महेंद्र सिंह धोनी जीवन परिचय | mahendra singh dhoni biography
28 March 2021
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आइये जाने
महेंद्र सिंह धोनी कहां के रहने वाले हैं
महेंद्र सिंह धोनी का निक नेम क्या है
महेंद्र सिंह धोनी जीवन परिचय मराठी
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म कहां हुआ था
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट इतिहास
महेंद्र सिंह धोनी विवाह दिनांक
महेंद्र सिंह धोनी का गांव कौन सा है
धोनी की सैलरी
महेंद्र सिंह धोनी, एम् एस धोनी के नाम से जाने जाते हैं करारे शॉट्स से सारी दुनिया के गेंदबाजों के दिल में दहशत पैदा करने वाले महेंद्रसिंह धोनी यानी माही जन्म बिहार, रांची 7 जुलाई 1981 में हुआ था। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एवं विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। जिनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में नंबर एक का ताज हासिल कर चुकी है। पहले उन्होंने टी-ट्वेंटी विश्वकप 2007 में भारत को जीत हासिल करवाई फिर टेस्ट और एकदिवसीय में भी भारत को नंबर एक तक पहुंचाया। सूझबूझ भरी कप्तानी, मैदान पर शांत रवैया और किसी भी तरह की जोखिम लेने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले कप्तान धोनी युवाओं में एक आदर्श के रुप में देखे जाते हैं
आरंभिक जीवन
अपने शुरुआती दिनों में धोनी लंबे-लंबे बाल रखते थे। धोनी को तेज रफ्तार बाइक और कारों का शौक़ है। आज भी जब कभी धोनी को वक्त मिलता है तो वह अपनी पसंदीदा बाइक पर रांची के चक्कर लगाते हैं। रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से पढ़ाई पूरी करने के साथ धोनी ने खेलों में भी सक्रिय रुप से हिस्सा लेना शुरु कर दिया। उन्हें पहले फुटबॉल का बहुत शौक़ था और वह अपनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। ज़िला स्तर पर खेलते हुए उनके कोच ने उन्हें क्रिकेट खेलने की सलाह दी। यह सलाह धोनी के लिए इतनी फायदेमंद साबित हुई कि वह भारतीय क्रिकेट टीम से सबसे कामयाब कप्तान बन चुके हैं। शुरू में वह अपने क्रिकेट से ज़्यादा अपनी विकेटकीपिंग के लिए सराहे जाते थे लेकिन वक्त के साथ साथ उन्होंने बल्ले से भी तूफान लाने शुरू कर दिए और एक विस्फोटक बल्लेबाज के रुप में उभरकर सामने आए। वे दाएं हाथ के बल्लेबाज है। इसके अलावा वे एक विशेषज्ञ विकेटकीपर भी है। उनकी गिनती सबसे सफल भारतीय कप्तान के रूप में की जाती है।
खेल जीवन
दसवीं कक्षा से ही क्रिकेट खेलने वाले धोनी बिहार अंडर 19 की टीम से भी खेल चुके हैं। 1998-1999 के दौरान कूच बेहार ट्रॉफी से धोनी के क्रिकेट को पहली बार पहचान मिली। इस टूर्नामेंट में धोनी ने 9 मैचों में 488 रन बनाए और 7 स्टपिंग भी कीं। इसी प्रदर्शन के बाद उन्हें साल 2000 में पहली बार रणजी में खेलने का मौका मिला। 18 साल के धोनी ने बिहार की टीम से रणजी में प्रदार्पण किया। रणजी में खेलते हुए 2003-04 में कड़ी मेहनत के कारण धोनी को जिम्बॉब्वे और केन्या दौरे के लिए भारतीय ‘ए’ टीम में चुना गया। जिम्बॉब्वे– 11 के ख़िलाफ़ उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 7 कैच व 4 स्टंपिंग की। इस दौरे पर धोनी ने 7 मैचों में 362 रन भी बनाए।
साल 2010 में धोनी ने अपने बचपन की दोस्त साक्षी से विवाह कर लिया। हमेशा विज्ञापनों में छाए रहने वाले धोनी अपनी निजी ज़िंदगी में कैमरे से दूर रहते हैं और इसका एक उदाहरण उनका विवाह भी है जिसमें उनके क़रीबी चाहने वाले लोग ही शामिल रहे।
उतार चढ़ाव
धोनी के खेल की जितना प्रशंसा हुई है उतनी ही उनकी आलोचना भी हुई है। कई लोग मानते हैं कि कप्तान बनने के बाद वह आक्रमक नहीं रहे। साथ ही उनकी विकेटकीपिंग पर भी कई बार सवाल खड़े हुए हैं। धोनी पर अपने चहेते साथी खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौके देने का भी आरोप लगता रहा है। मैदान पर बेहद शांत रहने वाले धोनी इस मामले में भी शांत रहते हैं और अपने आलोचकों का जवाब अपने प्रदर्शन से देते हैं। एक ऐसा समय भी था जब क्रिकेट प्रेमियों ने गुस्से में आकर महेन्द्र सिंह धोनी का घर तोड़ दिया था और धोनी ने कहा था कि जिन लोगों ने मेरा घर तोड़ा है एक दिन वही इस घर को बनाएंगे भी, और हुआ भी वही।
बेटी
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