गूगल ऐडसेंस ऐसे जानकारी जो हिला देगी आपको Google services
6 September 2018
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गूगल ऐडसेंस है क्या है?
गूगल ऐडसेंस, मशहूर सर्च इंजिन, गूगल की स्वामित्त्व वाली गूगल इनकार्पोरेटेड द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन विज्ञापन उपलब्ध कराने की मुफ्त सेवा है. मूल तौर पर, इन विज्ञापनों को वेबसाइटों के मालिक अपनी वेबसाईट्स में दिखा सकते हैं. यह विज्ञापन, शब्दों वाक्यों के रूप में, चित्र के रूप में या वीडियो के रूप में होते हैं. इन विज्ञापनों का सारा नियंत्रण, प्रबंधन, प्रशासन गूगल द्वारा किया जाता है.
जो विज्ञापन, वेबसाईट पर दिखाई देते हैं उन पर यदि वेबसाईट पर विचरण करता पाठक किसी भी कारण से क्लिक कर संबंधित विज्ञापनदाता की वेबसाईट पर जाता है तो गूगल, उस विज्ञापन दिखाने वाली वेबसाईट के मालिक को कुछ भुगतान करता है. थोड़ा थोड़ा करते हुए, यह भुगतान वेबसाईट मालिक के गूगल ऐडसेंस खाते में इकट्ठा होते जाता है और जब यह कमाई, 100 अमेरिकी डॉलर हो जाती है तो इसे भारतीय मुद्रा में बदल कर वेबसाईट मालिक के नाम का चेक, उसके डाक पते पर भेज दिया जाता है. (इस समय एक डॉलर की आधिकारिक विनिमय दर 60.05 रूपये है).
इंटरनेट से पहले भी ऐसा होता था क्या?
बिलकुल होता था. होता है. याद कीजिए अक्सर ही किसी पर्यटक स्थल पर आपको, पहुंचते ही, युवकों का दल घेर लेता है. जब आप कहते हैं कि दो दिन किसी होटल में रूक कर, रुचि वाली जगहें देख रेल से लौट जाने का इरादा है तो कोई आश्वासन देता है कि बढ़िया होटल वह दिला देगा, कोई कहता है कि इलाके की सैर के लिए टैक्सी का इंतज़ाम उसके पास है, कोई कहता है कि लौटने का रेल टिकट वह एजेंसी से बनवा देगा. अगर आप किसी की ना सुन आगे बढ़ गए तो कोई बात नहीं लेकिन उनकी सेवायें आपने लीं तो वे एजेंट-युवक, जिनको संबंधित काम सौंपेंगे उनसे कुछ पूर्व-निर्धारित रकम, कमीशन के तौर पर ले ही लेंगे.
गूगल एडसेंस की भाषा में आप पाठक हैं वेबसाईट के, काम करवा देने वाला युवक ब्लॉग, वेबसाईट का विज्ञापन है. विज्ञापनदाता वह एजेंसी है जिस तक आपको पहुंचाया जाता है, भुगतान प्रति एजेंट-युवक कहलाता है PPC -Pay per click और युवक की महीने भर की कमाई कहलाई एडसेंस कमाई :)
गूगल ऐडसेंस, मशहूर सर्च इंजिन, गूगल की स्वामित्त्व वाली गूगल इनकार्पोरेटेड द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन विज्ञापन उपलब्ध कराने की मुफ्त सेवा है. मूल तौर पर, इन विज्ञापनों को वेबसाइटों के मालिक अपनी वेबसाईट्स में दिखा सकते हैं. यह विज्ञापन, शब्दों वाक्यों के रूप में, चित्र के रूप में या वीडियो के रूप में होते हैं. इन विज्ञापनों का सारा नियंत्रण, प्रबंधन, प्रशासन गूगल द्वारा किया जाता है.
जो विज्ञापन, वेबसाईट पर दिखाई देते हैं उन पर यदि वेबसाईट पर विचरण करता पाठक किसी भी कारण से क्लिक कर संबंधित विज्ञापनदाता की वेबसाईट पर जाता है तो गूगल, उस विज्ञापन दिखाने वाली वेबसाईट के मालिक को कुछ भुगतान करता है. थोड़ा थोड़ा करते हुए, यह भुगतान वेबसाईट मालिक के गूगल ऐडसेंस खाते में इकट्ठा होते जाता है और जब यह कमाई, 100 अमेरिकी डॉलर हो जाती है तो इसे भारतीय मुद्रा में बदल कर वेबसाईट मालिक के नाम का चेक, उसके डाक पते पर भेज दिया जाता है. (इस समय एक डॉलर की आधिकारिक विनिमय दर 60.05 रूपये है).
इंटरनेट से पहले भी ऐसा होता था क्या?
बिलकुल होता था. होता है. याद कीजिए अक्सर ही किसी पर्यटक स्थल पर आपको, पहुंचते ही, युवकों का दल घेर लेता है. जब आप कहते हैं कि दो दिन किसी होटल में रूक कर, रुचि वाली जगहें देख रेल से लौट जाने का इरादा है तो कोई आश्वासन देता है कि बढ़िया होटल वह दिला देगा, कोई कहता है कि इलाके की सैर के लिए टैक्सी का इंतज़ाम उसके पास है, कोई कहता है कि लौटने का रेल टिकट वह एजेंसी से बनवा देगा. अगर आप किसी की ना सुन आगे बढ़ गए तो कोई बात नहीं लेकिन उनकी सेवायें आपने लीं तो वे एजेंट-युवक, जिनको संबंधित काम सौंपेंगे उनसे कुछ पूर्व-निर्धारित रकम, कमीशन के तौर पर ले ही लेंगे.
गूगल एडसेंस की भाषा में आप पाठक हैं वेबसाईट के, काम करवा देने वाला युवक ब्लॉग, वेबसाईट का विज्ञापन है. विज्ञापनदाता वह एजेंसी है जिस तक आपको पहुंचाया जाता है, भुगतान प्रति एजेंट-युवक कहलाता है PPC -Pay per click और युवक की महीने भर की कमाई कहलाई एडसेंस कमाई :)
बहु अच्छा है
ReplyDeleteVery nice sir
ReplyDeleteHallo sir ji namskar, sir muje adsense k bare mai janna hai flz btayega
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