लड़कियों महिलाओं में ल्यूकोरिय श्वेत प्रदर लक्षण घरेलू इलाज
4 April 2021
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देश ही नहीं पूरी दुनिया में हर उम्र के महिलाओं के बीच सबसे आम बीमारी ल्यूकोरिया की समस्या है, इसे सफेद पानी जाना भी कहते हैं। ऐसी स्थिति में महिला के गुप्तांग से सफेद रंग के लिक्विड का स्त्राव होता है। सामान्य स्त्राव और ल्यूकोरिया के बीच अंतर होता है। ल्यूकोरिया (Shveta Pradar ) दो प्रकार का होता है फिजियोलॉजिकल ल्यूकोरिया तथा इन्फ्लेमेटरी या पैथालाॅजिकल ल्यूकोरिया महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है
Type of white discharge in hindi language
1 - Physiologic leukorrhea - यह ल्यूकोरिया की सामान्य अवस्था है, हार्मोन के स्तर में परिवर्तन के कारण इस तरह का स्त्राव (डिस्चार्ज) होता है। यह स्थिति गर्भावस्था के शुरूआती समय में, सेक्सुअल एक्साइटमेंट, लड़कियों में युवावस्था में हो सकता है। जन्म के एक सप्ताह बाद तक (मातृत्व के एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण) नवजात बच्ची को भी हो सकता है
2 - Implantation leukorrhea - ऐसी स्थिति में स्त्राव पीले रंग का और दुर्गंध भरा हो सकता है। थकान, सिरदर्द, खुजली, कब्ज, पेट में मरोड़ या दर्द, पिंडली और कमर में दर्द होना ये लक्षण इन्फ्लमेटरी या पैथालाॅजिकल ल्यूकोरिया के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए
श्वेत प्रदर के कारण likoria Causes -
 खाने में पर्याप्त पोषण आहार लेना चाहिए ताकि शरीर में कमजोरी न रहे और किसी पोषक तत्व की कमी न हो।
 मसालेदार खाने की चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
 व्हाइट सुगर ( शक्कर) से बनी चीजों के सेवन से बचना फायदेमंद है।
 टिन या केन्ड डिब्बा बंद खाने के सेवन से बचिए।
 मैदे से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए
परफ्यूम, डियोडरेंट के ज्यादा प्रयाेग से बचना चाहिए क्योंकि यह ल्यूकोरिया की समस्या को बढ़ा सकता है
Swet pradar ka gharelu ilaj ayurveda treatment -
* आंवला पिसा एक चम्मच 2-3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30दिनों तक खटाई से परहेज करें।
* आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक होगा। आंवला में विटामिन सी होने से आपकी त्वचा ग्लो भी करेगी।
* केला खाकर ऊपर से दूध में शहद डालकर पियें। केला दूध अच्छी डाइट है इससे आपकी सेहत भी ठीक होगी। कमजोरी दूर होगी। ये कम से कम तीन माह लगातार लें, गर्म दूध में शहद न डालें।
* कच्चे केले की सब्जी खायें।
* दो केले में शहद डाल कर खायें।
* फालसा मौसम में जितना खा सकें खायें तथा इसका शर्बत बनाकर पियें।
* टमाटर खायें और हो सके तो कच्चा टमाटर ही खायें।
* सिंघाडे का आटा, रोटी खायें, हलुआ खायें।
* अनार के ताजे पत्ते मिल जायें तो 25-30 पत्ते लें और काली मिर्च के साथ पिसलें, उसमें आधा ग्लास पानी डालें छान कर रोज सुबह-शाम पियें।
* 100 ग्राम धुली मूंग तवे पर हल्का भून लें दो मुट्ठी चावल एक कप पानी में भिगा दें, दाल को पीसकर रख ले शीशी में अब इस चूरण को चावल भीगे पानी के साथ एक कप में घोलकर पी जायें।
* भूना चना पीसकर उसमें खाण्ड मिलाकर खायें और एक कप दूध में देशी घी डालकर पियें।
* भूना जीरा चीनी के साथ खायें फायदा होगा।
* गुप्तांगो को फिकरी के पानी से धोयें। सुबह-शाम।
* 10ग्राम सोंठ एक पाव पानी में डालकर काढा बनायें छानकर पीलें। करीब 15-20 दिन तक लगातार पियें।
* एक ग्राम कच्ची फिटकरी पिसी हुई, एक केले को बीच में से काटकर भर दें इसे दिन में या रात में एक बार खायें। सात दिन में प्रदर रोग ठीक हो सकता है।
* तुलसी के पत्तों का रस, उतना ही शहद लें। इसे सुबह-शाम चाटें।
*3 ग्राम शतावरी या सफेद मूसली, 3ग्राम मिश्री इनका चूरण सुबह-शाम गरम दूध से लें। श्वेत प्रदर तो ठीक होगा ही साथ कमजोरी तो ठीक होगी ही साथ स्वास्थ्य ठीक होगा।
*माजू फल, बड़ी इलायची, मिश्री, समान मात्रा में लेंकर पीस लें एक दिन में तीन बार 21दिन तक लें।
*सुबह-शाम दो चममच प्याज का रस बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पियें।
*हल्दी चूरण चीनी के साथ लें श्वेत प्रदर ठीक होगा।
* नागर मोथा, लाल चंदन आक के फूल, चिरायता, दारूहल्दी, रसौता सबको 25-25 ग्राम लें तीन पाव पानी में उबालें आधा पानी रह जाय तो छानकर रख दें उसमे 100ग्राम शहद मिलाकर दिन में दो बार 50-50ग्राम लें हर प्रकार का प्रदर ठीक होजाताहै।
* तुलसी का रस 10 ग्राम चावल के माड में मिलाकर पीने से एक सप्ताह में यह रोग ठीक हो जाएगा। इस दवा के खाने तक दूध भात खायें या भात खाना होगा।
* हाइड्रोथैरेपी/ हिप बाथ/ कोल्ड बाथ वजाइन क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, ठंडे पानी से नहाने से पेड़ू में रक्त के जमाव की स्थिति में इस हाइड्रोथैरेपी को अपनाने से ल्यूकोरिया की समस्या में आराम मिलता है
इलाज के लिये जो भी चीजें इस्तमाल की गयी हैं वो सब आपकी कमजोरी को दूर करने के साथ-साथ आपके शरीर को हष्ट-पुष्ट भी बनाएगी।
Type of white discharge in hindi language
1 - Physiologic leukorrhea - यह ल्यूकोरिया की सामान्य अवस्था है, हार्मोन के स्तर में परिवर्तन के कारण इस तरह का स्त्राव (डिस्चार्ज) होता है। यह स्थिति गर्भावस्था के शुरूआती समय में, सेक्सुअल एक्साइटमेंट, लड़कियों में युवावस्था में हो सकता है। जन्म के एक सप्ताह बाद तक (मातृत्व के एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण) नवजात बच्ची को भी हो सकता है
2 - Implantation leukorrhea - ऐसी स्थिति में स्त्राव पीले रंग का और दुर्गंध भरा हो सकता है। थकान, सिरदर्द, खुजली, कब्ज, पेट में मरोड़ या दर्द, पिंडली और कमर में दर्द होना ये लक्षण इन्फ्लमेटरी या पैथालाॅजिकल ल्यूकोरिया के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए
श्वेत प्रदर के कारण likoria Causes -
- पोषण आहार की कमी, अस्वच्छता
- गर्भाशय में कोई चोट या गर्भावस्था के समय किसी टिशू (ऊतक) में चोट आना।
- यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
- बैक्टीरिया या किसी अन्य फंगल इंफेक्शन।
- वजाइनल कान्ट्रसेप्टिव के प्रयोग से होने वाली जलन के कारण।
- पार्टनर के एक्सटर्नल कान्ट्रसेप्टिव के प्रयोग करने से होने वाली जलन के कारण।
- डायबीटिज या एनीमिया
 खाने में पर्याप्त पोषण आहार लेना चाहिए ताकि शरीर में कमजोरी न रहे और किसी पोषक तत्व की कमी न हो।
 मसालेदार खाने की चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
 व्हाइट सुगर ( शक्कर) से बनी चीजों के सेवन से बचना फायदेमंद है।
 टिन या केन्ड डिब्बा बंद खाने के सेवन से बचिए।
 मैदे से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए
परफ्यूम, डियोडरेंट के ज्यादा प्रयाेग से बचना चाहिए क्योंकि यह ल्यूकोरिया की समस्या को बढ़ा सकता है
Swet pradar ka gharelu ilaj ayurveda treatment -
* आंवला पिसा एक चम्मच 2-3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30दिनों तक खटाई से परहेज करें।
* आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक होगा। आंवला में विटामिन सी होने से आपकी त्वचा ग्लो भी करेगी।
* केला खाकर ऊपर से दूध में शहद डालकर पियें। केला दूध अच्छी डाइट है इससे आपकी सेहत भी ठीक होगी। कमजोरी दूर होगी। ये कम से कम तीन माह लगातार लें, गर्म दूध में शहद न डालें।
* कच्चे केले की सब्जी खायें।
* दो केले में शहद डाल कर खायें।
* फालसा मौसम में जितना खा सकें खायें तथा इसका शर्बत बनाकर पियें।
* टमाटर खायें और हो सके तो कच्चा टमाटर ही खायें।
* सिंघाडे का आटा, रोटी खायें, हलुआ खायें।
* अनार के ताजे पत्ते मिल जायें तो 25-30 पत्ते लें और काली मिर्च के साथ पिसलें, उसमें आधा ग्लास पानी डालें छान कर रोज सुबह-शाम पियें।
* 100 ग्राम धुली मूंग तवे पर हल्का भून लें दो मुट्ठी चावल एक कप पानी में भिगा दें, दाल को पीसकर रख ले शीशी में अब इस चूरण को चावल भीगे पानी के साथ एक कप में घोलकर पी जायें।
* भूना चना पीसकर उसमें खाण्ड मिलाकर खायें और एक कप दूध में देशी घी डालकर पियें।
* भूना जीरा चीनी के साथ खायें फायदा होगा।
* गुप्तांगो को फिकरी के पानी से धोयें। सुबह-शाम।
* 10ग्राम सोंठ एक पाव पानी में डालकर काढा बनायें छानकर पीलें। करीब 15-20 दिन तक लगातार पियें।
* एक ग्राम कच्ची फिटकरी पिसी हुई, एक केले को बीच में से काटकर भर दें इसे दिन में या रात में एक बार खायें। सात दिन में प्रदर रोग ठीक हो सकता है।
* तुलसी के पत्तों का रस, उतना ही शहद लें। इसे सुबह-शाम चाटें।
*3 ग्राम शतावरी या सफेद मूसली, 3ग्राम मिश्री इनका चूरण सुबह-शाम गरम दूध से लें। श्वेत प्रदर तो ठीक होगा ही साथ कमजोरी तो ठीक होगी ही साथ स्वास्थ्य ठीक होगा।
*माजू फल, बड़ी इलायची, मिश्री, समान मात्रा में लेंकर पीस लें एक दिन में तीन बार 21दिन तक लें।
*सुबह-शाम दो चममच प्याज का रस बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पियें।
*हल्दी चूरण चीनी के साथ लें श्वेत प्रदर ठीक होगा।
* नागर मोथा, लाल चंदन आक के फूल, चिरायता, दारूहल्दी, रसौता सबको 25-25 ग्राम लें तीन पाव पानी में उबालें आधा पानी रह जाय तो छानकर रख दें उसमे 100ग्राम शहद मिलाकर दिन में दो बार 50-50ग्राम लें हर प्रकार का प्रदर ठीक होजाताहै।
* तुलसी का रस 10 ग्राम चावल के माड में मिलाकर पीने से एक सप्ताह में यह रोग ठीक हो जाएगा। इस दवा के खाने तक दूध भात खायें या भात खाना होगा।
* हाइड्रोथैरेपी/ हिप बाथ/ कोल्ड बाथ वजाइन क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, ठंडे पानी से नहाने से पेड़ू में रक्त के जमाव की स्थिति में इस हाइड्रोथैरेपी को अपनाने से ल्यूकोरिया की समस्या में आराम मिलता है
इलाज के लिये जो भी चीजें इस्तमाल की गयी हैं वो सब आपकी कमजोरी को दूर करने के साथ-साथ आपके शरीर को हष्ट-पुष्ट भी बनाएगी।
Hello. It’s Nice Post. Physical as well as psychological causes are equally important for this problem in women. And herbal Way is the best solution for white discharge. Try natural solution for white discharge. visit http://leukorrheatreatment.com/
ReplyDeleteLeucorrhoea, commonly known as whites, refers to a whitish discharge from the female genitals caused by the presence of infection in vaginal tissues. Symptoms like pain in the lumbar region and the calves and a dragging sensation in the abdomen. For leucorrhoea natural treatment visit http://www.hashmidawakhana.org/lady-care-for-leucorrhoea-treatment.html
ReplyDeleteI prefer herbal treatment for leucorrhoea. It is fortified with natural ingredients.It cures the disease from the root.visit http://leukorrheatreatment.com/
ReplyDeleteHello! Very Useful Post This Is a major problem in women’s life take leucorrhoea treatment with natural herbs this is the only way to give you result without any side effect. visit http://www.dradvice.in/female-health-manstural-problem-leucorrhea-white-discharge.html
ReplyDeleteThanks for sharing your post. Try herbal supplement for leucorrhoea for safe and effective result. It provides long term relief and has no ill health effects.
ReplyDeleteNatural leucorrhoea treatment is very safe and effective. It is suitable for females of all ages.
ReplyDeleteNatural white discharge treatment takes care of females leucorrhoea and menstrual period problem.
ReplyDeleteThanks for sharing very useful post. Leucorrhoea herbal supplement targets the root cause of the disease rather than symptoms.
ReplyDeleteLeucorrhoea is very painful and uncomfortable. Female can eliminate this issue with effective leucorrhoea treatment.
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