फांसी का समय सूरज निकलने से पहले ही क्यों नियम hanging facts
28 July 2016
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hang in hindi meaning किसी भी बड़े अपराध के लिए कोर्ट मोत की सज़ा देता हे. यह सब सज़ा में सबसे बड़ी सज़ा मानी जाती हे. आज की इस पोस्ट में, में आपको बताऊंगा की फांसी सूर्योदय से पहले ही क्यों दी जाती हे?? बाकी टाइम क्यों नहीं. अपराधी को फांसी देते समय उसके पास बस कुछ गिनती के लोग ही मोजूद होते हे. उनमे एक फांसी देने वाला जल्लाद, कैदी की जांच करने वाला डॉक्टर, एक जज और पुलिस के कुछ अधिकारी. फांसी कभी भी खुले आम नहीं दी जाती हे, बंद दीवारों के बिच में दी जाती हे, जंहा कुछ गिनती के लोग ही होते हे. आईये जाने फांसी की सज़ा सूर्योदय से पहले दिए जाने के कारण.
1. प्रशासनिक कारण
जेल प्रशासन के लिए फांसी एक सबसे बड़ा काम होता हे, इसलिए सबसे पहले इसे निपटा दिया जाता हे ताकि और कोई काम ना रुके. क्योकि फांसी के बाद भी मेडिकल टेस्ट, कई रजिस्टरों में एंट्री, और उसके बाद लाश को परिवार वालो को सुपुर्द करना जैसे कई काम करने होते हे. इसलिए फांसी को सूर्योदय से पहले निपटा दिया जाता हे ताकि बाकि काम आराम से हो सके.
2. नैतिक कारण
ऐसा माना जाता हे की जिसको भी फांसी की सज़ा दी जाती हे उसे ज्यादा इन्तजार नहीं कराना चाहिए, क्योकि इससे उसके दिमाग पे गहरा असर पड़ता हे. अब भाई जिसको मोत की सज़ा दिओ गयी हे उसे क्या इन्तजार कराना और क्यों उसके दिमाग पर प्रभाव डालना. इसलिए उसे सुबह उठाकर, नित्यकर्म करवाके फांसी दे दी जाती हे.
3. सामाजिक कारण
किसी भी आदमी को फांसी की सज़ा देना एक बहुत बड़ी बात होती हे. समाज में गलत प्रभाव ना पड़े इसलिए सुबह जल्दी ही फांसी दे दी जाती हे. मीडिया और जनता भी उस टाइम नहीं होती इसलिए आराम से फांसी दे दी जाती हे.
4. आराम से कर सके अंतिम संस्कार
एक कारण यह भी हे की जल्दी फांसी दे देने से लाश को जल्दी परिवार वालो को सुपुर्द कर दिया जाता हे, ताकि वो उसका आराम से अंतिम संस्कार कर सके. कोई भी कारण हो अब जिसको फांसी दी जानी हे उसको कैसा चेन. उसका चेन तो फांसी की सज़ा सुनते ही चला जाता हे.hanging images hanging video hanging exercise public hanging video hanging around hanging tree lyrics hanging forensic medicine hanging by a moment
1. प्रशासनिक कारण
जेल प्रशासन के लिए फांसी एक सबसे बड़ा काम होता हे, इसलिए सबसे पहले इसे निपटा दिया जाता हे ताकि और कोई काम ना रुके. क्योकि फांसी के बाद भी मेडिकल टेस्ट, कई रजिस्टरों में एंट्री, और उसके बाद लाश को परिवार वालो को सुपुर्द करना जैसे कई काम करने होते हे. इसलिए फांसी को सूर्योदय से पहले निपटा दिया जाता हे ताकि बाकि काम आराम से हो सके.
2. नैतिक कारण
ऐसा माना जाता हे की जिसको भी फांसी की सज़ा दी जाती हे उसे ज्यादा इन्तजार नहीं कराना चाहिए, क्योकि इससे उसके दिमाग पे गहरा असर पड़ता हे. अब भाई जिसको मोत की सज़ा दिओ गयी हे उसे क्या इन्तजार कराना और क्यों उसके दिमाग पर प्रभाव डालना. इसलिए उसे सुबह उठाकर, नित्यकर्म करवाके फांसी दे दी जाती हे.
3. सामाजिक कारण
किसी भी आदमी को फांसी की सज़ा देना एक बहुत बड़ी बात होती हे. समाज में गलत प्रभाव ना पड़े इसलिए सुबह जल्दी ही फांसी दे दी जाती हे. मीडिया और जनता भी उस टाइम नहीं होती इसलिए आराम से फांसी दे दी जाती हे.
4. आराम से कर सके अंतिम संस्कार
एक कारण यह भी हे की जल्दी फांसी दे देने से लाश को जल्दी परिवार वालो को सुपुर्द कर दिया जाता हे, ताकि वो उसका आराम से अंतिम संस्कार कर सके. कोई भी कारण हो अब जिसको फांसी दी जानी हे उसको कैसा चेन. उसका चेन तो फांसी की सज़ा सुनते ही चला जाता हे.hanging images hanging video hanging exercise public hanging video hanging around hanging tree lyrics hanging forensic medicine hanging by a moment
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