कामयाब होने के तरीके हम कब फेल हो जाते हैं


life me success kaise ho - सफलता पाने के लिए अकसर लोग एक जूनून होने की बात करते हैं इस तरह का जूनून होना आपके लिए advantageous हो सकता है लेकिन अगर वो समझ में नहीं आ रहा है तो आप इसके चक्कर में ज्यादा मत फंसिए…इंतज़ार मत करिए कि आप कभी किसी चीज के लिए जुनूनी होंगे और फिर आप उसमे सफलता प्राप्त करेंगे… कौन जानता है ऐसा कब होगा….और होगा भी कि नहीं!

बस सोच समझ कर अपने लिए सफलता के मापदंड निर्धारित करिए और मैदान में कूद पड़िए… सफलता की मेरी definition बड़ी है या छोटी ..मतलब नहीं….. मेरी सफलता मेरी नज़र में मेरी सफलता है! फिर चाहे दुनिया उसे admire करे या उसका मजाक उड़ाए….फरक नहीं पड़ता!

यानि, इस सवाल कि-

हम कब फेल हो जाते हैं?... 

का बस एक छोटा सा जवाब है…हम सिर्फ और सिर्फ एक ही सूरत में फेल होते हैं.तब जब हम सक्सेस के लिए अपने एफर्ट्स को छोड़े देते हैं….मैदान से भगा जाते हैं

इसलिए कभी खुद मत फेल हो बल्कि उन लोगों को फेल करो जो ये सोचते हैं कि तुम फेल हो जाओगे!

श्रीलंका का एक खिलाड़ी था ---- उसके दिमाग में बस एक ही चीज चलती थी…. क्रिकेट.क्रिकेट और बस क्रिकेट… अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उसे श्री लंका की टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिला….

 पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट
 दूसरी इन्निंग्स……. जीरो पे आउट . . . टीम से निकाल दिया गया

 practice…practice….practice….

 फर्स्ट क्लास मैचेज में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और एक 21 महीने बाद फिर से मौका मिला।
 पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट

 दूसरी इन्निंग्स……. 1 रन पे आउट … फिर टीम से बाहर। ..
 प्रैक्टिस….प्रैक्टिस….प्रैक्टिस….

 फर्स्ट क्लास मैचेज में हजारों रन बना डाले और 18 महीने बाद एक बार फिर से मौका मिला…. पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट दूसरी इन्निंग्स……. जीरो पे आउट . . . फिर टीम से निकाल दिया गया…. . प्रैक्टिस…प्रैक्टिस….प्रैक्टिस….प्रैक्टिस…प्रैक्टिस….प्रैक्टिस…

 और 3 साल बाद एक बार फिर उस खिलाड़ी को मौका दिया गया…..जिसका नाम था मर्वन अट्टापट्टू इस बार अट्टापट्टू नहीं चूका उसने जम कर खेला और ….श्रीलंका की ओर से 16 शतक और 6 दोहरे शतक जड़ डाले और श्रीलंका का one of the most successful कप्तान बना!

 सोचिये जिस इंसान को अपना दूसरा रन बनाने में 7 साल लग गए अगर वो इतना बड़ा कारनामा कर सकता है तो दुनिया का कोई भी आदमी कुछ भी कर सकता है! और कुछ कर गुजरने के लिए डंटे रहना पड़ता है…लगे रहना पड़ता है…मैदान छोड़ देना आसान होता है…मुश्किल होता है टिके रहना…और जो टिका रहता है वो आज नहीं तो कल ज़रूर सफल होता है। इसलिए आपने जो कुछ भी पाने का निश्चय किया है उसे पाने की अपनी जिद मत छोडिये….अपने लक्ष्य को छोटा मत करिए…अपने focus को डाइवर्ट मत होने दीजिये….

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