जानिए Yahoo की असफलता की कहानी why Google success


एक टाइम Yahoo सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन था. 1994 में Yahoo कि शुरुआत स्टेनफोर्ड univercity के हॉस्टल में हुयी थी. दो छात्रों डेविड फिलो और जैरी यंग ने जैरी एंड डेविड्स गाइड टू वर्ल्ड वाइड वेब पर अपने लिंक शेयर किये. इसे बाद में Yahoo नाम दिया गया. जल्द ही Yahoo लाखों लोगो का search इंजन बन गया. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ की यह असफल हो गया और आज सिर्फ 4.6 अरब डॉलर में बिक गया.

Yahoo ने की यह बड़ी गलतियाँ
1. 1998 में google को 10 लाख डॉलर में खरीदने से इनकार किया था.

2. 2002 में Yahoo को अहसास हुआ की उससे गलती हो गयी. उसने google को 3 अरब में खरीदने का प्रस्ताव दिया. लेकिन google ने कहा की उसे 5 अरब चाहिए. Yahoo ने ना कह दिया.

3. 2008 में microsoft ने Yahoo को 45 अरब डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव दिया. लेकिन Yahoo ने मन कर दिया.

4. और अब 2016 में वेरिजान ने Yahoo को 4.6 अरब डॉलर में खरीद लिया.

तीन समस्याएं Yahoo के पतन का कारण बनी
1. पहली समस्या थी फोकस का अभाव और इसी कमी ने google को आगे बढ़ने का मोका दे दिया. Yahoo में सुधार के लिए भी कुछ नहीं किया गया. फोकस करने की बजाय Yahoo सिर्फ फेलती गयी.

2. Yahoo की दूसरी समस्या सोदो से सम्बधित हे. उसके कुछ सोदे अच्छे रहे. लेकिन काफी सोदे विफल रहे. अलीबाबा में हिस्सेदारी का सोदा सफल रहा, लेकिन अन्य सोदे असफल रहे. google को हराने के लिए मायर ने 5 वर्ष के लिए mozila browser लेने का महंगा करार किया. यह लगभग 2500 करोड़ प्रति वर्ष पर mozila का डिफ़ॉल्ट search इंजन बन गया.

3. किसी कम्पनी की सफलता उसके फैसलों पर निर्भर करती हे. उसके पास जब अवसर था तब वह 10 लाख डॉलर में google नहीं खरीद पाई. Yahoo ने facebook खरीदने पर सहमती जताई लेकिन यह सोदा भी नहीं हो सका. उसने youtube खरीदने का मोका भी गंवा दिया. ebay सोदा भी अहंकार के कारण नहीं हो सका. और आज यह सब चाहते हे तो Yahoo को खरीद सकते हे. 
सही से फैसले ना ले पाना, फोकस का अभाव और अपने में कुछ बदलाव ना करने के कारन Yahoo असफल रही.

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