डाकिया ही नहीं डॉक्टर भी है कबूतर
11 August 2016
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कबूतरों पर हुई एक शोध में पता चला है कि यह पैथोलॉजी और रेडियोलॉजिस्ट के रूप में भी काम कर सकता है. वह अपनी नजर और सवेंदन क्षमता से रोगों की पहचान कर सकता है. शांति का प्रतीक और एक चिड़िया के रूप में कबूतर की पहचान हमेशा से रही है. कबूतरों को संदेश लाने और ले जाने वाले के रूप में भी लिखा जाता है. पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस पत्रिका में प्रकाशित शोध ने बताया है कि प्रशिक्षित कबूतर रेडियोलॉजिस्ट की तरह स्तन कैंसर की पहचान कर सकते हैं. वे स्वास्थ्य को और कैंसर प्रभावितों के बीच अंतर कर सकते हैं. इन कबूतरों को जब मेमोग्राफी “स्तन चित्रण” छवियाँ दिखाई गई. तो पाया गया कि जिन मेमो ग्रामों में इन्हें अंतर करना था उसे इन्होने बेहद कुशलता के साथ कर दिया, लेकिन जिन में परीक्षणों में इन्हें संदेहास्पद गांठो की पहचान करनी थी उसमें उन्हें कोई सफलता नहीं मिली.
इसके बावजूद शोधकर्ताओं का मानना है कि कबूतरों की क्षमता की वजह सब्जियों के आधार पर किए जाने वाले रोगों की पहचान उसकी इलाज में मदद मिल सकती है. कबूतर पर हुए शोध में जुड़े विशेषज्ञों में से एक आयोग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एडवर्ड वॉशरमेन ने कहा कबूतर इंसानों के चेहरे और उनके भाव को पहचान सकते हैं .वह अक्षरों में अंतर कर सकते हैं. यही नहीं कबूतर मोनेट और पिकासो के चित्र तक के बारीक भेद को समझ जाते हैं. उन्होंने कहा कबूतर का दिमाग इंसान की तर्जनी से भी छोटा होता है. वह 1800 से ज्यादा छवियो को याद रख सकते हैं.
प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर रिचर्ड एलिवेशन के अनुसार कबूतरों को 2 हफ्ते का प्रशिक्षण दिया गया . प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक कबूतर को कैंसर प्रभावित और स्वस्थ टिशु की माइक्रो ग्राफिक छवियों में अंतर करना सिखाया गया. जिसके साथ इन्हें टयुमर की पहचान करना भी सिखाया गया. प्रयोग की खास बात यह रही की इन पक्षियों ने रंगहीन छवियों को बड़ा या छोटा करने के बावजूद उनमे फर्क करना सिखा. इन दौरान कबूतरों ने 85 फीसदी सफलता हासिल की.
कबूतरों ने बेनाइन संदेहास्पद या इंटरमिडियेटरी और असाध्य स्तन कैंसर की मेमो ग्राम स्लाइड्स के बीच फर्क को पहचान कर शोधकर्ताओं को हैरत में डाल दिया.
इसके बावजूद शोधकर्ताओं का मानना है कि कबूतरों की क्षमता की वजह सब्जियों के आधार पर किए जाने वाले रोगों की पहचान उसकी इलाज में मदद मिल सकती है. कबूतर पर हुए शोध में जुड़े विशेषज्ञों में से एक आयोग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एडवर्ड वॉशरमेन ने कहा कबूतर इंसानों के चेहरे और उनके भाव को पहचान सकते हैं .वह अक्षरों में अंतर कर सकते हैं. यही नहीं कबूतर मोनेट और पिकासो के चित्र तक के बारीक भेद को समझ जाते हैं. उन्होंने कहा कबूतर का दिमाग इंसान की तर्जनी से भी छोटा होता है. वह 1800 से ज्यादा छवियो को याद रख सकते हैं.
प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर रिचर्ड एलिवेशन के अनुसार कबूतरों को 2 हफ्ते का प्रशिक्षण दिया गया . प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक कबूतर को कैंसर प्रभावित और स्वस्थ टिशु की माइक्रो ग्राफिक छवियों में अंतर करना सिखाया गया. जिसके साथ इन्हें टयुमर की पहचान करना भी सिखाया गया. प्रयोग की खास बात यह रही की इन पक्षियों ने रंगहीन छवियों को बड़ा या छोटा करने के बावजूद उनमे फर्क करना सिखा. इन दौरान कबूतरों ने 85 फीसदी सफलता हासिल की.
कबूतरों ने बेनाइन संदेहास्पद या इंटरमिडियेटरी और असाध्य स्तन कैंसर की मेमो ग्राम स्लाइड्स के बीच फर्क को पहचान कर शोधकर्ताओं को हैरत में डाल दिया.
hello sir मैंने adnow ad code मेरे वेबसाइट के ने में डाला है मगर ad show nahi हो रहा है, क्या प्रॉब्लम हो सकता है.
ReplyDeleteapni sahi se nahi dala hoga...apka mobile no de
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