हवन यज्ञ में स्वाहा का मतलब swaha meaning in hindi
23 May 2016
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स्वाहा Swaha meaning in hindi - हिन्दू धर्म में “स्वाहा” का उच्चारण अक्सर देखा होगा जैसे Gayatri Mantra: Om Bhur Bhuva Swaha स्वाहा से सम्बंधित पौराणिक व्याख्यान बेहद रोचक हैं श्रीमद्भागवत तथा शिव पुराण में स्वाहा से संबंधित वर्णन आए हैं। इसके अलावा ऋग्वेद, यजुर्वेद आदि वैदिक ग्रंथों में अग्नि की महत्ता पर अनेक सूक्तों की रचनाएं हुई हैं
पौराणिक कथाओं के अनुसार - स्वाहा दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं जिनका विवाह अग्निदेव के साथ किया गया था अग्निदेव को हविष्यवाहक भी कहा जाता है। ये भी एक रोचक तथ्य है कि अग्निदेव अपनी पत्नी स्वाहा के माध्यम से ही हविष्य ग्रहण करते हैं तथा उनके माध्यम यही हविष्य आह्वान किए गए देवता को प्राप्त होता है। एक और पौराणिक मान्यता के अनुसार अग्निदेव की पत्नी स्वाहा के पावक, पवमान और शुचि नामक तीन पुत्र हुए
swaha history hinduism - एक अन्य रोचक कहानी भी स्वाहा का अर्थ की उत्पत्ति से जुड़ी हुई है। इस मान्यता के अनुसार, स्वाहा प्रकृति की ही एक कला थी, जिसका विवाह अग्नि के साथ देवताओं के आग्रह पर सम्पन्न हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं स्वाहा को ये वरदान दिया था कि केवल उसी के माध्यम से देवता हविष्य को ग्रहण कर पाएंगे।
यज्ञीय प्रयोजन तभी पूरा होता है जबकि आह्वान किए गए देवता को उनका पसंदीदा भोग पहुंचा दिया जाए। हविष्य के याज्ञिक सामग्रियों में मीठे पदार्थ का भी शामिल होना आवश्यक है तभी देवता संतुष्ट होते हैं। और सभी वैदिक व पौराणिक विधान अग्नि को समर्पित मंत्रोच्चार एवं स्वाहा के द्वारा हविष्य सामग्री को देवताओं तक पहुंचने की पुष्टि करते हैं(यहाँ क्लिक कर जाने त्वचा रंग से जानें स्त्री का स्वभाव पसंद)
एक मतलब यह भी- जब अग्नि को जलाकर उसमें औषधियुक्त शुद्ध घी व अन्य हवन सामग्री युक्त की आहुति देकर क्रम से देवताओं के नाम का उल्लेख कर उसके पीछे ‘स्वाहा’ बोला जाता है- जैसे सूर्याय स्वाहा यानी सूर्य को प्राप्त हो, इसी तरह समस्त हविष्य सामग्री अलग अलग देवताओं को समर्पित की जाती है ‘स्वाहा’ शब्द का अर्थ है सु + आ + हा सुरो यानी अच्छे लोगों को दिया गया
पौराणिक कथाओं के अनुसार - स्वाहा दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं जिनका विवाह अग्निदेव के साथ किया गया था अग्निदेव को हविष्यवाहक भी कहा जाता है। ये भी एक रोचक तथ्य है कि अग्निदेव अपनी पत्नी स्वाहा के माध्यम से ही हविष्य ग्रहण करते हैं तथा उनके माध्यम यही हविष्य आह्वान किए गए देवता को प्राप्त होता है। एक और पौराणिक मान्यता के अनुसार अग्निदेव की पत्नी स्वाहा के पावक, पवमान और शुचि नामक तीन पुत्र हुए
swaha history hinduism - एक अन्य रोचक कहानी भी स्वाहा का अर्थ की उत्पत्ति से जुड़ी हुई है। इस मान्यता के अनुसार, स्वाहा प्रकृति की ही एक कला थी, जिसका विवाह अग्नि के साथ देवताओं के आग्रह पर सम्पन्न हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं स्वाहा को ये वरदान दिया था कि केवल उसी के माध्यम से देवता हविष्य को ग्रहण कर पाएंगे।
यज्ञीय प्रयोजन तभी पूरा होता है जबकि आह्वान किए गए देवता को उनका पसंदीदा भोग पहुंचा दिया जाए। हविष्य के याज्ञिक सामग्रियों में मीठे पदार्थ का भी शामिल होना आवश्यक है तभी देवता संतुष्ट होते हैं। और सभी वैदिक व पौराणिक विधान अग्नि को समर्पित मंत्रोच्चार एवं स्वाहा के द्वारा हविष्य सामग्री को देवताओं तक पहुंचने की पुष्टि करते हैं(यहाँ क्लिक कर जाने त्वचा रंग से जानें स्त्री का स्वभाव पसंद)
एक मतलब यह भी- जब अग्नि को जलाकर उसमें औषधियुक्त शुद्ध घी व अन्य हवन सामग्री युक्त की आहुति देकर क्रम से देवताओं के नाम का उल्लेख कर उसके पीछे ‘स्वाहा’ बोला जाता है- जैसे सूर्याय स्वाहा यानी सूर्य को प्राप्त हो, इसी तरह समस्त हविष्य सामग्री अलग अलग देवताओं को समर्पित की जाती है ‘स्वाहा’ शब्द का अर्थ है सु + आ + हा सुरो यानी अच्छे लोगों को दिया गया
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ReplyDeleteसु + आह
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