कविता कभी हिम्मत ना हारो..Special Poem (Don’t Quit) In Hind
19 July 2016
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“खुद को बेहतर बनाए रखने का सफर आसान नहीं हे, यह रुकावटों से भरा पड़ा हे. विजेता के पास गिरकर उठने की और नई शुरुआत करने की योग्यता होती हे.” आज की इस पोस्ट में, में आपको एक ऐसी कविता बता रहा हु जिसे पढके आपमें हिम्मत जरुर आ जाएगी.
जब काम बिगड़ जाए
जेसा की कभी कभी होगा
जब रास्ता सिर्फ चढाई का दीखता हो
जब पेसे कम और कर्ज जयादा हो
जब मुस्कुराहट की इच्छा आह बने
जब चिंताए दबा रही हो
तो सुस्ता लो, लेकिन हिम्मत ना हारो
भूल-भुलेया हे ये जीवन
पगडंडियाँ जिसकी हमें पार करनी हे
कई असफल तब लोट गए
पार होते गए जो आगे बढ़ते गए
धीमी हे रफ़्तार तो क्या
मंजिल तो एक दिन पाओगे
सफलता छिपी असफलता में ही
जेसे शंका के बादल में आशा की चमक
नाप सकोगे क्या इतनी दुरी
दूर दिखती हे लेकिन मुमकिन हे यह नजदीक हो
डंटे रहो चाहे कितनी भी मुश्किल हो
तो सुस्ता लो, लेकिन हिम्मत ना हारो
भूल-भुलेया हे ये जीवन
पगडंडियाँ जिसकी हमें पार करनी हे
कई असफल तब लोट गए
पार होते गए जो आगे बढ़ते गए
धीमी हे रफ़्तार तो क्या
मंजिल तो एक दिन पाओगे
सफलता छिपी असफलता में ही
जेसे शंका के बादल में आशा की चमक
नाप सकोगे क्या इतनी दुरी
दूर दिखती हे लेकिन मुमकिन हे यह नजदीक हो
डंटे रहो चाहे कितनी भी मुश्किल हो
चाहे हालत जितने भी बुरे हो, लेकिन हिम्मत ना हारो, डंटे रहो
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