कैंसर के लक्षण प्रकार आयुर्वेदिक इलाज cancer treatment in ayurveda in hindi
29 January 2019
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How to treat cancer naturally बदलती हुई लाइफस्टाइल के कारण मानव शरीर पर इसके बुरे एफेक्ट्स पड़ने शुरू हो गये है. आज आपको बतायेगे मुख कैंसर का इलाज योग से उपचार संभव है पेट के कैंसर का इलाज कैंसर से बचाव ब्लड कैंसर का इलाज कैंसर का अचूक इलाज Cancer की वजह से हमारा शरीर असाध्य बीमारियो से घिरता जा रहा है अनियमित ख़ान पान और बुरी आदतो के कारण बॉडी मे कैंसर जैसी सीरियस बीमारियो का होना आजकल आम बात है.
कहते है - जानकारी ही बचाव है, समय रहते ही जानकारी मिल जाए तो कॅन्सर से आप बच सकते है. इसलिए ख़ान-पान मे आपको बस कुछ बतो को ध्यान मे रखना है जिससे आप कॅन्सर से बचे रहे. आइए जानते है कॅन्सर से बचने के उपाय.
ग्रीन टी आंटीयाक्सिडंट होती है, यह शरीर के अंदर की इमप्युरिटीस को ख़त्म करती है. ग्रीन टी मे कटेचीन होता है जो कॅन्सर के सेल्स को ख़त्म करता है और इन्हे शरीर मे बादने नही देता.
दही (कर्ड) मे मौजूद असीड़ॉफीलुस कॅन्सर से लड़ने मे मददगार होते है. यह शरीर मे कॅन्सर को बादने से रोकते है और आँटो (इंटेस्टिन) मे होने वेल कॅन्सर से बचाते है
सोया का प्रयोग
सोया भी कॅन्सर से लड़ने मे प्रभावशाली होता है. सोया मे मौजूद फ़यटोनुटरिएंट्स कॅन्सर को बड़ाने वेल सेल्स को ख़त्म करते है. सोया हमारे शरीर मे होने वेल ट्यूमर को बादने नही देता और धीरे-धीरे उसे ख़त्म कर देता है. सोया मे ओमेगा 3 की मात्रा अधिक होती है जो शरीर मे पोशाक तत्वो को पहुँचकर कॅन्सर होने के शुरुआती लक्षण को पहले ही रोक देती है. इसलिए खाने मे सोया का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए.
पत्तागोभी (कॅब्बेज)
पत्तागोभी (कॅब्बेज) मे मौजूद इंडोलेस तत्व बदते हुए कॅन्सर को रोकता है. इसलिए खाने मे पत्तागोभी का प्रयोग भी करते रहे.
नारियल पानी का प्रयोग
जाता वेल नारियल पानी के सेवन से आँटो और लिवर के कॅन्सर मे फयडा मिलता है.
बेल
बेल का जूस शरीर के लिए जितना फयदेमंद होता है उतना ही यह शरीर मे कॅन्सर को रोकने मे भी प्रभावी होता है. यह ब्लड कॅन्सर और हड्डियो के कॅन्सर (बोने कॅन्सर) के प्रभाव को कम करता है.
लहसुन (गार्लिक)
कॅन्सर के रोगी को लहसुन (गार्लिक) को पीसकर पानी मे घोलकर पीना चाहिए, यह कॅन्सर को ठीक कर सकता है. इसलिए नियमित लहसुन का पानी पिए.
टमाटर (टोमतो)
टमाटर मे मौजूद प्रोटीन शरीर मे कॅन्सर के प्रभाव से होने वेल ख़तरे को कम करते है. इसलिए टमाटर का सूप हमेशा पिए.
चुकंदर (बेयेट्रूट)
काँसेर से बचने के लिए चुकंदर (बेयेट्रूट) का आधा कप रस दिन मे 2 से 3 बार पीने से कॅन्सर शुरुआत मे ही रोका जा सकता है. चुकंदर ब्लड कॅन्सर से होने वेल प्रभाव से शरीर को बचाता है.
कलौंजी
कलौंजी का सेवन करने से लिवर इसे विटामिन A मे बदल देता है जो कॅन्सर रोधी होता है. इसमे मौजूद केरोटीन कॅन्सर के प्रभाव को शरीर मे नही आने देता.
यदि आप ऑफीस मे काम करते है तो अधिक डेट तक एक ही जगह पर ना बैठे रहे. हर 1 घंटे के बाद 5 से 10 मिनिट के लिए वॉक करे.cancer symptoms,hindi treatment in ayurveda
कॅन्सर की बीमारी का जब तक हमे पता लगता है तब तक काफ़ी देर चुकी होती है, इसलिए इसकी सही जानकारी रखना ही सही बचाव है. यदि आप पहले से ही इन प्राकृतिक उपायो को करेंगे तो कॅन्सर से हमेशा दूर रहेंगे और अपना और अपने परिवार के साथ अक्चा जीवन व्यतीत करेंगे. कॅन्सर का इलाज शुरुआती दौर मे हो सकता है, इसलिए हर 3 महीने के दौरान अपने डॉक्टर से चेकप ज़रूर कराए और यदि आपको तोड़ा सा भी लगे की आपको कॅन्सर हो सकता है तो तुरंत डॉक्टर से जाँच कराए.
कहते है - जानकारी ही बचाव है, समय रहते ही जानकारी मिल जाए तो कॅन्सर से आप बच सकते है. इसलिए ख़ान-पान मे आपको बस कुछ बतो को ध्यान मे रखना है जिससे आप कॅन्सर से बचे रहे. आइए जानते है कॅन्सर से बचने के उपाय.
आज के जीवन मे कैंसर सबसे ख़तरनाक बीमारी मे से एक है, क्योंकि इसका कोई एकदम सही इलाज नही है और एक किसी को यह हो जाए तो इससे लड़ना आसान नही होता. हाल ही मे हुए सोध से पता चला है लंबे समय तक एक जगह पर बैठे रहने से लोगो मे कॅन्सर की संभावना कई गुना बाद जाती है. एक ही जगह पर ज़्यादा देर तक बैठने से शरीर की चर्बी और मोटापा (ओबीसिटी) बदता है और यह कॅन्सर होने का सबसे बड़ा कारण है.
कॅन्सर के प्रकार (types of cancer)
कॅन्सर से बचाव के तरीके cancer prevention foods naturallyकॅन्सर के प्रकार (types of cancer)
- सरकोमा कॅन्सर - यह खून और हड्डियो(bone cancer) से संबंधित कॅन्सर होता है.
- कार्सिनोमा कॅन्सर - यह स्किन(skin) से संबंधित कॅन्सर होता है. कार्सिनोमा सबसे कामन कॅन्सर है.
- लिंफोमा कॅन्सर(lymph nodes) - इसे ग्रंथियो मे होने वाला कॅन्सर कहा जाता है.
- लुकईमिया कॅन्सर(blood cancer) - खून को बनाने वेल सेल्स का कॅन्सर होता है.
कैंसर के लक्षण (cancer symptoms)
- शरीर के किसी हिस्से या त्वचा के नीचे एक मास या गांठ महसूस होना? ...
- अपने अंडकोष में परिवर्तन। ...
- अपने टॉयलेट की आदतों में परिवर्तन। ...
- आपकी त्वचा में परिवर्तन। ...
- अपच या निगलने में परेशानी। ...
- लगातार खांसी या स्वर बैठना। ...
- अपने मुंह में परिवर्तन। ...
- अस्पष्टीकृत वजन घटाने
- सुबह उठकर साइकलिंग, रन्निंग और जॉगिंग करे.
- पानी का नियमित सेवन करे. दिन मे कम से कम 3 से 5 लीटर पानी का सेवन करे.
- खाना खाते के समय पानी का प्रयोग ना करे और खाने के बाद पानी का सिर्फ़ कुल्ला करे. खाने के 1 घंटे बाद पानी पिए.
- ज़्यादा मीठे और नमकीन पदार्थो का सेवन कम करे.
- टली हुई चीज़ो का अधिक प्रयोग कॅन्सर का कारण बन सकता है. टला हुआ भोजन खाने से फ़िरोलिट्स शरीर के अंदर जाता है जो कॅन्सर को बदाता है. इसलिए टली हुई चीज़ो से हमेशा दूर रहे.
- अपने को तनाव (स्ट्रेस), मानसिक परेशानी से दूर रखे. हमेशा कूल रहे.
- शराब (आल्कोहॉल), तंबाखू (टोबॅको) और धूम्रपान (स्मोकिंग) से कॅन्सर की संभावना अत्यधिक बाद जाती है. इसलिए नशीले पदार्थो से हमेशा दूर रहे.
- रोज 3 से 5 बादाम (आलमंड्ज़) खाने से कॅन्सर शरीर मे कॅन्सर से बचाव होता है.
- अपनी डाइयेट मे हरी सब्जियो का जूस और फलो का जूस इस्तेमाल करे.
- आगे पढ़े - कैसे कैंसर से बचाएंगे मूली के पत्तो का ये प्रयोग Benifit Of Muli
- हमेशा साफ सुथरे एन्वाइरन्मेंट मे रहे. महीने मे 1 या 2 बार किसी शांत जगह पर घूमने ज़रूर जाए.
ग्रीन टी आंटीयाक्सिडंट होती है, यह शरीर के अंदर की इमप्युरिटीस को ख़त्म करती है. ग्रीन टी मे कटेचीन होता है जो कॅन्सर के सेल्स को ख़त्म करता है और इन्हे शरीर मे बादने नही देता.
दही (कर्ड) मे मौजूद असीड़ॉफीलुस कॅन्सर से लड़ने मे मददगार होते है. यह शरीर मे कॅन्सर को बादने से रोकते है और आँटो (इंटेस्टिन) मे होने वेल कॅन्सर से बचाते है
सोया का प्रयोग
सोया भी कॅन्सर से लड़ने मे प्रभावशाली होता है. सोया मे मौजूद फ़यटोनुटरिएंट्स कॅन्सर को बड़ाने वेल सेल्स को ख़त्म करते है. सोया हमारे शरीर मे होने वेल ट्यूमर को बादने नही देता और धीरे-धीरे उसे ख़त्म कर देता है. सोया मे ओमेगा 3 की मात्रा अधिक होती है जो शरीर मे पोशाक तत्वो को पहुँचकर कॅन्सर होने के शुरुआती लक्षण को पहले ही रोक देती है. इसलिए खाने मे सोया का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए.
पत्तागोभी (कॅब्बेज)
पत्तागोभी (कॅब्बेज) मे मौजूद इंडोलेस तत्व बदते हुए कॅन्सर को रोकता है. इसलिए खाने मे पत्तागोभी का प्रयोग भी करते रहे.
नारियल पानी का प्रयोग
जाता वेल नारियल पानी के सेवन से आँटो और लिवर के कॅन्सर मे फयडा मिलता है.
बेल
बेल का जूस शरीर के लिए जितना फयदेमंद होता है उतना ही यह शरीर मे कॅन्सर को रोकने मे भी प्रभावी होता है. यह ब्लड कॅन्सर और हड्डियो के कॅन्सर (बोने कॅन्सर) के प्रभाव को कम करता है.
लहसुन (गार्लिक)
कॅन्सर के रोगी को लहसुन (गार्लिक) को पीसकर पानी मे घोलकर पीना चाहिए, यह कॅन्सर को ठीक कर सकता है. इसलिए नियमित लहसुन का पानी पिए.
टमाटर (टोमतो)
टमाटर मे मौजूद प्रोटीन शरीर मे कॅन्सर के प्रभाव से होने वेल ख़तरे को कम करते है. इसलिए टमाटर का सूप हमेशा पिए.
चुकंदर (बेयेट्रूट)
काँसेर से बचने के लिए चुकंदर (बेयेट्रूट) का आधा कप रस दिन मे 2 से 3 बार पीने से कॅन्सर शुरुआत मे ही रोका जा सकता है. चुकंदर ब्लड कॅन्सर से होने वेल प्रभाव से शरीर को बचाता है.
कलौंजी
कलौंजी का सेवन करने से लिवर इसे विटामिन A मे बदल देता है जो कॅन्सर रोधी होता है. इसमे मौजूद केरोटीन कॅन्सर के प्रभाव को शरीर मे नही आने देता.
यदि आप ऑफीस मे काम करते है तो अधिक डेट तक एक ही जगह पर ना बैठे रहे. हर 1 घंटे के बाद 5 से 10 मिनिट के लिए वॉक करे.cancer symptoms,hindi treatment in ayurveda
कॅन्सर की बीमारी का जब तक हमे पता लगता है तब तक काफ़ी देर चुकी होती है, इसलिए इसकी सही जानकारी रखना ही सही बचाव है. यदि आप पहले से ही इन प्राकृतिक उपायो को करेंगे तो कॅन्सर से हमेशा दूर रहेंगे और अपना और अपने परिवार के साथ अक्चा जीवन व्यतीत करेंगे. कॅन्सर का इलाज शुरुआती दौर मे हो सकता है, इसलिए हर 3 महीने के दौरान अपने डॉक्टर से चेकप ज़रूर कराए और यदि आपको तोड़ा सा भी लगे की आपको कॅन्सर हो सकता है तो तुरंत डॉक्टर से जाँच कराए.
ReplyDeleteReally very nice information
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