अधिक समय तक बेठने से हो सकता हे डीवीटी का खतरा
24 July 2016
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लम्बे समय तक बेठे रहने, किसी बीमारी के कारन बेड रेस्ट की स्थिति में या लम्बी हवाई यात्रा करने पर हमारा शरीर गतिशील नहीं रहता हे, जिसकी वजह से पैरों की वेन्स में ब्लड की गति धीमी हो जाती हे, साथ ही यह इकट्ठा हो जाती हे. जिससे कई बार उसमे थक्का जम जाता हे. इस अवस्था को डीवीटी कहते हे.
कई बार खून के थक्के टुकडो में टूटकर फेफड़ो तक ब्लड ले जाने वाली नसों में जम जाते हे. इससे फेफड़ो तक ब्लड की सप्लाय रुक जाती हे. इस अवस्था को प्लनोनरी एम्बोलिज्म कहते हे. इसका अगर समय पर उपचार ना किया जाए तो यह जानलेवा बीमारी बन सकती हे. आज की इस पोस्ट में डीवीटी के लक्षण और उपचार के बारे में चर्चा करेंगे.
डीवीटी के लक्षण
1. पैर में दर्द, सुजन और गर्म हो जाना.
2. त्वचा का लाल हो जाना.
प्लनोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण
A. छाती में दर्द, ज्यादातर सांस लेते समय.
B. खांसी आना और खांसी में खून आना.
C. चक्कर आना या बेहोशी आना.
D. सांस और धडकन तेज हो जाना.
डीवीटी के उपचार
1. प्रभावित पैर को तकिये के सहारे थोडा उपर उठाकर रखना.
2. सुजन कम करने की दवा लेना.
3. खून पतला करने की दवा, जिसे एंटीकाग्लेंट कहा जाता हे उसे थक्का हटाने के लिए दिया जाता हे.
डीवीटी के लक्षण
1. पैर में दर्द, सुजन और गर्म हो जाना.
2. त्वचा का लाल हो जाना.
प्लनोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण
A. छाती में दर्द, ज्यादातर सांस लेते समय.
B. खांसी आना और खांसी में खून आना.
C. चक्कर आना या बेहोशी आना.
D. सांस और धडकन तेज हो जाना.
डीवीटी के उपचार
1. प्रभावित पैर को तकिये के सहारे थोडा उपर उठाकर रखना.
2. सुजन कम करने की दवा लेना.
3. खून पतला करने की दवा, जिसे एंटीकाग्लेंट कहा जाता हे उसे थक्का हटाने के लिए दिया जाता हे.
4. आरम्भिक अवस्था में रोगी को एंटीकाग्लेंट इंजेक्शन के जरिये दिया जाता हे. जब स्थिति थोड़ी बेहतर होती हे तो ओरल पिला दिया जाता हे.
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