर्ट फीको ने कहा है कि वो इस्लाम को धर्म नहीं मानते और इसीलिए यहाँ इस्लाम के लिए कोई जगह नहीं। इसी के साथ उन्होंने किसी भी मुस्लिम को शरण देने से भी इंकार कर दिया
इस्लाम में बहुत सारे दोष है ये तो सच है। सबसे बड़े दोष है दूसरे धर्मियोंको "काफर " मानना , और सभी महिलाओंको कनिष्ठ स्थान देना। ये बंद हो जाना चाहिए। लेकिन सुरिया , इराक तथा लीबिया से जो निर्वासित लोग योरुप में राजकीय पनाह माँग रहे हैं , वो भी तो इस्लामिक आतंकवाद सेही पीड़ित हैं। उनको आश्रय ना देना भी बराबर नहीं है।
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