जयललिता की जीवनी शादी 6 बार मुख्यमंत्री dead death health jayalalitha samachar biography
5 December 2016
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Jayalalitha biography in hindi - ஜெ. ஜெயலலிதா, कन्नडಜೆ. ಜಯಲಲಿತಾ, मलयालम: ജെ. ജയലളിത, जन्म - 24 फ़रवरी 1948
'अय्यर' परिवार में जन्मी जयललिता माता संध्या और जयरामन के घर जन्मीं मैसूर राज्य (जो कि अब कर्नाटक है) के मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में जन्म हुआ था। उनके दादा मैसूर में सर्जन थे। महज 2 साल की उम्र में ही उनके पिता जयराम, उन्हें माँ संध्या के साथ अकेला छोड़ कर चल बसे थे। पिता की मृत्यु के पश्चात उनकी मां उन्हें लेकर bangalore चली आयीं, जहां उनके माता-पिता रहते थे। बाद में उनकी मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया और अपना फिल्मी नाम 'संध्या' रख लिया
उनकी प्रारंभिक शिक्षा पहले बंगलौर और बाद में चेन्नई में हुई। चेन्नई के स्टेला मारिस कॉलेज में पढ़ने की बजाय उन्होंने सरकारी वजीफे से आगे पढ़ाई की शिक्षा चर्च पार्क कॉन्वेंट स्कूल में हुई बहुत कम उम्र में ही वो तमिल फिल्मों में अभिनय करने लगी थीं और जल्दी ही मशहूर भी हो गई। उस ज़माने के सबसे लोकप्रिय अभिनेता एम जी रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी बहुत ही मशहूर थी और दोनों ने कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया था 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री 1965 में "वेंन्निरा अदाई" फिल्म से अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू करने वाली जयललिता ने 300 से ज़्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया है
How to make a career in politics
तमिलनाडु की सत्ता में धमाकेदार वापसी करने वाली 68 साल की Jayalalitha 35 वर्षों से POLITICS में सक्रिय थीं 6 बार मुख्यमंत्री बनीं और 10 वर्षों तक तमिलनाडु राज्य पर शासन किया राजनीति में आने से पहले जयललिता तमिल फिल्मों की हिरोइन थी। तमिल फिल्मों के सुपरस्टार और राजनीति में नया आयाम गढ़ने वाले एम जी रामचंद्रन ऊर्प एमजीआर जयललिता को राजनीति में लेकर आए और वह तब से वह उन्हीं की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं
एमजीआर की बीबी पर भारी पड़ी जयललिता 1982 में एम जी रामचंद्रन उन्हें राजनीति में लेकर आए। एमजीआर ने जयललिता को राज्यसभा का सदस्य बनाने के साथ ही पार्टी का प्रचार सचिव भी नियुक्त किया। एमजीआर की मौत के बाद उनके राजनीतिक विरासत के लिए जयललिता और एमजीआर की पत्नी जानकी के बीच ज़बर्दस्त टकराव हुआ, जिसमें जयललिता का पलड़ा भारी रहा और 1991 में वो पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री चुनी गईं।
घमंड छोड़ अपनाने की रणनीति अपने समर्थकों के बीच 'अम्मा' के नाम से मशहूर जयललिता को सत्ता में आने के बाद लगातार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा। 1996 में वो चुनाव हार गईं। 2001 में वो एक बार फिर दोबारा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। इस बार उन्हें सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा और कुछ समय के लिए उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। इस बीच राष्ट्रीय स्तर पर जयललिता भाजपा के क़रीब आईं और उन्होंने केंद्र में अटल बिहारी वाजपयी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन किया।
2004 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें लगातार पराजय का सामना करना पड़ा। इस बीच कांग्रेस और डीएमके के बीच गठबंधन हो गया और इसी गठबंधन के हाथों 2006 के चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी जब एआईएडीएमके को हार का मुंह देखना पड़ा तो अपने तानाशाही रवैय्ये के लिए मशहूर जयललिता को नर्म होना पड़ा और मौक़े की नज़ाकत को समझते हुए उन्होंने दूसरे छोटे दलों के साथ गठबंधन भी किया जिसमें अभिनेता विजयकांत की डीएमडीके भी शामिल थी।
अपने पिछले तौर तरीक़े को बदलते हुए उन्होंने वाम दलों के नेताओं के साथ मिलकर एक चुनावी रैली को भी संबोधित किया। पहले वो ऐसा करना अपनी शान के ख़िलाफ़ समझती थीं। जयललिता ने अपने बदलने का संकेत उस समय भी दिया जब पहले मुफ़्त चीज़ें देने का विरोध करने वाली इस नेता ने इन चुनावों में डीएमके के मुफ़्त चीज़ें देने का जवाब ऐसे ही वादे से दिया ताकि लोगों का ध्यान सरकार की असफलताओं और भ्रष्टाचार के मुद्दों से न हट सके
kyo kahte hai amma jayalalitha ko?
'अय्यर' परिवार में जन्मी जयललिता माता संध्या और जयरामन के घर जन्मीं मैसूर राज्य (जो कि अब कर्नाटक है) के मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में जन्म हुआ था। उनके दादा मैसूर में सर्जन थे। महज 2 साल की उम्र में ही उनके पिता जयराम, उन्हें माँ संध्या के साथ अकेला छोड़ कर चल बसे थे। पिता की मृत्यु के पश्चात उनकी मां उन्हें लेकर bangalore चली आयीं, जहां उनके माता-पिता रहते थे। बाद में उनकी मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया और अपना फिल्मी नाम 'संध्या' रख लिया
उनकी प्रारंभिक शिक्षा पहले बंगलौर और बाद में चेन्नई में हुई। चेन्नई के स्टेला मारिस कॉलेज में पढ़ने की बजाय उन्होंने सरकारी वजीफे से आगे पढ़ाई की शिक्षा चर्च पार्क कॉन्वेंट स्कूल में हुई बहुत कम उम्र में ही वो तमिल फिल्मों में अभिनय करने लगी थीं और जल्दी ही मशहूर भी हो गई। उस ज़माने के सबसे लोकप्रिय अभिनेता एम जी रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी बहुत ही मशहूर थी और दोनों ने कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया था 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री 1965 में "वेंन्निरा अदाई" फिल्म से अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू करने वाली जयललिता ने 300 से ज़्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया है
How to make a career in politics
तमिलनाडु की सत्ता में धमाकेदार वापसी करने वाली 68 साल की Jayalalitha 35 वर्षों से POLITICS में सक्रिय थीं 6 बार मुख्यमंत्री बनीं और 10 वर्षों तक तमिलनाडु राज्य पर शासन किया राजनीति में आने से पहले जयललिता तमिल फिल्मों की हिरोइन थी। तमिल फिल्मों के सुपरस्टार और राजनीति में नया आयाम गढ़ने वाले एम जी रामचंद्रन ऊर्प एमजीआर जयललिता को राजनीति में लेकर आए और वह तब से वह उन्हीं की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं
एमजीआर की बीबी पर भारी पड़ी जयललिता 1982 में एम जी रामचंद्रन उन्हें राजनीति में लेकर आए। एमजीआर ने जयललिता को राज्यसभा का सदस्य बनाने के साथ ही पार्टी का प्रचार सचिव भी नियुक्त किया। एमजीआर की मौत के बाद उनके राजनीतिक विरासत के लिए जयललिता और एमजीआर की पत्नी जानकी के बीच ज़बर्दस्त टकराव हुआ, जिसमें जयललिता का पलड़ा भारी रहा और 1991 में वो पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री चुनी गईं।
घमंड छोड़ अपनाने की रणनीति अपने समर्थकों के बीच 'अम्मा' के नाम से मशहूर जयललिता को सत्ता में आने के बाद लगातार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा। 1996 में वो चुनाव हार गईं। 2001 में वो एक बार फिर दोबारा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। इस बार उन्हें सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा और कुछ समय के लिए उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। इस बीच राष्ट्रीय स्तर पर जयललिता भाजपा के क़रीब आईं और उन्होंने केंद्र में अटल बिहारी वाजपयी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन किया।
2004 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें लगातार पराजय का सामना करना पड़ा। इस बीच कांग्रेस और डीएमके के बीच गठबंधन हो गया और इसी गठबंधन के हाथों 2006 के चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी जब एआईएडीएमके को हार का मुंह देखना पड़ा तो अपने तानाशाही रवैय्ये के लिए मशहूर जयललिता को नर्म होना पड़ा और मौक़े की नज़ाकत को समझते हुए उन्होंने दूसरे छोटे दलों के साथ गठबंधन भी किया जिसमें अभिनेता विजयकांत की डीएमडीके भी शामिल थी।
अपने पिछले तौर तरीक़े को बदलते हुए उन्होंने वाम दलों के नेताओं के साथ मिलकर एक चुनावी रैली को भी संबोधित किया। पहले वो ऐसा करना अपनी शान के ख़िलाफ़ समझती थीं। जयललिता ने अपने बदलने का संकेत उस समय भी दिया जब पहले मुफ़्त चीज़ें देने का विरोध करने वाली इस नेता ने इन चुनावों में डीएमके के मुफ़्त चीज़ें देने का जवाब ऐसे ही वादे से दिया ताकि लोगों का ध्यान सरकार की असफलताओं और भ्रष्टाचार के मुद्दों से न हट सके
kyo kahte hai amma jayalalitha ko?
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को सब लोग अम्मा बुलाते हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं की वो पूरे प्रदेश की अम्मा कैसे बन गयीं? 25 मार्च 1989 का दिन था। तमिलनाडु विधानसभा में बजट पेश किया जा रहा था। जैसे ही मुख्यमंत्री करुणानिधि ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया कांग्रेस के सदस्य ने प्वाएंट ऑफ ऑर्डर उठाया कि पुलिस ने विपक्ष की नेता जयललिता के खिलाफ अप्रजातांत्रिक ढंग से काम किया है। जयललिता ने भी उठकर शिकायत की कि मुख्यमंत्री के उकसाने पर पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है और उनके फोन को टैप किया जा रहा है।
स्पीकर ने कहा कि वो इस मुद्दे पर बहस की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि बजट पेश किया जा रहा है। ये सुनना था कि विधानसभा सदस्य बेकाबू हो गए। एआईडीएमके के सदस्य चिल्लाते हुए सदन के वेल में पहुंच गए। एक सदस्य ने गुस्से में करुणानिधि को धक्का देने की कोशिश की जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया और उनका चश्मा जमीन पर गिरकर टूट गया।
एक एआईडीएमके सदस्य ने बजट के पन्नों को फाड़ दिया। विधानसभा के अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया। जयललिता की जीवनी ‘अम्मा जर्नी फ्रॉम मूवी स्टार टु पॉलिटिकल क्वीन’ लिखने वाली वासंती बताती हैं, “जैसे ही जयललिता सदन से निकलने के लिए तैयार हुईं, एक डीएमके सदस्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की। उसने उनकी साड़ी इस तरह से खींची कि उनका पल्लू गिर गया। जयललिता भी जमीन पर गिर गईं।” “एक बलिष्ट एआईडीएमके सदस्य ने डीएमके सदस्य की कलाई पर जोर से वार कर जयललिता को उनके चंगुल से छुड़वाया AIADMK FULL FORM "All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam"
जयललिता को आलोचना पसंद नहीं जयललिता कितनी सख़्ती से सरकार चलाती हैं इसका एक उदाहरण इस बात से भी मिलता है कि 2001 में सत्ता में आने के बाद जब सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी तो उन्होंने एक साथ दो लाख कर्मचारियों को ही बर्रख़ास्त कर हलचल मचा दी थी। जयललिता को किसी की भी आलोचना पसंद नहीं आती और उनके समर्थक, कार्यकर्ता और पार्टी के बड़े-बड़े नेता भी उनके सामने नज़र और आवाज़ ऊंची नहीं कर पाते और उन के पैरों में गिर जाने को अपना सम्मान समझते हैं। जयललिता भी समर्थकों की ऐसी श्रद्धा से गदगद रहती हैं।
amma jayalalitha died - उनके दिल की बीमारी की बजाय से कई बार आफबहे भी आती रहती हे की अम्मा नहीं रही जैसी जिसका समय समय पर खंडन होता रहा हे
फिल्म कैरियर के दौरान, वह पहले से ही शादीशुदा अभिनेता Shoban बाबू के साथ प्यार हुआ actor Shoban Babu. She was caught watching him through binoculars from her residence. Great love it was, but she never got married!
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