अपने ही गिराते हे अपनों को hindi real Story
15 May 2016
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सही ही कहा हे की कभी कभी हमें निचे गिराने वाले या असफल बनाने वाले दुसरे नहीं अपने ही जाती, समाज, रिश्तेदार होते हे ! आज की इस पोस्ट में, में आपको एक ऐसी कहानी बता रहा हु जो यह बंया करती हे की अपने ही अपने लोगो को गिराते हे !
Story In Hindi
एक बार एक कुत्ते और गधे के बीच शर्त लगी कि जो जल्दी से जल्दी दौडते हुए दो गाँव आगे रखे एक सिंहासन पर बैठेगा वही उस सिंहासन का अधिकारी माना जायेगा और राज करेगा ! जैसा कि निश्चित हुआ था, दौड शुरू हुई. कुत्ते को पूरा विश्वास था कि मैं ही जीतूंगा. क्योंकि ज़ाहिर है इस गधे से तो मैं तेज ही दौडूंगा ! पर आगे किस्मत में क्या लिखा है ये कुत्ते को मालूम ही नही था ! शर्त शुरू हुई . कुत्ता तेजी से दौडने लगा. पर थोडा ही आगे गया न गया था कि अगली गली के कुत्तों ने उसे लपकना ,नोंचना ,भौंकना शुरू किया ! और ऐसा हर गली, हर चौराहे पर होता रहा ! जैसे तैसे कुत्ता हांफते हांफते सिंहासन के पास पहुंचा तो देखता क्या है कि गधा पहले ही से सिंहासन पर विराजमान है ! तो क्या... गधा उसके पहले ही वहां पंहुच चुका था... और शर्त जीत कर वह राजा बन चुका था ! और ये देखकर निराश हो चुका कुत्ता बोल पडा अगर मेरे ही लोगों ने मुझे आज पीछे न खींचा होता तो आज ये गधा इस सिंहासन पर न बैठा होता !.
क्या सीख मिलती हे इस कहानी से.
१. अपने लोगों को कॉन्फिडेंस में लो !
२. अपनों को आगे बढने का मौका दो, उन्हें मदद करो ! नही तो कल बाहरी गधे हम पर राज करने लगेंगे !
३. पक्का विचार और आत्म परीक्षण करो.
४. जो मित्र आगे रहकर होटल के बिल का पेमेंट करतें हैं, वो उनके पास खूब पैसा है इसलिये नही बल्कि इसलिये कि उन्हें मित्र पैसों से अधिक प्रिय हैं ! पैसा सब कुछ होकर भी बहुत कुछ नहीं होता ! रिश्ते दिलो से बनते हे कागज़ के नोट से नहीं !
५. ऐसा नही है कि जो हर काम में आगे रहतें हैं वे मूर्ख होते हैं, बल्कि उन्हें अपनी जवाबदारी का एहसास हरदम बना रहता है इसलिये वे हर काम में आगे रहते हे !
६. जो लडाई हो चुकने पर पहले क्षमा मांग लेतें हैं, वो इसलिये नही, कि वे गलत थे... बल्कि उन्हें अपने लोगों की परवाह होती है इसलिये वे पहले माफ़ी मांगते हें !
७. जो तुम्हे मदद करने के लिये आगे आतें हैं वो तुम्हारा उन पर कोई कर्ज बाकी है इसलिये नही... बल्कि वे तुम्हें अपना मानतें हैं इसलिये तुम्हारी मदद करने आगे आते हें! इसलिए हमेशा अपनों के साथ रहे और उन्हें अच्छे से समझे !
एक बार एक कुत्ते और गधे के बीच शर्त लगी कि जो जल्दी से जल्दी दौडते हुए दो गाँव आगे रखे एक सिंहासन पर बैठेगा वही उस सिंहासन का अधिकारी माना जायेगा और राज करेगा ! जैसा कि निश्चित हुआ था, दौड शुरू हुई. कुत्ते को पूरा विश्वास था कि मैं ही जीतूंगा. क्योंकि ज़ाहिर है इस गधे से तो मैं तेज ही दौडूंगा ! पर आगे किस्मत में क्या लिखा है ये कुत्ते को मालूम ही नही था ! शर्त शुरू हुई . कुत्ता तेजी से दौडने लगा. पर थोडा ही आगे गया न गया था कि अगली गली के कुत्तों ने उसे लपकना ,नोंचना ,भौंकना शुरू किया ! और ऐसा हर गली, हर चौराहे पर होता रहा ! जैसे तैसे कुत्ता हांफते हांफते सिंहासन के पास पहुंचा तो देखता क्या है कि गधा पहले ही से सिंहासन पर विराजमान है ! तो क्या... गधा उसके पहले ही वहां पंहुच चुका था... और शर्त जीत कर वह राजा बन चुका था ! और ये देखकर निराश हो चुका कुत्ता बोल पडा अगर मेरे ही लोगों ने मुझे आज पीछे न खींचा होता तो आज ये गधा इस सिंहासन पर न बैठा होता !.
क्या सीख मिलती हे इस कहानी से.
१. अपने लोगों को कॉन्फिडेंस में लो !
२. अपनों को आगे बढने का मौका दो, उन्हें मदद करो ! नही तो कल बाहरी गधे हम पर राज करने लगेंगे !
३. पक्का विचार और आत्म परीक्षण करो.
४. जो मित्र आगे रहकर होटल के बिल का पेमेंट करतें हैं, वो उनके पास खूब पैसा है इसलिये नही बल्कि इसलिये कि उन्हें मित्र पैसों से अधिक प्रिय हैं ! पैसा सब कुछ होकर भी बहुत कुछ नहीं होता ! रिश्ते दिलो से बनते हे कागज़ के नोट से नहीं !
५. ऐसा नही है कि जो हर काम में आगे रहतें हैं वे मूर्ख होते हैं, बल्कि उन्हें अपनी जवाबदारी का एहसास हरदम बना रहता है इसलिये वे हर काम में आगे रहते हे !
६. जो लडाई हो चुकने पर पहले क्षमा मांग लेतें हैं, वो इसलिये नही, कि वे गलत थे... बल्कि उन्हें अपने लोगों की परवाह होती है इसलिये वे पहले माफ़ी मांगते हें !
७. जो तुम्हे मदद करने के लिये आगे आतें हैं वो तुम्हारा उन पर कोई कर्ज बाकी है इसलिये नही... बल्कि वे तुम्हें अपना मानतें हैं इसलिये तुम्हारी मदद करने आगे आते हें! इसलिए हमेशा अपनों के साथ रहे और उन्हें अच्छे से समझे !
Adnow se kitni kamai hoti hain agar 1000 page mobile se dekhe jaye toh...
ReplyDeleteye clear to nahi kaha ja skta he but 10 dollar ke aaspass...
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