10 करोड़ की यह घड़ी तय करेगी देश का समय..
8 November 2016
Add Comment
दिल्ली स्थित नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री 'एनपीएल' में पांच वैज्ञानिकों की टीम ने 10 साल की कड़ी मेहनत और 10 करोड़ की लागत से क्वांटम क्लॉक तैयार की है. घड़ी का नाम NPLI CSF1' है. आने वाले वर्षो में इसी 'Made In India' परमाणु घड़ी से देश का मानक समय तय होगा. 10 Karod’s Watch Decide The India Time
उल्लेखनीय है कि फ़िलहाल NPL में 10 करोड़ की लागत से ही लगी पांच घड़ियों से संसद, रेलवे, ISRO, एयरपोर्ट जैसी देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं का समय तय होता है. इसी समय से आम जनता की घड़ियों की सुइया भी चलती हैं.
इन घड़ियों का वैज्ञानिक नाम 'सीजीएम एटॉमिक क्लॉक' है. एनपीएल के निर्देशक डीके असवाल के मुताबिक, 'दुनियाभर के समय को तय करने की जिम्मेदारी फ़्रांस की संस्था बीआईपीएम के पास है. भारत भी इसका 57वा सदस्य है. इसकी स्थापना 1875 में हुई थी. यह संस्था दुनिया में नाप-तौल, समय आदि के क्या मानक होंगे, उसको तय करती है. 'एनपीएल के मुख्य वैज्ञानिकों और समय एवं आवृति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विजय नारायण ओझा के अनुसार देश में ही बनाई गई क्वांटम घड़ी 'एनपीएलआई सीएसएफवन' को मानक तय करने वाली विश्वस्तरीय तीनो सर्वोच्च संस्थाओं CIPAM, CGPAM और BAMPI ने भी मानक माना है. इस घड़ी की बड़ी खासियत यह है की यह सेकेंड के मानक को भी माप लेती है. एक सेकेंड में 9.92 बिलियन ऑक्सीलेशन क्वांटम स्टैंडर्ड होता है. क्वांटम स्टैंडर्ड एक एटम फेनोमिना नापने की इकाई है और माप के सभी मानक इसी क्वांटम स्टैंडर्ड से तय होते है.
उल्लेखनीय है कि फ़िलहाल NPL में 10 करोड़ की लागत से ही लगी पांच घड़ियों से संसद, रेलवे, ISRO, एयरपोर्ट जैसी देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं का समय तय होता है. इसी समय से आम जनता की घड़ियों की सुइया भी चलती हैं.
इन घड़ियों का वैज्ञानिक नाम 'सीजीएम एटॉमिक क्लॉक' है. एनपीएल के निर्देशक डीके असवाल के मुताबिक, 'दुनियाभर के समय को तय करने की जिम्मेदारी फ़्रांस की संस्था बीआईपीएम के पास है. भारत भी इसका 57वा सदस्य है. इसकी स्थापना 1875 में हुई थी. यह संस्था दुनिया में नाप-तौल, समय आदि के क्या मानक होंगे, उसको तय करती है. 'एनपीएल के मुख्य वैज्ञानिकों और समय एवं आवृति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विजय नारायण ओझा के अनुसार देश में ही बनाई गई क्वांटम घड़ी 'एनपीएलआई सीएसएफवन' को मानक तय करने वाली विश्वस्तरीय तीनो सर्वोच्च संस्थाओं CIPAM, CGPAM और BAMPI ने भी मानक माना है. इस घड़ी की बड़ी खासियत यह है की यह सेकेंड के मानक को भी माप लेती है. एक सेकेंड में 9.92 बिलियन ऑक्सीलेशन क्वांटम स्टैंडर्ड होता है. क्वांटम स्टैंडर्ड एक एटम फेनोमिना नापने की इकाई है और माप के सभी मानक इसी क्वांटम स्टैंडर्ड से तय होते है.
यह भी पढ़े इन 7 मूवीज में सच में सेक्स हुआ था
क्या करता है NPAL
पटाखों की आवाज कितनी हो, हवाई जहाज की आवाज किस हद तक होनी चाहिए से लेकर 2 हजार उधोगों के हर तरह के नाप को NPAL ही मानक देता है. NPAL के मानक को बड़े उधोग अपनाते हैं और उसी को पूरे देश के उधोग मानते हैं. गाड़ी कितनी लंबी हो, उसका कौन सा पार्ट कितना बड़ा और किस वजन को हो, यह सबकुछ तय करने का अधिकार इसी संस्था को है. इस पर भी शोध जारी है कि एक सोलर प्लेट कितनी ऊर्जा किस मानक पर दे सकता है. इसी तरह NPAL 24 कैरेट सोने के मानक को तय करने पर काम कर रहा है. गौरतलब है कि हॉलमार्किंग होने के बावजूद देश में 24 कैरेट सोने की शुद्धता को लेकर अलग-अलग मत हैं.
पटाखों की आवाज कितनी हो, हवाई जहाज की आवाज किस हद तक होनी चाहिए से लेकर 2 हजार उधोगों के हर तरह के नाप को NPAL ही मानक देता है. NPAL के मानक को बड़े उधोग अपनाते हैं और उसी को पूरे देश के उधोग मानते हैं. गाड़ी कितनी लंबी हो, उसका कौन सा पार्ट कितना बड़ा और किस वजन को हो, यह सबकुछ तय करने का अधिकार इसी संस्था को है. इस पर भी शोध जारी है कि एक सोलर प्लेट कितनी ऊर्जा किस मानक पर दे सकता है. इसी तरह NPAL 24 कैरेट सोने के मानक को तय करने पर काम कर रहा है. गौरतलब है कि हॉलमार्किंग होने के बावजूद देश में 24 कैरेट सोने की शुद्धता को लेकर अलग-अलग मत हैं.
0 Response to "10 करोड़ की यह घड़ी तय करेगी देश का समय.."
Post a Comment
Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅