कहानी भारतीय सैनिक की वीरता की जिसने साबित कर दिया की India Is The Best
24 August 2016
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दुसरे विश्व-युद्ध में एक जापानी सैनिक कंधे पर लगने के कारण मैदान में घायल होकर गिर पड़ा. वह दर्द के मारे कराह रहा था तभी एक भारतीय सैनिक जो युद्ध के मैदान मैं खड़ा था, उसके मन में करुणा जगी, उसने सोचा, अंतिम क्षणों में कोन-सी शत्रुता. वह कप में चाय लेकर उसके पास गया, अपनी गोद में उसका सिर पर रखा ओर यह कहते हुए चाय पिलाने लगा कि तुमने भारतीय सैनिक की मोर्चे पर वीरता देखी है, अब उसकी दयालूता भी देखो. वह उसे चाय पिलाने के लिए जैसे ही झुका कि जापानी सैनिक ने अपने पास छिपाकर रखे हुए चाकु को उसकी छाती में घोप दिया. भारतीय सैनिक भी घायल हो गया ओर दोनो ही सैनिक उपचार के लिए एक ही अस्पताल में भर्ती किए गए. तीसरे दिन भारतीय सैनिक को होश आया, उसने देखा कि उसके पास ही तीसरे पलंग पर वही जापानी सैनिक लेटा हुआ है. वह जब उसके पास पीने के लिए चाय की प्याली आई तो उसे लेकर उस जापानी सैनिक के पास गया ओर कहाँ, ”लो भैया! चाय पी लो. मैं उस दिन तो यह इच्छा पूरी नही कर पाया. भारतीय सैनिक के इस व्यहवार को देख कर वह जापानी सैनिक भाव-विहल हो गया. उसकी आँखें भर आई ओर कहा आज मुझे पता चला कि आख़िर बुद्ध का जन्म भारत में ही क्यों हुआ.
सच में भारत की होड़ दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सकता. इसकी संस्कृति, आदर-सत्कार, प्रेम और लोगों की मदद की भावना और कहीं देखने को नहीं मिलती. हमें गर्व हे की हमने भारत जैसे देश में जन्म लिया. यंहा के सैनिक रात-दिन अपनी जान की परवाह किये बिना अपने देश की रक्षा करते हे और उन्ही की बदोलत आज हम चैन की सांस ले रहे हे.
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