भगवान है या नहीं? इश्वर क्या है
16 December 2015
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भगवान शब्द पाँच अक्षरो से मिलकर बना है. पहले का अर्थ भूमि, दूसरे का गगन, तीसरे का अर्थ वायु, चौथे का अर्थ अग्नि, और पाँचवे का अर्थ नीर, आप सभी ये तो जानते हे होंगे की हमारा शरीर भी इन्ही पञ्चतत्ब से ही निर्मित है,तो भगवान को बाहर क्यों खोजते फिरते है वो तो यही है हमारे भीतर बस उन्हे देखने वाली आँखें (भक्ति) चाहिए.
भगवान की प्रकृति
चर, और अचर दोनो है .अगर चार रूप मे देखना है तो सभी दिखाई देने बाले जीव उनकी चर प्रकृति का प्रमाण है और अगर अचर प्रकृति की बात करे तो जिस प्रकार दो लकड़ी के टुकड़ो को आपस मे रगड़ने से जो अग्नि पैदा होती है वो पहले तो नही दिखती लेकिन वो होती वही है यही भगवान की अचर प्रकृति है. जो मन रूपी लकड़ी में हे जिसे पैदा करना खुद इंसान पर निर्भर करता है
भगवान की प्रकृति
चर, और अचर दोनो है .अगर चार रूप मे देखना है तो सभी दिखाई देने बाले जीव उनकी चर प्रकृति का प्रमाण है और अगर अचर प्रकृति की बात करे तो जिस प्रकार दो लकड़ी के टुकड़ो को आपस मे रगड़ने से जो अग्नि पैदा होती है वो पहले तो नही दिखती लेकिन वो होती वही है यही भगवान की अचर प्रकृति है. जो मन रूपी लकड़ी में हे जिसे पैदा करना खुद इंसान पर निर्भर करता है
कोई कुछ कहे की इससे पहले ही नाई बोल पढ़ा -“ देखिये भैया , आपकी तरह मैं भगवान् के अस्तित्व पे विश्वास नहीं रखता .”
पर आदमी ने पूछा .“ तुम ऐसा क्यों कहते हो ?”,
“अरे , ये समझना बहुत आसान है, कि भगवान् नहीं है . आप ही बताइए कि अगर भगवान् होते तो इतने लोग बीमार होते?... इतने बच्चे अनाथ होते?.... अगर भगवान् होते तो किसी को कोई दर्द कोई तकलीफ क्यों होती है,.... नाई ने बोलना जारी रखा , “ मैं ऐसे भगवान के बारे में नहीं सोच सकता जो इन सब चीजों को होने दे . आप ही बताइए कहाँ है आपका ईश्वर ?”
नाई ने अपना काम ख़त्म किया और वह आदमी कुछ सोचते हुए दुकान से बाहर निकला और कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया. . .. कुछ देर इंतज़ार करने के बाद उसे एक लम्बी दाढ़ी – मूछ वाला अधेड़ व्यक्ति उसी तरफ आता दिखाई दिया, उसे देखकर लगता था मानो वो कितने दिनों से नहाया-धोया ना हो....
आदमी तुरंत नाई कि दुकान में वापस घुसा और तेज़ बोला “ जानते हो इस दुनिया में नाई नहीं होते !”
नाई ने सवाल किया“भला कैसे नहीं होते हैं?” “ मैं साक्षात तुम्हारे सामने खडा हूँ!! ”
आदमी ने कहा... “नहीं ” “ वो नहीं होते हैं वरना किसी की भी लम्बी दाढ़ी – मूछ नहीं होती ... वो देखो सामने उस आदमी की कितनी लम्बी दाढ़ी-मूछ है !!”
“ अरे नहीं भाईसाहब नाई होते हैं लेकिन बहुत से लोग हमारे पास नहीं आते .” नाई बोला
“बिल्कुल सही ” आदमी ने नाई को रोकते हुए कहा ,” यही तो बात है , भगवान भी होते हैं पर लोग उनके पास नहीं जाते और ना ही उन्हें खोजने का प्रयास करते हैं, इसीलिए दुनिया में इतना दुःख-दर्द
आदमी ने कहा... “नहीं ” “ वो नहीं होते हैं वरना किसी की भी लम्बी दाढ़ी – मूछ नहीं होती ... वो देखो सामने उस आदमी की कितनी लम्बी दाढ़ी-मूछ है !!”
“ अरे नहीं भाईसाहब नाई होते हैं लेकिन बहुत से लोग हमारे पास नहीं आते .” नाई बोला
“बिल्कुल सही ” आदमी ने नाई को रोकते हुए कहा ,” यही तो बात है , भगवान भी होते हैं पर लोग उनके पास नहीं जाते और ना ही उन्हें खोजने का प्रयास करते हैं, इसीलिए दुनिया में इतना दुःख-दर्द
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