जिंदगी के 5 कड़वे सच Reality Of Life In Hindi
13 June 2016
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गीता में लिखा हे की अगर कोई इंसान बहुत हंसता हे तो वो अंदर से अकेला हे और अगर कोई इंसान खुद को बहुत मजबूत दिखाता हे तो वो अंदर से बहुत कमजोर हे. यह वास्तविक जिंदगी में भी सच हे.आज की इस पोस्ट में हम जिंदगी से जुड़े 5 ऐसे ही कडवे सच के बारे में जानेंगे.
1. माँ के सिवा कोई वफादार नहीं हो सकता
सच हे माँ के सिवा इस दुनिया में कोई वफादार नहीं हे. एक माँ ही हे जो बिना स्वार्थ हमारा ख्याल रखती हे. हमारे हर सुख दुःख में सबसे आगे होती हे. इसलिए तो जब भी चोट लगती हे तो मुह से “माँ” वर्ड निकलता हे. उसकी वफादारी जन्म से उसके जाने तक रहती हे. हम जिंदगी में कितने भी बदल जाए पर वो कभी नहीं बदल सकती. इसलिए तो माँ हमेशा अपने परिवार के लिए वफादार रहती हे.
2. गरीब का कोई दोस्त नहीं हो सकता
सच हे इस दुनिया में गरीब का कोई दोस्त नहीं होता. अब तो लोग दोस्त भी हेसियत के अनुसार चुनने लगे हे. पैसो वाला पैसो वाले को चुनता हे. लड़ने में मजबूत लड़ने वाले को चुनता हे. इसलिए तो चाणक्य ने कहा था की हर मित्रता में एक स्वार्थ होता हे. हा कुछ बात अलग हो सकती हे की हम गरीबों की मदद कर सकते हे लेकिन उनके साथी नहीं बन पाते.
3. आज भी लोग अच्छी सोच को नहीं अच्छी सुरत को तवज्जो देते हे
हमारी सोच बहुत अच्छी हे लेकिन हमारे कपडे फटे हे, बाल ठीक नहीं हे, चलने का स्टाइल अच्छा नहीं हे तो हमारी सोच अच्छी होते हुए भी हम दुनिया के लिए अच्छे नहीं हे. क्योकि आज की दुनिया सोच नहीं सुरत देखती हे की वो दिखने में कितना अच्छा हे चाहे उसका दिल कितना भी बुरा क्यों ना हो.
4. इज्जत सिर्फ पैसे की हे इंसान की नहीं
पैसा हे तो लोग पूछते हे कैसा हे. जब तक आपके पास पैसा हे लोग आपके आगे पीछे घूमेंगे, आपको फंक्शन में बुलाएँगे आपका स्वागत करेंगे. लेकिन जब आपके पास पैसे नहीं रहेंगे तो भीखारी और आप में कोई अंतर नहीं करेंगे. दुनिया को साथ होते और खिलाफ होते टाइम नहीं लगता.
5. जिस शक्स को अपना खास समझो वही सबसे ज्यादा दुःख देता हे
किसी ने सही ही कहा हे की अनजान लोग अपनों से अच्छे हे क्योकि वे अपने होकर पराये होने का गम तो नहीं देते. जिस शक्स के लिए हम सब कुछ छोड़ देते हे, उसकी परवाह करते हे. उस से प्यार करते हे और आखिर में वही शक्स अलग हो जाए तो बहुत तकलीफ होती हे और सबसे ज्यादा रोना भी उसके लिए ही आता हे
1. माँ के सिवा कोई वफादार नहीं हो सकता
सच हे माँ के सिवा इस दुनिया में कोई वफादार नहीं हे. एक माँ ही हे जो बिना स्वार्थ हमारा ख्याल रखती हे. हमारे हर सुख दुःख में सबसे आगे होती हे. इसलिए तो जब भी चोट लगती हे तो मुह से “माँ” वर्ड निकलता हे. उसकी वफादारी जन्म से उसके जाने तक रहती हे. हम जिंदगी में कितने भी बदल जाए पर वो कभी नहीं बदल सकती. इसलिए तो माँ हमेशा अपने परिवार के लिए वफादार रहती हे.
2. गरीब का कोई दोस्त नहीं हो सकता
सच हे इस दुनिया में गरीब का कोई दोस्त नहीं होता. अब तो लोग दोस्त भी हेसियत के अनुसार चुनने लगे हे. पैसो वाला पैसो वाले को चुनता हे. लड़ने में मजबूत लड़ने वाले को चुनता हे. इसलिए तो चाणक्य ने कहा था की हर मित्रता में एक स्वार्थ होता हे. हा कुछ बात अलग हो सकती हे की हम गरीबों की मदद कर सकते हे लेकिन उनके साथी नहीं बन पाते.
3. आज भी लोग अच्छी सोच को नहीं अच्छी सुरत को तवज्जो देते हे
हमारी सोच बहुत अच्छी हे लेकिन हमारे कपडे फटे हे, बाल ठीक नहीं हे, चलने का स्टाइल अच्छा नहीं हे तो हमारी सोच अच्छी होते हुए भी हम दुनिया के लिए अच्छे नहीं हे. क्योकि आज की दुनिया सोच नहीं सुरत देखती हे की वो दिखने में कितना अच्छा हे चाहे उसका दिल कितना भी बुरा क्यों ना हो.
4. इज्जत सिर्फ पैसे की हे इंसान की नहीं
पैसा हे तो लोग पूछते हे कैसा हे. जब तक आपके पास पैसा हे लोग आपके आगे पीछे घूमेंगे, आपको फंक्शन में बुलाएँगे आपका स्वागत करेंगे. लेकिन जब आपके पास पैसे नहीं रहेंगे तो भीखारी और आप में कोई अंतर नहीं करेंगे. दुनिया को साथ होते और खिलाफ होते टाइम नहीं लगता.
5. जिस शक्स को अपना खास समझो वही सबसे ज्यादा दुःख देता हे
किसी ने सही ही कहा हे की अनजान लोग अपनों से अच्छे हे क्योकि वे अपने होकर पराये होने का गम तो नहीं देते. जिस शक्स के लिए हम सब कुछ छोड़ देते हे, उसकी परवाह करते हे. उस से प्यार करते हे और आखिर में वही शक्स अलग हो जाए तो बहुत तकलीफ होती हे और सबसे ज्यादा रोना भी उसके लिए ही आता हे
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