गूगल ऐडसेन्स विज्ञापन खाता और भारतीय लोग
21 August 2019
2 Comments
Google adsense india earnings - गूगल, किसी भी ब्लॉग या वेबसाईट मालिक को मुफ्त ऐडसेंस खाता बनाने की सुविधा देता है. व्यक्ति को एक ऑनलाइन फॉर्म भर कर आवेदन करना होता है. व्यावहारिक तौर पर कुछ ही घंटों में स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना, आवेदन करते समय दिए गए ई-मेल पर आ जाती है.
स्वीकृत किए गए खाते में लॉगिन किए जाने पर विभिन्न आकार, प्रकार, रंग संयोजन वाले विज्ञापनों के डिजाईन तैयार किए जा सकते हैं और उसके परिणाम स्वरूप उत्तपन्न हुआ छोटा सा जावा स्क्रिप्ट कोड प्राप्त कर संबंधित वेबसाईट में डाल दिया जाता है.
वेबसाईट में विज्ञापन किस जगह दिखाए जाएं इसके लिए एक स्थापित तथ्य है जिसका पालन करना बहुत लाभदायक होता है. इसे हीटमैप कहा जाता है. ऊपर दिए गए चित्र के अनुसार पाठक की निगाह लाल, नारंगी, पीले रंग के स्थानों पर क्रमश: सबसे अधिक, कुछ कम और बहुत कम पड़ती है.
जैसे जैसे विज्ञापनों पर, पाठकों द्वारा किए गए वास्तविक क्लिक्स की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे गूगल ऐडसेंस खाते में रकम इकट्ठा होते जाती है. जब यह 10 डॉलर पहुँचती है तब गूगल की ओर से एक PIN जारी किया जाता है. जो खाता धारक के डाक पते पर भेज दिया जाता है. इसकी सूचना खाते के कंट्रोल पैनल पर देखी जा सकती है. यह PIN किसी भी खाते के लिए एक बार ही जारी किया जाता है.
लिफ़ाफ़े में छपा हुआ PIN पाए जाने पर उसे खाते के कंट्रोल पैनल में निर्धारित स्थान पर प्रविष्ट किया जाता है. इस प्रक्रिया का मंतव्य यही जांच करने की है किव्यक्ति का पता सही है या नहीं. और जो चेक भेजा जाएगा वह सही जगह पहुंचेगा ही.
Google adsense payment method india
जब खाते में 100 अमेरिकी डॉलर या इससे अधिक हो जाते है तो इसे भारतीय मुद्रा में बदल कर वेबसाईट मालिक के नाम का अकाउंट पेयी चेक, उसके डाक पते पर भेज दिया जाता है. जिसे संबंधित व्यक्ति अपने उसी नाम वाले बैंक खाते में जमा कर सकता है.
… और यह क्रम अगले 100 अमेरिकी डॉलर या इससे अधिक होने तक चलता रहता है.
गूगल ऐडसेंस प्रक्रिया का Flow chart
… कुछ और बातें
गूगल ऐडसेंस से कमाई का ज़रिया इतना आकर्षक है कि बेहद मामूली व्यक्ति की बात छोडिए, बड़ी बड़ी कंपनियों की वेबसाईट्स इसके सहारे आमदनी बढाने में लगी हुई हैं. फिर चाहे वह समाचारपत्र -नवभारत टाइम्स हो, टीवी चैनल -आज तक हो या फिर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज !
भारत में, अपुष्ट जानकारी के अनुसार, गूगल ऐडसेंस से कमाई करने वालों की सूची में सबसे ऊपर हैं www.labnol.org वाले अमित अग्रवाल, जो एक महीने में 40, 000 डॉलर (25 लाख रूपए) कमाते हैं. पूरे विश्व की बात की जाए तो यह ताज़ www.ehow.com वालीं Courtney Rosen के सर पर है. वह एक महीने में 5,00,000 डॉलर (3 करोड़ रूपये) कमाती हैं. यह मज़ाक नहीं एकदम सच है.
लेकिन इतना आसान भी नहीं है ये. www.ehow.com के कुल 62,000 से अधिक पृष्ठ हैं जिन पर रोज़ाना 4 करोड़ से अधिक क्लिक्स होते हैं. www.labnol.org के कुल 9,000 से अधिक लिंक्स हैं जिन पर रोज़ाना 50 लाख निगाहें डालते हैं पाठक.
इंटरनेट पर बिखरी खबरें बताती हैं कि किसी लेख में कुछ विशेष शब्दों से संबंधित विज्ञापन पर पाठकों द्वारा एक बार ही क्लिक किए जाने पर गूगल ऐडसेंस वाले, वेबसाईट मालिक के खाते में एकमुश्त 150 डॉलर भेज देते हैं. विज्ञापन दर्शाने की रणनीति सटीक हो तो, इकलौता एक शब्द Insurance ही एक बार में करीब 55 डॉलर दिलवा सकता है.
गूगल ऐडसेंस जितनी रकम वेबसाईट मालिक को कमीशन के रूप में भुगतान करता है उससे कहीं ज़्यादा वह उस विज्ञापनदाता से प्राप्त करता है जिसने विज्ञापन दिया है. इसी गोरखधंधे के चलते 2013 कैलेण्डर वर्ष में गूगल को 55,51,90,00,000 डॉलर की आमदनी हुई है. मतलब 3,336,778,777,570 रूपये.
देखने में तो गूगल ऐडसेंस से कमाई करना बहुत आकर्षक लगता है लेकिन ऐडसेंस खाता बना लेने के बाद मेहनत बहुत करनी पड़ती है. पाठक आने बहुत ज़रूरी है, आते रहना ज़रूरी है. विज्ञापन ‘खींचने’ वाली उम्दा लेख सामग्री वाले पृष्टों की संख्या जितनी अधिक हो उतना अच्छा.
व्यक्तिगत तौर पर मैं इस काम को खेती-किसानी बागवानी सरीखा मानता हूँ. केवल बीज छिड़कना काफी नहीं. कैसी कतार बनाई जाए, पानी कब देना है, कितना देना है, कटाई छंटाई करनी पड़ती है, पशु पक्षियों से बचाव कैसे किया जाए आदि आदि. सारी मेहनत के बाद अगर मौसम खराब तो सब स्वाहा
स्वीकृत किए गए खाते में लॉगिन किए जाने पर विभिन्न आकार, प्रकार, रंग संयोजन वाले विज्ञापनों के डिजाईन तैयार किए जा सकते हैं और उसके परिणाम स्वरूप उत्तपन्न हुआ छोटा सा जावा स्क्रिप्ट कोड प्राप्त कर संबंधित वेबसाईट में डाल दिया जाता है.
वेबसाईट में विज्ञापन किस जगह दिखाए जाएं इसके लिए एक स्थापित तथ्य है जिसका पालन करना बहुत लाभदायक होता है. इसे हीटमैप कहा जाता है. ऊपर दिए गए चित्र के अनुसार पाठक की निगाह लाल, नारंगी, पीले रंग के स्थानों पर क्रमश: सबसे अधिक, कुछ कम और बहुत कम पड़ती है.
जैसे जैसे विज्ञापनों पर, पाठकों द्वारा किए गए वास्तविक क्लिक्स की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे गूगल ऐडसेंस खाते में रकम इकट्ठा होते जाती है. जब यह 10 डॉलर पहुँचती है तब गूगल की ओर से एक PIN जारी किया जाता है. जो खाता धारक के डाक पते पर भेज दिया जाता है. इसकी सूचना खाते के कंट्रोल पैनल पर देखी जा सकती है. यह PIN किसी भी खाते के लिए एक बार ही जारी किया जाता है.
लिफ़ाफ़े में छपा हुआ PIN पाए जाने पर उसे खाते के कंट्रोल पैनल में निर्धारित स्थान पर प्रविष्ट किया जाता है. इस प्रक्रिया का मंतव्य यही जांच करने की है किव्यक्ति का पता सही है या नहीं. और जो चेक भेजा जाएगा वह सही जगह पहुंचेगा ही.
Google adsense payment method india
जब खाते में 100 अमेरिकी डॉलर या इससे अधिक हो जाते है तो इसे भारतीय मुद्रा में बदल कर वेबसाईट मालिक के नाम का अकाउंट पेयी चेक, उसके डाक पते पर भेज दिया जाता है. जिसे संबंधित व्यक्ति अपने उसी नाम वाले बैंक खाते में जमा कर सकता है.
… और यह क्रम अगले 100 अमेरिकी डॉलर या इससे अधिक होने तक चलता रहता है.
गूगल ऐडसेंस प्रक्रिया का Flow chart
… कुछ और बातें
गूगल ऐडसेंस से कमाई का ज़रिया इतना आकर्षक है कि बेहद मामूली व्यक्ति की बात छोडिए, बड़ी बड़ी कंपनियों की वेबसाईट्स इसके सहारे आमदनी बढाने में लगी हुई हैं. फिर चाहे वह समाचारपत्र -नवभारत टाइम्स हो, टीवी चैनल -आज तक हो या फिर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज !
भारत में, अपुष्ट जानकारी के अनुसार, गूगल ऐडसेंस से कमाई करने वालों की सूची में सबसे ऊपर हैं www.labnol.org वाले अमित अग्रवाल, जो एक महीने में 40, 000 डॉलर (25 लाख रूपए) कमाते हैं. पूरे विश्व की बात की जाए तो यह ताज़ www.ehow.com वालीं Courtney Rosen के सर पर है. वह एक महीने में 5,00,000 डॉलर (3 करोड़ रूपये) कमाती हैं. यह मज़ाक नहीं एकदम सच है.
लेकिन इतना आसान भी नहीं है ये. www.ehow.com के कुल 62,000 से अधिक पृष्ठ हैं जिन पर रोज़ाना 4 करोड़ से अधिक क्लिक्स होते हैं. www.labnol.org के कुल 9,000 से अधिक लिंक्स हैं जिन पर रोज़ाना 50 लाख निगाहें डालते हैं पाठक.
इंटरनेट पर बिखरी खबरें बताती हैं कि किसी लेख में कुछ विशेष शब्दों से संबंधित विज्ञापन पर पाठकों द्वारा एक बार ही क्लिक किए जाने पर गूगल ऐडसेंस वाले, वेबसाईट मालिक के खाते में एकमुश्त 150 डॉलर भेज देते हैं. विज्ञापन दर्शाने की रणनीति सटीक हो तो, इकलौता एक शब्द Insurance ही एक बार में करीब 55 डॉलर दिलवा सकता है.
गूगल ऐडसेंस जितनी रकम वेबसाईट मालिक को कमीशन के रूप में भुगतान करता है उससे कहीं ज़्यादा वह उस विज्ञापनदाता से प्राप्त करता है जिसने विज्ञापन दिया है. इसी गोरखधंधे के चलते 2013 कैलेण्डर वर्ष में गूगल को 55,51,90,00,000 डॉलर की आमदनी हुई है. मतलब 3,336,778,777,570 रूपये.
देखने में तो गूगल ऐडसेंस से कमाई करना बहुत आकर्षक लगता है लेकिन ऐडसेंस खाता बना लेने के बाद मेहनत बहुत करनी पड़ती है. पाठक आने बहुत ज़रूरी है, आते रहना ज़रूरी है. विज्ञापन ‘खींचने’ वाली उम्दा लेख सामग्री वाले पृष्टों की संख्या जितनी अधिक हो उतना अच्छा.
व्यक्तिगत तौर पर मैं इस काम को खेती-किसानी बागवानी सरीखा मानता हूँ. केवल बीज छिड़कना काफी नहीं. कैसी कतार बनाई जाए, पानी कब देना है, कितना देना है, कटाई छंटाई करनी पड़ती है, पशु पक्षियों से बचाव कैसे किया जाए आदि आदि. सारी मेहनत के बाद अगर मौसम खराब तो सब स्वाहा
हम अपने खाते को कापीराईट से कैसे बचाये कोई तरीखा हो तो सर मुझे जरुर बतायै
ReplyDeleteशानदार पोस्ट … बहुत ही बढ़िया लगा पढ़कर …. Thanks for sharing such a nice article!! �� ��
ReplyDelete